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prajapti gi
जाने वाला चल गया अब आ गया तेरा भाई टाइगर श्रॉफ ©prajapti gi टाइगर श्रॉफ
Neha Bhargava (karishma)
जीना था, आगे बढ़ना था. इन मुश्किलों से यू न डरना था.. जज़्बात जो ना समझ पाया.. आखिर क्यों.. उसके लिए जिन्दगी को दांव पर लगाया माना मुश्किल तेरी बड़ी थी पर इतना भी क्यों तू डरी थी एक तरफा इश्क में.. अपनो के साथ तो खड़ी थी ये नही कहती,तू गलत थी मानती हूं, मौत..तेरे लिए जीवन से सरल थी जिसके लिए तेरे आंसू की कीमत ना थी उसके लिए तेरे दिल में इतनी तड़प थी.. एक बार आगे बडकर तो देखती जिंदगी से लड़कर तो देखती अपनी के लिए जीकर तो देखती मौत.. मुश्किलों का हल नहीं होता चले जाते हैं हम तो छोड़कर मगर मां बाप का गम कम नहीं होता जिंदगी की सूरत एक नहीं होती हर शक्श की नियत नेक नहीं होती.. ©Neha Bhargava (karishma) #आयशा
nensi gangele
छोटी सी ज़िन्दगी में बड़े से ख़्वाब थे मेरे लड़की कमज़ोर नहीं , मज़बूत थी में बस ज़रा सी मेरी ही गलती थी , हद से ज्यादा अहमियत मैने ही उसे दे कर रखी थी अपने सपनों को सब्र देकर, उसके सपनों को अपनी आंखों से देखने की चाह थी मेरी, में कमज़ोर नहीं थी , पर कदम से कदम मिलाकर चलने की कसमें वादे निभा रहीं थीं जज़्बात मेरे सस्ते नहीं थे, पर रिश्तों की अहमियत मेरे लिए आस्था थी, पर शायद उस इंसान पर जज़्बात लुटा दिए थे,जो इसके काबिल नहीं था , कहना चाहा था, रहनुमा जिसे वहीं मेरा गुनहगार था औरत को कमज़ोर कहने वाला, वह खुद छोटी सोच का गुलाम था,पर अपमान की झंकार मेरे कानो में थी बार बार अस्तित्व पर पड़ी चोट ने मुझे तोड़ दिया जिंदगी मेरी बदतर अपनो ने की थी, सिसकियां भी मेरी मेरे कानों में शोर सी थी , हा मैने अपनी ज़िंदगी की ज्योति साबरमती में बुझादी, हार चुकी हूं अब , जाते जाते इक बात जरूर कहुगी , प्यार दो तरफा कर लेना इक तरफा कभी नहीं ,ताकि फिर कोई आयशा अपने ही हाथों ,अपनी ही ज्योति बुझाने की मजबूर ना हो ©nensi gangele #आयशा sucide case #nojoto poetry #justice or आयशा #standAlone
Varsha
Manju Rathore
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
जैकी श्रॉफ के किस डायलाग ने आपको दीवाना बना दिया? #JackieShroff #HappyBirthday #QandA
Slumdog Entertainment
सुसि ग़ाफ़िल
मुस्कुराता दर्द और भोली सी लड़की , उफान खाती नदी की शांत धारा बन गई! वो आयशा अब हवा बन गई , जालिम जमाने की नजरें गवाह बन गई! दुआएं क्या कि उसने खुदा से, जन्म जन्म के लिए जुदा करदे इंसानों से ! मोहब्बत के उसूलों पर सवाल कर गई , इस जमाने के खेल की शिकायत खुदा से कर गई! सब कुछ तो अच्छा था यहां , एक तरफा मोहब्बत उसको घायल कर गई! आंसू की बहती धारा और मोन की चीखें, साबरमती मां के आंचल में पवित्र हो गई! आयशा पर लिखी है कुछ पंक्तियां जिसने अभी आत्महत्या की है साबरमती नदी में!