Find the Latest Status about आखिरी खत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आखिरी खत.
Sandhya Srivastva
आख़िरी खत मेरे मेहबूब के नाम का था तब दिल बहुत परेशान सा था किस्मत के हाथों मजबूर थे हम कह दिया हमनें भी अलविदा उसे मेरी सांसों पे हक जिसके नाम का था #आखिरी खत।
S.B
ख़त मेरा वो आखिरी खत ,जो तुमने पडा ही नही,कुछ तो कुदरत की भी शाजिश होगी हमे यूं एक दुसरे से जुदा करने मे🤨 dil se.. #मेरा वो आखिरी खत।।।
radhe
🌹अब मत करना stuas का इंतजार हमारा आएगे लौटकर एक फिर दोबारा अगले महीने जन्मदिन जो है तुम्हारा आप कुछ स्पेशल जो हो इसलिये कुछ अलग होगा विसेज हमारा🌹 🌹🌹राधेय🌹🌹 ©radhe आखिरी खत लव #safar
sidpoetryclub
इस क़दर कड़वाहट आयी उसकी बातों में, कि आखरी खत दीमक से भी ना खाया गया..। कड़वाहट और आखिरी खत
Devil
सुनो बस तुम्हें एक खत आखिरी बार लिखना चाहता हूँ, अल्फ़ाज़ नही जज़्बात आखिरी बार लिखना चाहता हूँ, तुम्हें उस खत में बताना चाहता हूँ, कैसे नहीं हो पाती है मेरी नीदें मुक्कमल, कैसे आँखों को अश्क़ों में भिगोता हूँ , कैसे करवटें बदल- बदल कर रातों को गुजारता हूँ बंद अँधेरे कमरे में अक्सर खामोश सा रहता हूँ मोहब्बत क्या गुनाह है बस इसी सोच में खोया रहता हूँ उस खत में लिखना चाहता हूँ मैं तुम्हे कैसे सितम सह कर तुमसे मिले छिपाएँ हैं मैंने तेरे लिए अश्क़ अनगिनत बहायें हैं मैंने , तू छोड़ गया मुझे किसी और की पहली मोहब्बत को भुलाने के खातिर , कैसे खुद को तुझे भुलाने के लिए मजबूर किया है मैंने आता नही मुझे तेरी तरह तुझे अलविदा कहना मुझे बस रोकर अश्क़ों के घूट पीकर जीना सीखा है मैंने सुनो मेरी आवाज को महफूज कर लेना अपने जेहन में, मेरे बाद सन्नाटा बहुत होगा , अब बस बहुत हुआ arya तुम्हें आवाज न देगा, ........ 🖤🖤🖤 ARYA ©PrabhatArya आखिरी खत🖤🖤🖤
Kuch Unsuni Si Baatein R@j ki
डिअर माही ।।।!! वो शाम कुछ अजीब थी .. ये शाम भी अजीब है ..!! तुम कल भी आस पास थी ... तुम आज भी करीब हो...!! डियर माही दो महीने से ज्यादा हो गया है लेकिन मैंने कुछ नहीं लिखा है ..!! तो sorry कहूं या फिर चलेगा..!! वैसे क्या फर्क पडेगा ये तो सिर्फ दो महीने हुए है बाकी ख़त के सवालों का जवाब तो काफी महीनों से नही आया है ...!! काफी महीने हो गये ना But Thankfully मुलाकात में इतना वक्त नही लगा...!! वो थोडे कम वक्त में हो गई..!! वो मुलाकात ही क्या जिसमे कोई बात ना हो ...और वो बात ही क्या जिसकी कोई याद ना हो ..!! आज उसी मुलाकात की बात को याद करता हूं..! उसी शाम की बात करता हूं..!! जब तुम आस पास थी... और हम करीब थे..!! अच्छा माही एक बात बताओं तुम्हारे साथ कभी ऐसा हुआ है कि तुम किसी के साथ बैठी हो और उसके साथ बात करते करते तुम्हे पता ही नहीं चले कि वो वक़्त कहाँ गुज़र रहा है ..!! हुआ है कभी ऐसा ?? वैसे हमारी मुलाकात के वक़्त मेरे साथ थोड़ा उल्टा हो रहा था ..!! मुझे हर वो सेकंड महसूस हो रही जो तुम्हारे बीतते बीतते गुज़र रही थी ...! ऐसा लग रहा था कि गुज़र वक़्त रहा है पर बीत मैं रहा हूँ ..!! बड़ी हसीं थी वो मुलाकात ...हाईवे की वो सड़क , डूबता हुआ सूरज और थोड़ी सी ठंडी हवा तुम-मैं, कुछ बातें और कुछ गाने ...!! मतलब ये ख्वाब था या हकीकत ?? ख्वाब ही होगा ...बिलकुल इन सब खत की तरह सच्चाई से नज़दीक और फिर भी सच्चाई से दूर ...!! वैसे मुझे कई बार ये पूछने का मन भी किया कि तुम्हे ये खत मिले भी या नहीं और अगर मिले तो तुमने पढ़े या नहीं ..!! और अगर पढ़े भी तो तुमने जवाब देने का सोचा भी या नहीं ...!! ये सब सवाल एक साथ पूछने का मन किया थोड़ा गुस्सा करने का भी मन किया पर फिर ख्याल आया कि इस मुलाकात के नशे को इन सवालों से नहीं उतारना ...!! फिर कभी करेंगे शिकायते अभी जी लेते है चन्द यादें ...!! अच्छा माही एक बात बताऊ सच बात थोड़ा तो थोड़ा सा दर्द तो है ...!! तेरे होने के बावजूद ना होने से दर्द तो है ...पहले तुम्हारे होने की आदत थी अब तुम्हारे ना होने की आदत है ...!! ये आदतों की घुटन का दर्द तो है ...! चाय पीते पीते तुम्हे याद कर तो लेते है लेकिन जल्दी जल्दी में गर्म चाय अगर होठो से लग जाये तो उसी गर्म चाय का दर्द तो है ...!! तुम्हारे साथ ज़्यादा वक़्त बिताने की चाह में ...फिर से ना देखनी पड़े उस राह में ...!! एक ही जगहे बार बार रखने का दर्द तो है ..!! दर्द है कि बात शुरू तो होती है लेकिन आगे नहीं बढ़ती ...दर्द है बात शुरू होती है लेकिन बात बनती नहीं ..!! दर्द है उस ना को ना नहीं समझ पाने का ...दर्द है उस हाँ को किसी ही हाँ में पाने का ...! दर्द है तुम्हे देख के खुश होने का ...दर्द है मुझे देख कर तुम्हारे रुद्र होने का ...!! हाँ दर्द तो है ...!! थोड़ा तो थोड़ा सा दर्द तो है...!! पर छोड़ो ये बात आज का दर्द यही तक ...! मिलते है अगले खत में तब तक प्लीज अपना ख्याल रखना , वैसे कहने की जरूरत नहीं है पर पता नहीं क्यों ये कहने में मुझे बहुत अच्छा लगता है जब कहता हूं की तुम्हारा ख्याल रखना ..! ऐसा लगता है की मैं खुद को कह रहा हूँ की अपना ख्याल रखना और नहीं रख पाई तो मैं तो हूं भले ही मै नहीं फिर भी अपना ख्याल रखना माही ..! वहीं तुम्हारा जाना पहचाना सा अजनबी..!! (R@j) #कुछ आखिरी खत माहीं (जिंदगी)
Kuch Unsuni Si Baatein R@j ki
डियर माही कभी कभी लगता है कि कोई तो हो जो सुने तो सुने बस मेरी निगाह को...! क्योंकि जुबान पर अक्सर ताले और नज़रों में बहुत सारी कहानियां रखता हूं मैं..!! वो मुझसे बात करने आए और कहे कि मुझसे नजरे मिलाओ ...! फिर हो यूं कि वो कहे कि कुछ कहना चाहते हो..! जो नहीं कहना चाहते हो वो तो मैंने सुन लिया..!! दिल तो हर जगह से टूटा हुआ है मेरा ..! दिल के हर कोने और दीवार मे छेद है लेकिन कोई तो हो जो झांक कर अंदर आने में दिलचस्पी रखें.., झांक कर भागने में नहीं..!! दिल तो ढेर हो चुका है जो एक घर है, जो मरम्मत नहीं मांगता है बस सौहबत मांगता है...!! उस सख्स की जो कि इसकी टूटी हुई दीवारों के अंदर आकर इसे जोर जोर से यह बताएं कि इस की बची कुची दीवारें मैली है..! जो रंगी जा सकती है ...!! कुछ तस्वीरें टंगी है अब भी पुरानी जो फेकीं जा सकती है..! हां काफी नुकसान हुआ है दरों दीवार के टूटने से, मगर इसकी बुनियाद अब भी सलामत है..!! कोई तो हो जो देखें बस देखें मुझको ... कहें मुझसे कि ये मुसकुराहट खुबसूरत तो है मगर खास नहीं ..!! खास है यह जख्म जो तुने कमाएं है , पहने नहीं...! कहे मुझसे कि ये खुशी मेरी है..मैं नहीं ...!! कहे मुझसे कि जो मैं दिखता हूं ना.. वैसा मै हूं नहीं..!! कहे मुझसे कि मैं अपनी नज्मो को , अपनी आंखों का पर्दा बनाकर रखता हूं ...! पर्दा जिसके आर पार दिखता है..!! कहे मुझसे कि मेरी मुस्कराहटें मेरी नाकाम कोशिशें सी है..! अपने जज्बात पर लगाम लगाने की..!! कहे मुझसे कि ये नकाब उतार के रख दे और तु आईना देख महज खुद को देखने के लिए , छुपाने के लिए नहीं ..!! कहे मुझसे कि तु दर्द का चेहरा है , दरारों से भरा हुआ , बिगड़ा हुआ ...!! दर्द जो हसीन है , इश्क है ..!! कहे मुझसे कि तु दर्द है जो हसीन है , इश्क है ..!! (...R@j) #कुछ आखिरी खत माहीं (जिंदगी) को
Kuch Unsuni Si Baatein R@j ki
डियर माही। मुझे नहीं पता मैं कैसा हूं...! अच्छा हूं या बुरा ..! मै बस इतना जानता हूं कि मुझे तुमसे मौहब्बत है...!! हमने हमारे रिश्ते को इतना मजबूत बनाया है कि ये छोटी मोटी नोंक झोंक , तुम्हारी रुसवाईयां या फिर मेरे गुस्से से बिखर नहीं सकता...!! क्योंकि इसे सींचा है हमने अपना चैन और सुकुन देकर..! अपनी जिदगी के किमती पल, रातों की नींद देकर ..! हमने बच्चे की तरह पाला है इस रिश्ते को..!! थोड़ी सी फटकार के साथ और बहुत सारे प्यार के साथ...!! सुबह जागता हूं तो तुम्हारे ख्याल के साथ और रात को सोता हूं तो तुम्हारी यादों के साथ...! कभी तुम्हे एक पल भी याद ना कर पाऊ तो खुद के लिए ही गुनहगार हो जाता हूं..!! लाख परेशानियों को दरकिनार करते हुए कोशिश होती है तो सिर्फ तुम्हे पाने की...!! ये सारी परेशानियां तुम्हारी एक आवाज से किस तरह ठीक हो जाती थी, मैं आज तक समझ नही पाया..!! इस से ज्यादा कोई किसी को और क्या चाहे ...!! मैंने ये कभी नहीं सोचा कि तुम्हारे बिना भी रहना पड सकता है मगर समय किस और करवट ले कौन जानता है...!! इसलिए तुमसे जो ये चन्द बातें कहना चाहता हूं कि हम समाज से लड सकते है, रिवाज से लड सकते है , लेकिन नीयति से नही क्योंकि नीयति से लडना हमारे बस में नही क्योंकि हम इंसान हैं...!! मगर हमारा प्रेम नीयती से भी लड़ेगा...!! क्योंकि उसे जिंदा रहना है...!! अगर हम एक ना हो पाए तो तुम खबराना मत क्योंकि तुम जब जब मेरे ख़त पढ़ोगी, तुम्हें मैं मिलुगा और मैं जब जब कहानियों के लिए किरदार ढूढूगा मुझे सिर्फ तुम मिलोगी...!! तुमको हैप्पी स्माईली वाला " Rose Day " मुबारक हो...!! उसी दिल की गहराई से मुबारक हो जहां तुम रहती हो...!! अपना ख्याल रखना , अच्छा लगता है जब कहता हूं की तुम्हारा ख्याल रखना ..! और नहीं रख पाई तो मैं तो हूं भले ही मै नहीं फिर भी अपना ख्याल रखना माही ..! वहीं तुम्हारा जाना पहचाना सा अजनबी..!! (R@j) # कुछ आखिरी खत माही (जिंदगी) को
Kuch Unsuni Si Baatein R@j ki
डिअर माही ..!! अगली मुलाकात के लिए हम दोनों को ज़रुरत होगी।..! मुझे थोड़ी हिम्मत की और तुम्हे थोड़ी फुर्सत की तो मै, तुम, मेरी हिम्मत और तुम्हारी फुर्सत जब साथ बैठेंगे तो कुछ बातें करनी है तुमसे ..!! अच्छा वो बातें नहीं जो मेरे सवाल से शुरू होकर तुम्हारे जवाब पर खत्म हो जाया करती है..;!जिन्हे बढ़ाने के मुझे एक नया सवाल सोचना पड़ता है..! बल्कि वो बातें जो एक बार ख़त्म हो गयी तो कोई सवाल उन्हें वापस शुरू नहीं कर पायेगा ...!! और उन बातों के साथ खत्म होगा वो रिश्ता जो पिछले ६ महीने से किसी महंगे हॉस्पिटल के किसी इमरजेंसी वार्ड में लेटा है।।! जिसके बचने की हर उम्मीद भी अधमरी पड़ी है ..! तुम उस उम्मीद को पूरी तरह मार जाना और जाना तो बता कर जाना ।।।!! कि कुछ ख्वाब अधूरे बाकि है ।।! बहुत ज़िम्मेदरिया है मेरे कंधो पर लेकिन यक़ीन मानो जिस वक़्त ज़िंदगी की लगी पड़ी थी ।।! चारो तरफ से ग़मों की बारिश हो रही थी ।।! एक तुम्हारी मुस्कान ही थी जो उस बारिश में छतरी का काम करती थी ।।!! और ये जो तुम्हारा भरोशा था ना मुझ पर , पता नहीं सच्चा या झूठा ।पर ये मेरे लिए हर नामुमकिन काम को बहुत आसान बना दिया करता था ।।! ये भरोशा कुछ पल और रुक जाता .., ये मुस्कान यु ही नज़र आती ।।।। मेरी जान मै पूरी दुनिया जीत लाता ...!! खैर अब तुम मुझे यही छोड़ कर उस ख्वाब को भी अधूरा तोड़ कर जाना ।।!और जब जाना तो बता कर जाना ।।!! मेरी कोशिशें भी अब थकने लगी है , हर वक़्त एक ही सवाल रहता है मेरा खुद से कि ऐसा क्या है जो अब तक संभाले हुई है इस रिश्ते को ।।! वरना तुम तो कब का हार बैठी थी।।..!! वो कौनसा वक़्त ,कौनसी घडी , कौनसा पल था जब हम दोनों के बीच दूरियों ने जगहे बनायीं।।! अरे तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही...?? ये लबो पर इतनी ख़ामोशी अंदर शोर भी है क्या ।।? मिज़ाज़ क्यों बदला है बोलो ना , मैं कोई गैर हूं क्या ..! खैर क्या ही फर्क पड़ता है ।।! लेकिन एक बात हमेशा याद रखना एक शायर कि मोहब्बत हो तुम , ग़मों में भी मुस्कुराओगी...। अभी-अभी तो इश्क़ हुआ था मुझे , अभी-अभी तू मिला था मुझे ...!! तो यादें सारी मिटा कर जाना और जब जाना तो बता कर जाना..!! और मेरा प्यार सच्चा लगे तब हो सके तो वापस लौट आना..!! तब तक अपना ख्याल रखना ,अच्छा लगता है ,जब तुम्हे कहता हूँ अपना ख्याल रखना ..!! और नहीं रख पाई तो मै तो हूँ भले ही मै नहीं फिर भी अपना ख्याल रखना माही ..!!वही तुम्हारा जाना पहचाना सा अज़नबी ...!! (...R@j). #कुछ आखिरी खत माहीं (जिंदगी) को
Kuch Unsuni Si Baatein R@j ki
डियर माही। हमने देखी है इन आंखों की महकती खुशबू , हाथ से छू कर इन्हें रिश्तो का इल्ज़ाम मत दो...! सिर्फ एक अहसास है रूह से महसूस करो...!! प्यार को प्यार ही रहने दो , कोई नाम ना दो...!! चलो ठीक है तुम्हारी बात को मान कर इस प्यार को मैं प्यार ही रहने देता हूं , इस बेनाम रिश्ते को बेनाम ही रखता हूं...!! डियर माही कैसी हो ?? तुमने एक बात नोटिस की, पहले हर शाम बात होती थी...! फिर हर तीसरे दिन और फिर हर हफ्ते , और अब महीने में एक , दौ बार बात हो जाती है तो हो जाती है...!! मुश्किल है ना , खुद से बात करना मुश्किल है...! इंसान खुद से कितनी ही बातें करें एक वक्त के बाद थक ही जाएगा...!! हां वो बात अलग है कि यहां थकान का "था" भी नहीं है...! क्योंकि मैं तो खुद से नहीं ख़ुदा से बात करता हूं...! अपनी जिंदगी से बात करता हूं ...! कुछ अपनी , कुछ तुम्हारी , और कुछ हमारी अनकही , अनसुनी सी बात करता हूं..!! I know थोड़ा cheeze और फिल्मी है पर मैं नहीं सुधरूगा sorry...!! वैसे कुछ लिखा है..! शायद मीटर में नही है पर दिलोंमीटर में है...! सुनोगी। ??माही तुम पता है , क्या हो ...!! एक खुबसूरत सी किताब के पन्नो की खुशबू हो...! पुरानी डायरी को खुलते ही मेरे रुबरु हो ...!! तुम गरमी के मौसम में छत पर सोने वाला सुकून हो...! तुम बारी बारी गिर कर सम्भल जाने वाला मेरा जुनून हो...! जिस को मैं हर पल महसूस करता हूं , वो अहसास और सुकून हो ...!! तुम्हारी यादों की गोदी में जब मैं और मेरे ख्याल सो जाते हैं तो दुःख और दर्द कहां नजदीक आ पाते हैं...!! तुम क्या हो यार ? कभी कभी तो यह सोचता हूं तुम क्या हो जो मुझे तुम्हारे बारे में लिखने पर मजबूर कर देती हो ...! तुम क्या हो ? ना रह कर भी साथ रहती हो..!बिन बोले भी सब कुछ कह देती हो..!! भले इस में तुम्हारी नहीं मेरी गलती हो लेकिन ना रह कर भी तुम हर पल मेरे साथ रहती हो...!! तुम क्या हो ??? वैसे तुम मेरी जिदगी हो...!! The Famous word played . तुम क्या हो और क्या तुम हो ?? वैसे play से याद आया थोड़े दिन पहले मेरी एक खत था जिसमें हमारी मुलाकात का जिक्र हुआ था...!! अरे वो ख़त जिसे लिखते मेरी आंखें जरा नम हो गई थीं...!! उस किस्से की बात चल रही थी...! मेरे खत को पढ कर एक मोहतरमा पूछ बैठी कि क्या सच में आखे नम हुई थी या फिर शब्दों का कमाल था...? लगता है उन्होंने कभी किसी के लिए इंतजार नहीं किया होगा..!! लगता है उन्होंने कभी किसी को रोकने के लिए रुह का इजहार नहीं किया होगा..!! लगता है उन्होंने कभी मन की स्याही से दिल के कागज पर लिखा नहीं होगा..!! लगता है उन्होंने कभी खुद को गंवाने के बाद भी खुश रहना सीखा नहीं होगा..!! लगता है उन्होंने कभी तुम से प्यार नहीं किया होगा..!! लगता है उन्होंने कभी मुझ प्यार नहीं किया होगा..!! लगता हैं......!!!! हां लगता है , इंतजार की सुईयों की हर चाल का , यहां दिऔऔल पर लगता है , और साथ में सुकून भी लाता है ...!! Do you know तुम्हारा इंतज़ार करने में अजीब सी कशमकश है, दर्द भी और सुकून भी...! सजा भी और मज़ा भी...!! ऐसा कभी होता है क्या, पर तुम्हारा इंतज़ार करते करते होता है...!! Anyway इस बार का खत जिसका आगाज़ भी अलग और अदाज भी अलग...!! Do you know , मुझे एक गाना बहुत पसंद हैं..! बारी बारी सुनने पर समझ आया उसमे में भी तुम्हारा जिक्र है...!! बड़े अच्छे लगते है, यह धरती , ये नैना और तुम बड़े अच्छे लगते हैं...!! हम तुम कितने पास हैं कितने दूर है चांद सितारे , सच पूछो तो मन को झुठे लगते हैं ये सारे ...!! मगर सच्चे लगते है यह धरती , ये नैना और तुम ....!! तुम अपना ख्याल रखना माही , अगर मिलना लिखा होगा तो अब सिर्फ ख्यालो या सवालों में नहीं.... ज़िन्दगी के जवाबो में मिलेगे...!! मिलेंगे ज़रुर मिलेंगे...!! अच्छा तब तक अपना ख्याल रखना माही ..! वहीं बेनामी रिश्तों में नाम ढूंढता तुम्हारा जाना पहचाना सा अजनबी..!! (R@j) #कुछ आखिरी खत माही (जिंदगी) को