Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पठार Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पठार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पठार.

    PopularLatestVideo
8055496828ac5abc9a9bf91f4ae6e741

कवि-सोनु नेताम माया

 राजा राव पठार वीर मड़ई मेला

राजा राव पठार वीर मड़ई मेला #nojotophoto

0 Love

84c410442978f317464cf3c791233876

विवेक कुमार सिंह

रत्नगर्भा धरती है जहाँ की,
खनिजों के जहाँ प्रचूर भंडार।
दुनिया भर में जाने जाते,
भारत के समुन्नत पठार ।
वहीं किसी खदान के समीप,
बोल कहीं तेरा घर है ?
बोल कहाँ तेरा घर है ? बोल कहाँ तेरा घर है ? Part III- The Southern Plateus (दक्षिणी पठार)  
#VKS

बोल कहाँ तेरा घर है ? Part III- The Southern Plateus (दक्षिणी पठार) #Vks

4 Love

cd34e00f4e7209188da0924195795e51

Pradeep Shukla

 रेत पे नाम लिखने से क्या फायदा । 
इक आई लहर कुछ बचेगा नहीं ॥ 
हमने पठार का दिल तुझको कह तो दिया। 
  पत्थरो  peलिखोगे मिटेगा नहीं  ॥

रेत पे नाम लिखने से क्या फायदा । इक आई लहर कुछ बचेगा नहीं ॥ हमने पठार का दिल तुझको कह तो दिया। पत्थरो peलिखोगे मिटेगा नहीं ॥ #शायरी

3 Love

448e53cca26ec5cef9a6092e8777ce7b

अल्पेश सोलकर

तुझी हनुवटी ते कपाळ
असा माझा प्रवास होता...
तुझ्या ओठांवर ओठ ठेवून
मला तंबू बांधायचा होता..

तुझ्या गालांसारख्या पठारावर
खळी शोधण्याचा बेत होता..
तुझी हनुवटी ते कपाळ
असा माझा प्रवास होता...  तुझी हनुवटी ते कपाळ
असा माझा प्रवास होता...
तुझ्या ओठांवर ओठ ठेवून
मला तंबू बांधायचा होता..

तुझ्या गालांसारख्या पठारावर
खळी शोधण्याचा बेत ह

तुझी हनुवटी ते कपाळ असा माझा प्रवास होता... तुझ्या ओठांवर ओठ ठेवून मला तंबू बांधायचा होता.. तुझ्या गालांसारख्या पठारावर खळी शोधण्याचा बेत ह #yourquote #ती #yqtaai #alpeshsolkar #माझाप्रवास

0 Love

6cc97eae4939aedb2f89a9288cd7b820

KP EDUCATION HD

KP GK SAGAR GK questions in Hindi video short

©KP STORY CREATOR
  📕भारत के पर्वत, पहाड़ियाँ व राज्य 

🔳कराकोरम, कैलाश श्रेणी – भारत एवं चीन

🔳लद्दाख श्रेणी – भारत (जम्मू कश्मीर)

🔳जास्कर श्रेणी – जम्मू कश्मी

📕भारत के पर्वत, पहाड़ियाँ व राज्य 🔳कराकोरम, कैलाश श्रेणी – भारत एवं चीन 🔳लद्दाख श्रेणी – भारत (जम्मू कश्मीर) 🔳जास्कर श्रेणी – जम्मू कश्मी #न्यूज़

187 Views

b43fc21fe20943f782a892af4899d58e

Rakesh frnds4ever

दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है
गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,,
कभी कन्द्राओ से कभी रेगिस्तानों से,,
पर्वत  पठारों से, घाटी मैदानों से 
शहर ओर गावों से , सभी जगहों से 
गुजरती हुई जब सरपट दौड़ती है
तो ,,
एक मधुर संगीत में कानों को 
घर के एहसास का सुकून देती जाति है,,.....

©Rakesh frnds4ever
  #Train 
#दूर  दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है
#गंतव्य  पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,,
कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,,
#पर्

#Train #दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है #गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,, पर् #ज़िन्दगी #एहसास #घाटी #संगीत #पर्वत #मैदानों

88 Views

2240e9c01bb104ccfbf259234d900fd2

Anshu kushvaha ji

1 दिन बहुत गर्मी थी एक कोयल को बहुत प्यास लगी थी उसने पानी की तलाश में निकल पड़ी बहुत देर के बाद उड़ते उड़ते उसको एक घड़ा मिला जैसे मैं थोड़

1 दिन बहुत गर्मी थी एक कोयल को बहुत प्यास लगी थी उसने पानी की तलाश में निकल पड़ी बहुत देर के बाद उड़ते उड़ते उसको एक घड़ा मिला जैसे मैं थोड़ #ज़िन्दगी #mohabbatein

670 Views

09e384eac1d4aae23b9343bddbdc0289

yogesh atmaram ambawale

तुझ्या सौंदर्याची तारीफ करायला काही शब्दच मिळेना,
सुंदर,अतिसुंदर पेक्षा ही सुंदर
कुठला शब्द वापरावा हेच कळेना.
सुंदरच नव्हे तर सौंदर्याची खाण आहेस तू,
सुंदर शब्दाला सुद्धा हेवा वाटावा इतकी छान दिसतेस तू. सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों
आज आपण अनुप्रास अलंकार शिकणार आहोत.
अनुप्रास:- एखाद्या वाक्यात किंवा कवितेच्या चरणात एकाच अक्षराची पुन

सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों आज आपण अनुप्रास अलंकार शिकणार आहोत. अनुप्रास:- एखाद्या वाक्यात किंवा कवितेच्या चरणात एकाच अक्षराची पुन #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai #अनुप्रासअलंकार

0 Love

ceb791cb3dddd28384799fe78baebdc3

Sunita D Prasad

मैं नदी,
तुम हो सागर,
मैं मीठा पानी,
तुम खारा जल,
मैं धारा बन-
बहती आती,
और तुम बन लहर-
बढ़ते आते,
मेरा प्रवाह ,
मेरी व्याकुलता दर्शाता,
लाँघ कर तभी न वो,
सगरे पर्वत पठार आता,.      और तब होता है पूर्ण,
और तुम भी तो,                 ध्येय..मेरे जीवन का,
सदा बाँहें खोले,                  जब मैं ले लेती हूँ समाधि,
रहते हो आतुर,                  तुम्हारी विस्तृत जलराशि में,
मुझे अपनाने को,                हाँ, यही तो.....
तभी जब मैं ,                     होता है न वो संगम,
कमतर पानी में,                  जहाँ मैं का तुम में...
गिनती हूँ आखिरी साँसें,       होता है,
अपने मुहाने पे,                   संपूर्ण एकाकार....।।
तुम बढ़कर मुझको,
हो गले लगा लेते,              💐सुनीता डी प्रसाद💐





 # yqpowrim
#yqdi
#mein nadi,tum sagar

मैं नदी,
तुम हो सागर ।
मैं मीठा पानी,
तुम खारा जल ।

# yqpowrim #yqdi #mein nadi,tum sagar मैं नदी, तुम हो सागर । मैं मीठा पानी, तुम खारा जल ।

0 Love

dea02a22dee39e5c889b6da374cecc40

Deepak Kanoujia

ये दरस ऐसा
प्रेम की चार अवस्थाओं जैसा... ये दरस ऐसा
प्रेम की चार अवस्थाओं जैसा...

ज़मीं पर गिरे-पड़े 
टूटे पत्थरों जैसा था मैं
तुम्हें दूर से तकते हुए...

तुम मिली

ये दरस ऐसा प्रेम की चार अवस्थाओं जैसा... ज़मीं पर गिरे-पड़े टूटे पत्थरों जैसा था मैं तुम्हें दूर से तकते हुए... तुम मिली #yourquotebaba #yourquotedidi #restzone #pennpopcorn #qoutestichers #modishtro #deepakkanoujia #pradhunik

1 Love

fb0c24fd8efd9b07245424abe187d016

||स्वयं लेखन||

ram lala ayodhya mandir सूरज, चंदा, तारों में, आँगन,घर द्वार, दिवारों में,
घाटी और पठारों में, लहरों और किनारों में,

भाषण-कविता-नारों में,गाँव-गली-गलियारों में,
चर्चा है अखबारों में,टीवी और बाजारों में।

दुल्हन सी सुसज्जित एक अयोध्या नगरी है,
जहां केवल जय श्री राम,जय श्री राम की गूंज,
गूंज रही है।

है चर्चा चहुं ओर राममंदिर की, है विजय ये 
सनातन धर्म की,
ये विजय है बलिदानों की,गौरव की, सम्मान की।

जो गौरव के प्रतिमान हैं,जो भारत की पहचान हैं,
वो अयोध्या के राजाराम, मेरे प्रभु श्री राम आज 
पुनः विराजमान हैं।

झूम रहे भारतवासी,चहुं ओर प्रसन्नता का उल्लास है,
रामभक्तों की आंखों में केवल राम नाम का विश्वास है।

जपो राम नाम,जीवन राममय हो जायेगा,
राम तेरे तू राम का हो जायेगा।

बन जायेंगे तेरे सारे बिगड़े काम,ले एक ही नारा, 
एक ही नाम, 

जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम।

©Gunjan Rajput सूरज, चंदा, तारों में, आँगन,घर द्वार, दिवारों में,
घाटी और पठारों में, लहरों और किनारों में,

भाषण-कविता-नारों में,गाँव-गली-गलियारों में,
चर

सूरज, चंदा, तारों में, आँगन,घर द्वार, दिवारों में, घाटी और पठारों में, लहरों और किनारों में, भाषण-कविता-नारों में,गाँव-गली-गलियारों में, चर #विचार #ramlalaayodhyamandir

9 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

........ 
ऊर्जा का एक मात्र स्त्रोत और केंद्र सूर्य
जिसके चारों ओर पश्चिम से पूर्व अपने अक्ष पर
घूमती व परिक्रमा करती पृथ्वी

जिससे बनते दिन
और रात औ

ऊर्जा का एक मात्र स्त्रोत और केंद्र सूर्य जिसके चारों ओर पश्चिम से पूर्व अपने अक्ष पर घूमती व परिक्रमा करती पृथ्वी जिससे बनते दिन और रात औ

0 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

....... 
कितनी सुखद यात्रा करती हैं ना नदियां गंतव्य तक बिना पथ भटके शांत अविरल बहती रहती हैं, निःसंदेह उनके धैर्य की सीमा अनंत, अंतर्मन कोमल,  ह्रद

कितनी सुखद यात्रा करती हैं ना नदियां गंतव्य तक बिना पथ भटके शांत अविरल बहती रहती हैं, निःसंदेह उनके धैर्य की सीमा अनंत, अंतर्मन कोमल, ह्रद

0 Love

bfb8344acce895a5f2e083d7629a508d

SONALI SEN

India quotes  ।।भारत।।
(अनुशीर्षक पढ़े)
 सोनाली सेन 
सागर( मध्य प्रदेश)

©SONALI SEN ।।मैं भारत हुँ(कविता)।।
देश के खातिर जीना मरना,सबसे पहला काम रहे,
मैं भारत हुँ सबसे ऊंचा,सदा हिंद का नाम रहे।।
ये धरती वो धरती है,जहां कवियो

।।मैं भारत हुँ(कविता)।। देश के खातिर जीना मरना,सबसे पहला काम रहे, मैं भारत हुँ सबसे ऊंचा,सदा हिंद का नाम रहे।। ये धरती वो धरती है,जहां कवियो

14 Love

70d876589bdbbb844ba0209294b7cb66

AK__Alfaaz..

भूगोल की क्लास मे,
​पढ़ने वाली,
​14 बरस की लड़की,
​
​मानचित्रों पर,
​उष्णकटिबंधीय वनों
​व,
​शीत कटिबंधीय वनों को,
​खोजती है,
​
​और..,
​उकेरती है,
​अपने मन के मरूस्थल पर,
​बबूल,नागफनी की हरियाली,
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#18_बरस_की_लड़की

भूगोल की क्लास मे,
​पढ़ने वाली,
​14 बरस की लड़की,
​

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #18_बरस_की_लड़की भूगोल की क्लास मे, ​पढ़ने वाली, ​14 बरस की लड़की, ​ #yqbaba #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes

0 Love

6d7a1b9d088ddfc52c35ca3bae59552c

प्रियजीत प्रताप

मैं जीवन हूँ,
मैं मरण भी हूँ,
मैं ही मरु,
उपवन भी हूँ,
मैं ही पुष्प,मैं भंवरा हूँ,
विष समेट खड़ा चन्दन भी हूँ,
मैं ही आकाश,
मैं तारों में,
मैं शून्य में भी,हजारों में,
मैं पतझड़ में,बहारों में,
मैं ही नदी,समंदर हूँ,
शशि शीश धरे दिगम्बर हूँ,
मैं बादल की गर्जना भी हूँ,
असीमित अलौकिक कल्पना भी हूँ,
मुझमें बसे ये झड़ने,पहाड़,
खाली मैदान,ऊंचे पठार,
मैं ही बारिश की बूंदों में,
मैं ही सूक्ष्म रूप,
मैं कण-कण में,
मैं खेतों की हरियाली हूँ,
बच्चों की किलकारी हूँ,
मैं ब्रम्ह में बसा निर्णायक हूँ,
मैं ही कृष्ण अधिनायक हूँ,
मैं रावण में छुपे अहंकार में हूँ,
मैं राम के दिये संस्कार में हूँ,
मैं ही आदि हूँ,
मैं अंत भी हूँ,
मैं बलशाली हनुमन्त भी हूँ,
मैं हूँ बसा उष्ण फिजाओं में,
मैं ठंडक हूँ बहती हवाओं में,
मैं वीरानों में सुनसानों में,
मरघट में हूँ,श्मशानों में,
मैं सूरज के तपते ज्वालों में,
मैं चाँद के भी उजालों में,
मैं लघु रूप,अति विशाल हूँ मैं,
जो सब में है,महाकाल हूँ मैं।
       ©प्रियजीत✍️ पहली बार महादेव के लिए कोई रचना🙏आपके विचार आमंत्रित हैं।❤
______________________________________________________
मैं जीवन हूँ,
मैं मरण भी हू

पहली बार महादेव के लिए कोई रचना🙏आपके विचार आमंत्रित हैं।❤ ______________________________________________________ मैं जीवन हूँ, मैं मरण भी हू

11 Love

61968c673269cdbf9c83af0cd654c1d0

Prem Nirala

जी चाहता हैं कि तेरे सामने बैठकर तेरे आँखों के कई कसीदें पढूं, जुगनुओं के सारे रोशनी मुट्ठी भर निचोड़कर तेरे सामने रख दूँ, और एक शायर के लफ़्ज़ों को, सुबह की पौ फटने तक तू तब तक सुनती रहे, जब तक मैं कई गुनाह न कर दूँ, मैं रात ढलने ही न दूँ, मैं सुबह होने ही न दूँ, ठंढ से कटकटाते रहे तुम्हारे दाँत और सिहरता रहे तुम्हारा बदन, तू रह रह के लिपटती रहे मुझसे, मैं आग की लौ बन जाऊँ, सुबह की किरणें की पौ बन जाऊँ, रुक जाऊँ, सो जाऊँ, लिपट जाऊँ, सिमट जाऊँ, खो जाऊँ कुछ कर जाऊँ!
उकेरता रहूँ तुम्हारे बदन पे कलर वाली पेंसिल के नौब से वो परबत, पठार, नदी, झरनें, परिंदों के आढ़ी, टेढ़ी चित्र जो हम स्कूल में बनाया करते थे,
और जानबुझकर गलती करता रहूँ और तुझसे उसी तरह डाँट सुनता रहूँ, जिस तरह टीचर डाँटती थी की फिर से बना कर लाओ, और मैं मिटाता रहूँ, बनाता रहूँ, सर से लेकर पैरों तक सातों रंग भरता रहूँ!
अपनी छाती पे तेरा सर रखकर, चुमकर तेरे माथे को, तेरे नरम होठों से गरम सुगबुगाहट सुनता रहूँ, तुझसे जेठानियों की मीठी चुगलीयां सुनता रहूँ, तेरी सहेलियों के दुःखों को सुनता रहूँ, तेरी सुखों को सुनता रहूँ!
रोक दूँ, टोक दूँ, केह दूँ नौकरानीयों से, की अभी झाड़ू, पोछे उस कमरे में नहीं लगाने हैं, अभी तो वो ओंधी नींद में सोयी हुई हैं!

__प्रेम__निराला__

©Prem Nirala जी चाहता हैं कि तेरे सामने बैठकर तेरे आँखों के कई कसीदें पढूं, जुगनुओं के सारे रोशनी मुट्ठी भर निचोड़कर तेरे सामने रख दूँ, और एक शायर के लफ़

जी चाहता हैं कि तेरे सामने बैठकर तेरे आँखों के कई कसीदें पढूं, जुगनुओं के सारे रोशनी मुट्ठी भर निचोड़कर तेरे सामने रख दूँ, और एक शायर के लफ़ #NationalSimplicityDay

10 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

एक रंग मुझे तुम्हारा
तुमसे मिला...

अब तुम ही कहो इस रंग को
ये तितली नाम दे भी
तो क्या नाम दे ,!?

( अनुशीर्षक ) 

तुम्हें पता है तुम कौन हो,?
शायद नहीं, पर मैंने ना तुम्हें हमेशा से सूरज सा देखा है,
तेज से भरा अच्छा ये बताओ किसी पठारी क्षेत्र में बैठकर

तुम्हें पता है तुम कौन हो,? शायद नहीं, पर मैंने ना तुम्हें हमेशा से सूरज सा देखा है, तेज से भरा अच्छा ये बताओ किसी पठारी क्षेत्र में बैठकर

0 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

..... 
विराट सृष्टि के निर्वात तले,
यह द्वंद्व जो छिड़ा रहता है
तुम्हारे अंतर्मन में

असल में हाँ यह मेरी ही 
कल्पित एक कल्पना है,

विराट सृष्टि के निर्वात तले, यह द्वंद्व जो छिड़ा रहता है तुम्हारे अंतर्मन में असल में हाँ यह मेरी ही कल्पित एक कल्पना है,

0 Love

e48d2ba7b26a275fd2eea9ba76e9b6c2

भाग्य श्री बैरागी

"भारतीय होली में 'प्राकृतिक विविधता' ने भी भाग लिया है, 
अपने रंग लिए, पानी लिए प्रकृति ने भी भंग जमके पिया है।"
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें Team 24 रंगीला हिंदुस्तान के सदस्यों के लिए होली के  हमजोली प्रतियोगिता के पांचवें दिन का विषय है -रंगीला हिंदुस्तान
आप सबको इसमें बताना है

Team 24 रंगीला हिंदुस्तान के सदस्यों के लिए होली के हमजोली प्रतियोगिता के पांचवें दिन का विषय है -रंगीला हिंदुस्तान आप सबको इसमें बताना है #YourQuoteAndMine #होलीकेहमजोली #collabewithकोराकाग़ज़ #Team_Rangila_Hindustan

0 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

मेरी बहती कविताएं  यह कविताएं विशेष 
आकस्मिक ही निकली हैं मेरे अंतर्मन से, 

मैंने जब भी स्वंय को 
टटोलना चाहा बस अपने भीतर ऐसे ही 
अनेकों लयबद्ध विचारों को उप

यह कविताएं विशेष आकस्मिक ही निकली हैं मेरे अंतर्मन से, मैंने जब भी स्वंय को टटोलना चाहा बस अपने भीतर ऐसे ही अनेकों लयबद्ध विचारों को उप #alpanas

0 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

.............    
      यह अपेक्षाएं सब उपेक्षाओं का कारण बनी हमेशा.,. और मुझे रहना था तटस्थ,. यह अल्प निर्वाण मेरे  जीवन में खड़ी करता गया एक ऐसी दीवार जो

यह अपेक्षाएं सब उपेक्षाओं का कारण बनी हमेशा.,. और मुझे रहना था तटस्थ,. यह अल्प निर्वाण मेरे जीवन में खड़ी करता गया एक ऐसी दीवार जो

0 Love

d32eb5d94db9a2a210ef8d90c6bc1753

Bhavesh Thakur

Alone  अभिलाषा

आज निकला हूँ 
भ्रमण करने को
होकर अपने वाहन पर सवार,

देखें पर्वत, नदियाँ, समुद्र, पठार
समुद्र में उठता ज्वार
समीर को रोकती पर्वत बाहें पसार 
बादल में छिपा सुर्य
नदियों की बहती धार....

©Bhavesh Thakur अभिलाषा मन की

आज निकला हूँ 
भ्रमण करने को
होकर अपने वाहन पर सवार,

देखें पर्वत, नदियाँ, समुद्र, पठार
समुद्र में उठता ज्वार

अभिलाषा मन की आज निकला हूँ भ्रमण करने को होकर अपने वाहन पर सवार, देखें पर्वत, नदियाँ, समुद्र, पठार समुद्र में उठता ज्वार #कविता

21 Love

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

ओ अल्हड़  Dedicating a #testimonial to यशवंत कुमार

बंधु,

आपके page पर आते ही एक अलग ही एहसास होता था हमेशा ही ऊर्जावान, हिंदी इंग्लिश उर्दू सब एक से

Dedicating a #testimonial to यशवंत कुमार बंधु, आपके page पर आते ही एक अलग ही एहसास होता था हमेशा ही ऊर्जावान, हिंदी इंग्लिश उर्दू सब एक से

0 Love

05caa3edd5941ed30dcd63018104d7cf

Madhaw Patidar 🖍

 चर्चा है अख़बारों में
टी. वी. में बाजारों में
डोली, दुल्हन, कहारों में
सूरज, चंदा, तारों में
आँगन, द्वार, दिवारों में
घाटी और पठारों में
लहर

चर्चा है अख़बारों में टी. वी. में बाजारों में डोली, दुल्हन, कहारों में सूरज, चंदा, तारों में आँगन, द्वार, दिवारों में घाटी और पठारों में लहर #poem #nojotophoto

8 Love

5630dbc1df37c2b9f7066a5fed46ddbf

sandy

 📝✍️📚...
एक पत्र तुझ्यासाठी


प्रिय
असावरी.
एक मी आणि एक तू. झाल. संपल इथच आपल जग. कशाला कोण हव आपल्याला इथ ? या जगात लोक आली कि त्यांचा त्रा

📝✍️📚... एक पत्र तुझ्यासाठी प्रिय असावरी. एक मी आणि एक तू. झाल. संपल इथच आपल जग. कशाला कोण हव आपल्याला इथ ? या जगात लोक आली कि त्यांचा त्रा #story #nojotophoto

3 Love

9441d131203448c9235b996a879955e7

Kabitashik_kumar

आपके अनुसार  प्यार का क्या मतलब है ? #पयार
3c267e2eb6c1b4e25cc17b31e797af85

Shahab

मालूम पड़ गया उसे पिताजी की पगार कितनी है,

वो बच्चा आज बिना साइकिल की ज़िद किए सो गया । #पगार
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile