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Asha Shukla

#कविता
प्रकृति का दरबार

कविता प्रकृति का दरबार

246 Views

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Choubey_Jii

प्रकृति मुझे प्रेम है तेरे हर एक रूप से
तेरी शीतलता भरी छाँव से तेरी आकर्षक धूप से

नदियों में कल कल बहते पानी से
समुन्दर में उठती ऊंची लहरों की रवानी से

सपाट पड़े मैदानों से और ऊंचे नीचे पठारों से
मेरे दिल को अथाह प्रेम है तेरे गगनचुंबी पहाड़ों से

तेरी कोख से उत्पन्न पौधे से और बूढ़े सारे दरख्तों से
मनमोहक इन नज़ारों से और तेरी सुबह शाम के वक्तों से

गगन में उड़ते पंछी से और भूमि में रेंगते सूक्ष्मजीवों से
जंगल में विचरण करते फिरते रहते सभी सजीवों से

मुझे प्रेम है तेरी हर इक रचना से, निर्जीवों की संरचना से
झुककर तुझे सजदा करूँ और स्नान करूँ प्रेम रूपी इस झरना से

#चौबेजी #चौबेजी #नज़्म #कविता #प्रकृति #nature #beauty
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Banwari lal kumawat

तपती धूप में तपता इंसान...।
बड़ी शान से तपता इंसान...।।

मानो लोहा ले रहा भास्कर से...।
जीत कर बैठा हो भास्कर से...।।

शौर्य से भी शारीरिक दुर्बलता हारी।।
जीवन के पट खोलते विडंबना हारी।।

वीर करे वार चाहें,वाणी हो या तलवार।।
रक्त धाराओ से सिंचे,ताड़ हो या तलवार।।

जो बांधा ना जाये उम्र की सीमाऔ से...।
ह्रदय प्रबलता आकी ना जाये सीमाऔ से...।

धैर्य-धीरज के निश्छल भाव निराले...।।
धर्म-कर्म के शिखर भाग निराले...।।
 
प्रकृति के हाथ मिलाये चला आ रहा।।
कड़ी धुप मेें भी अपनी धुन चला जा रहा।। #quote #quotes #quotedidi #कविता  #प्रकृतिकीबातें #प्रकृति
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विष्णुप्रिया

वह बसंत का रंगोत्सव,
वर्षा की वह मुग्ध सुगंध,
शरद पर्णिमा का निर्मल
शीतल चंचल वह पूर्णचंद्र,

वह पतझड़ के पर्णो का स्पन्दन
नव कोपलों की वह सिहरन....
जिन पर विहगों का मधुमय गान,
और नादिया का मीठा पान,

कशी के घाटों की वह चहलपहल,
और वह गंगा का पावन जल
अल्हड धारा जिसकी भरती,
मन में मेरे, नव जीवन संबल ।

ऐसा अनुपम रूप शाश्वत,
अन्यत्र क्हाँ संभव है,
ये तो मेरी मातृभूमि को
ईश्वर का प्रेम नमन है ।
  #yqdidi  #कविता #प्रकृति 
#yqlife
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Pushpa Rai...

प्रकृति सौंदर्य

फूलों की महक 
चिड़ियों की चहक 
भवरों की गुंजन 
नदियों की कल-कल 
हवा की सरसराहट
उमड़-घुमड़ बादलों का 
यहां-वहां विचरण करना
मन को मेरे बहुत लुभाये
ये अनुपम प्रकृति सौंदर्य

©Pushpa Rai...
  #कविता #प्रकृति_प्रेम #सौंदर्य
#नोजोटो #नोजोटोहिंदी #हिंदी_कविता

कविता प्रकृति_प्रेम सौंदर्य नोजोटो नोजोटोहिंदी हिंदी_कविता

147 Views

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Shailendra Singh Yadav

कुछलोग नदी के पुल पर छलांग लगा कर नहां रहे थे।
कुछ लोग स्वीमिंग पूल पर नहां रहे थे। 
कुछ लोग निशुल्क नहां रहे थे।
कुछ शुल्क देकर नहां रहे थे।
नदी के पुल का स्नान प्राकृतिक था । 
स्विममिंग पूल का स्नान अप्राकृतिक था।
प्राकृतिक में मजा है । 
बनावटी तो सजा है। 
नदी का बहता पानी पवित्र है।
स्विममिंग पूल का रुका पानी अपवित्र है।
कवि:- शैलेन्द्र सिंह यादव

 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता प्रकृति में मजा है।

शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता प्रकृति में मजा है।

2 Love

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||स्वयं लेखन||

प्रकृति आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।Nature should be your first priority.

©Gunjan Rajput प्रकृति आपकी पहली प्राथमिकता
होनी चाहिए।
Nature should be your first priority.
#WorldEnvironmentDay 
#thought #poetry #quotes #quote #विचार

प्रकृति आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। Nature should be your first priority. WorldEnvironmentDay thought poetry quotes quote विचार

18 Love

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Nisheeth pandey



बोलो वायुमंडल बिना आकाश में रंग कहाँ से लाओगे .......
बिना चाँद सितारोँ में झिलमिलाना कहाँ से लाओगे ......
बिना कविता प्रकृति का सौंदर्य कैसे व्यक्त करोगे ......
ऐसे में प्रेम न हो कविता कहाँ से लाओगे .......
#निशीथ

©Nisheeth pandey
  

बोलो वायुमंडल बिना आकाश में रंग कहाँ से लाओगे .......
बिना चाँद सितारोँ में झिलमिलाना कहाँ से लाओगे ......
बिना कविता प्रकृति का सौंदर्य क

बोलो वायुमंडल बिना आकाश में रंग कहाँ से लाओगे ....... बिना चाँद सितारोँ में झिलमिलाना कहाँ से लाओगे ...... बिना कविता प्रकृति का सौंदर्य क #lovequotes #Remember #adventure #Sitaare #Likho #walkalone #Streaks #निशीथ #Tuaurmain #Qala

1,911 Views

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PRATIK BHALA (pratik writes)

🌏🌎🌏🌎🌏0, 19:-nature poem series"पर्यावरण "
For other parts of series 
#pratikwriteseries
कुछ शब्दों का अर्थ :
1..गिरिराजजी :-श्री गोवर्धन पर्वत, वृंद

19:-nature poem series"पर्यावरण " For other parts of series #pratikwriteseries कुछ शब्दों का अर्थ : 1..गिरिराजजी :-श्री गोवर्धन पर्वत, वृंद #Nature #India #Love #Earth #Festival #कविता #PratikBhala #DawnSun

181 Love

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NC

बेचैन है ये दुनिया सारी प्रकृति पुरुष नारी
बेचैन समंदर साहिल से टकराता है

बेचैन नदियां समंदर में खो जाती हैं
बेचैन बादल बरसते बूंद बनकर 

बेचैन दुनिया धर्म को अपनाती है
शांति के सुकून के गीत गाती है

बेचैन दुनिया अपने अंतर से है हारी
ये कैसा अन्तर्द्वन्द है दुनिया में जारी #nojotohindi#बेचैन#प्रकृति#कविता#poetry
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nikhil thakur

प्रकृति पर छोटा सा कविता

प्रकृति पर छोटा सा कविता

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Raj Mani Chaurasia

आज मिली इतनी आजादी है,
की बढ़ती गई इंसानों की आबादी है।
अब हर जगह भीड़ सा दिखता है,
पेड़ों को काट नया बस्तियां बनता है।
इसी लिए तो भूख है प्यास है,
रोजगार का कहा अब आस है।
जंगल सब ख़तम हुवे,
जानवर सारे भस्म हुवे,
प्रकृति भी डगमगाया है,
इसी लिए नया नया रोग बिखर आया है।
आज इस बढ़ती आबादी ने,
क्या कोहराम मचाया है,
देखो चप्पे चप्पे पे,
एक अजब सा शोर छाया है।।

©Raj Mani Chaurasia आबादी ( कविता )
# भीड़# बेरोजगारी# प्रकृति

आबादी ( कविता ) # भीड़# बेरोजगारी# प्रकृति #शायरी

25 Love

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vk

प्रकृति के प्रति

#LostLegends

प्रकृति के प्रति #LostLegends #कविता

57 Views

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Geetkar Niraj



प्रकृति पर कविता/Poem on nature in hindi

जलमग्न हुई कहीं धरा,कहीं बूंद-बूंद को तरसे धरती।
किसने छेड़ा है इसको, क्यों गुस्से में है प्रकृति।।

किसने घोला विष हवा में,किसने वृक्षों को काटा ?
क्यों बढ़ा है ताप धरा का,क्यों ये धरती जल रही ?
जिम्मेवार है इसका कौन,क्यों ग्लेशियर पिघल रही ?
किसने इसका अपमान किया,
कौन मिटा रहा इसकी कलाकृति ?
किसने छेड़ा है इसको,क्यों गुस्से में..........?

धरती माँ का छलनी कर सीना,प्यास बुझाकर नीर बहाया।
जल स्तर और नैतिकता को भूतल के नीचे पहुँचाया।
विलुप्त हुये जो जीव धरा से,जिम्मेवार है उसका कौन ?
जुल्म सह-सहकर तेरा, अब नहीं रहेगी प्रकृति मौन।
आनेवाले कल की जलवायु परिवर्तन झाकी है।
टेलर है भूकंप, सुनामी, पिक्चर अभी बाकी है।
फिर नहीं कहना कि क्यों कुदरत हो गई बेदर्दी ?

किसने छेड़ा है इसको ,क्यों गुस्से में............3।

©Geetkar Niraj
  प्रकृति पर कविता।
#natre #poemonnature #geetkarniraj

प्रकृति पर कविता। #natre #Poemonnature #geetkarniraj

87 Views

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pritima singh

ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई,
 तुझे नाराज करने कि आज हमें सजा मिल गई | 
तेरी तकलीफ को कभी ना समझ पाए हम, 
और आज अपनी तकलीफ में तेरे पास ही लौट कर आए हम | 
हुई थी जो भूल आज उसका एहसास हुआ है हमें, 
अब मान भी जा ऐ प्रकृति इस भूल के लिए क्षमा कर हमें| 
ना होगी ऐसी गलती करते हैं तुझसे वादा, 
तेरा भी ख्याल रखेंगे जैसे तू रखती है खुद से ज्यादा | 
माफ कर दे ऐ प्रकृति अपने किए पर हम शर्मिंदा हैं, 
तेरे संग जो किया है हमने उसकी घोर निंदा है | 
ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई |

©pritima singh प्रकृति के प्रति जज्बात

#ShahRukhKhan

प्रकृति के प्रति जज्बात #ShahRukhKhan #poem

5 Love

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CalmKrishna

................

©CalmKrishna
  प्रवृति से संभावना की ओर यात्रा...!

#बुद्ध #बुद्धु #यात्रा #प्रकृति #प्रवृति #संभावना 
 
#philosophy

16,155 Views

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Sansriti Kapoor

जीवन में कोई रंग न हो तो
जीवन फीका सा लगेगा
इसलिए कुदरत ने 
सृष्टि की रचना सुंदर रंगो से की है
चारो ओर से सृष्टि रंगीन सी लगती है
उड़े हुए चादर अंबर श्वेत और नीली 
उगते सूरज की लाली
सुन्दर धारा की हरियाली
सुन्दर फूलों की फुलवारी
सृष्टि के कण कण 
में सुंदर रंग बिखरे हुए है
हर रंग मेरे चक्षुओं को
मोहित करता है

©Sansriti Kapoor #kudrat 
#कुदरत 
#प्रकृति 
#कविता 
#विचार 
#मेरे 
#मेरेविचार

kudrat कुदरत प्रकृति कविता विचार मेरे मेरेविचार

22 Love

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Aakash Dwivedi

अलंक अलम नहीं हुआ,
हुआ न अन्त रुप का।
सज रही है सृष्टि देख, 
वसुंधरा इस भूप का।।
हरा भरा है घर  तेरा, 
खिली रहे तू हर मौसम।
खुशहाली देती छांव तेरी, 
वही प्रेम रहे धूप का।।2

                       Aakash Dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi #कविता #विचार #प्रकृति #पर्यावरण #WorldEnvironmentDay #shayri #Nojoto

कविता विचार प्रकृति पर्यावरण WorldEnvironmentDay shayri

10 Love

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Hkj Hritik Joshi Magwas

मन उल्लास से प्रफुल्ल कोई कहानी सुन रहा हु 
इन घनघोर घटाओ से होती कोई आकाशवाणी सुन रहा हु
न रोको जाने दो  मुझे तुम इन हवाओ के बिच 
अरे में कुछ और नही प्रकति की मधुर वाणी सुन रहा हू।



 #poem #कविता #firstpoem #nature #प्रकृति #nojoto #hkjquotes
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Sansriti Kapoor

वाह रे 2020 तूने क्या खेल रचाया
 पूरी दुनिया को अपनी उंगली पर नचाया,
जीवन में संघर्षों  का क्या तीर चलाया,
 कितनो की आशाओं को जला कर राख बनाया,
नजाने कितनो ने रोजगार गवाया,
रोटी के लिए भी बच्चे बच्चे को तरसाया,
रोया गरीब , बच्चा बच्चा भूखा सोया,
अश्कों के दामन से औरत ने अपने घर को सीचा।
वाह री 2020 क्या खेल रचाया

जीवन को दो रंगो में बाटा,
 किसी के जीवन में फूल तो किसी ने पाया काटा ,
कितनो को एक साथ मिलाया,
तो कितनो को मौत को घूंट पिलाया,
वाह रेे 2020 तूने क्या खेल रचाया,
इतिहास में भी होगे चर्चे तेरे
तूने जीवन में कितने रंग बिखेरे
विद्यार्थियों को घर की रास्ता दिखाया
 शिक्षा घर को  चिकत्सालय बनाया
 महानगरों को सुनसान बनाया
वाह रेे 2020 तूने क्या खेल रचाया,

सीख भी तूने दी है अनमोल 
वरना दुनिया क्या जानती अपने जीवन का मोल,
 प्रकर्तिक को फिर हरा भरा दिखाया,
प्रदूषण पर रोक लगाया,
शांत सी नदियां बहती सर सर
उड़ते परिंदे फिर से फर फर,
शांत हुआ हुआ यह संसार
लौट आए फिर अपने संस्कार,
सीखा सबने करना नमस्कार
 दुनिया में नया हो रहा आविष्कार,
चलो करते है अब अलविदा तुमको,
2021 का है इंतजार सबको, 
जोड़ हाथ करे स्वागत,
नई उमंगों के दीप जलाकर
शुभ मंगल हो जीवन सबका।

©Sansriti Kapoor # स्वागत
#2021
# कविता
# सच्चाई
# जीवन
#प्रकृति 
#bye2020

# स्वागत 2021 # कविता # सच्चाई # जीवन प्रकृति bye2020

26 Love

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Shweta Mairav

सादगी प्रकृति का उत्तम गहना है
हरियाली श्रृंगार है
नदी नेत्राें का काजल है
हिम उनकी ज्ञान का प्रतीक है
पर्वत उनका स्वाभिमान है
धरा उनका धैर्य है
भूर्पपटी उनका रहस्य है।।
प्रकृति को समझना है तो स्वयं को समझो।।

©Shweta Mairav
  #Mountains 
#प्रकृति 
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#mairavrythem
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Parasram Arora

पुरानी गाथाये  इतिहास बन चुकी
और पुराने गीत भी  तिथि बाह्य हो चुके
क्योंकि उनमे पीड़ा का दंश था  और
आज के  सन्दर्भॉ  से मेल मिलाप भी उनमे नही
दिख रहा था  
लेकिन  अब तो काफ़ी  बदलाव आ चुका है
अब नए शब्द नए छंद  नए  उदगारो का  बोलबाला है
नए  अलंकरण और ताज़गी भरे विशेषण
हमारी अभिव्यक्तियों क़ो लिपिबाद्द कर
उन् गीतो क़ो  प्रगतिवादी कविता के बाजार  मे खड़ा कर सकते है

©Parasram Arora प्रगति वादी  कविता

प्रगति वादी कविता

12 Love

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Anand Dadhich

'प्रगति की चाहतों ने.. '

मानव ने कहीं आग, कहीं बारूद जोड़ा है..
गम हर लेनेवाली.. हवाओं को मोड़ा है,
अभिलाषायें अनंत होनी जरुरी तो नहीं..
प्रगति की चाहतों ने.. प्रकृति को तोड़ा है!

भूल गया की जीवन.. थोड़े में थोड़ा है,
अनजाने में अपने आनंद को मरोड़ा है..
भूल को फिर दोहराना जरुरी तो नहीं..
प्रगति की चाहतों ने.. प्रकृति को निचोड़ा है!

क्या एक दिन, एक पेड़ लगाना काफी है?
उतना तो वापस करो.. जितना झिंझोड़ा है,
हर बार बचकर निकलना जरूरी तो नहीं..
प्रगति की चाहतों ने.. प्रकृति को छोड़ा है।

©Anand Dadhich #प्रगति #प्रकृति #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry #eveningthoughts

#MoonBehindTree
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DR. SANJU TRIPATHI

प्रकृति की सुंदरता (कविता)

सुबह सवेरे पूरब से जब किरणों संग सूर्योदय होता है,
लगता है वो दृश्य अति मनोहर, मन आनंदित होता है।

कहीं धूप,कहीं छांव निराली चारों ओर फैली हरियाली,
प्रकृति की सुंदरता को देख कर,मन प्रफुल्लित होता है।

कभी पतझड़ लाती, कभी बसंत,कभी गर्मी,कभी सर्दी,
हर मौसम की अपनी सुंदरता, हर रूप अनोखा होता है।

वन,नदियांँ,पर्वत और सागर गरिमा बढ़ाते हैं प्रकृति की,
अन्न,धन,जल व उर्जा का प्रकृति में भंडार भरा होता है।

पशु-पक्षी गाते हैं तितली और भंँवरे बागों में गुनगुनाते हैं,
कभी बादल,कभी नीला आसमान खूबसूरती बढ़ाता है।

प्रकृति की सुंदरता बचाने का हमको प्रयास करना होगा,
प्रकृति पर ही तो सभी जीवों का जीवन आश्रित होता है।


 प्रकृति की सुंदरता(कविता)

#कोराकागज 
#collabwithकोराकागज
#KKPC16 
#विशेषप्रतियोगिता
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NC

कर के नमन सूर्य को धरा को करो प्रणाम
माटी जननी हमारी सूर्य हैं पिता समान
युग युग से इनकी गोद में खेले
फिर हम हैं कहां अकेले
जीवनदाता सुख शांति देने वाले
इन्हें नमन हमारा बारंबार .... #nojotohindi#सूर्य#धारा#जननी#मातापिता#प्रकृति#कविता#poetry #nojotophotography
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Aakash Dwivedi


वासंतिक कविता 🍁

सुहावना मौसम है आया ।
झोली भर कर खुशियां लाया।।

धरा मनहर सुगन्ध महकावे 
चहूं दिशी गगन साज सजावे।
मन्द पवन मन को अति भावे
वो ऋतु राज वसन्त कहलावे।।

पेड़ों पर छाई हरियाली
नए नए शाक सजाये डाली।
दृश्य मनोहर मन हर्षावे
पतझड़ बीत वसंत जब आवे।।

बाग बगीचे, वन मुस्काए
फसलें खेतों में लहराएं।
अद्भुत, अदम्य और अनन्त है 
सबसे न्यारा यह वसन्त है।।

गगन चूम जब कोयल आवे
अपने मीठे बोल सुनावे।
मन पुलकित, हृदय प्रसन्न है
सबका प्यारा यह वसन्त है।।

              Aakash Dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi
  #कविता #विचार #प्रकृति #Love #Like #AakashDwivedi #शायरी #कहानी #वसन्त

कविता विचार प्रकृति Love Like AakashDwivedi शायरी कहानी वसन्त

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CalmKrishna

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©CalmKrishna विकास... सच में?

#मनुष्य #सुकुन #प्रगति #प्रकृति #Nature #men
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