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Datta Dhondiram Daware
ज्ञात होते सखे सारे तुला... नकळत प्रेमाचा खोटा खेळ खेळलीस तू.. ! देऊ काय मी तुला कठोर सजा... वरवरचे प्रेम तुझे, नाही मला कळलीस तू.. ! थोडीपार हवी होती साथ तुझी पण; रेशमाच्या बंधनात नाही जुळलीस तू..! *सम्राट दत्ता डावरे* ९७३००३७०५३ ©Datta Dhondiram Daware रेशीम #wetogether
Abhiejeet Anant Tambe
❤️फक्त तुला आवडतं ना म्हणून❤️ आपण दोघांनीही गोळा केलेल्या गवतापासून तोडक मोडक का होईना, पण आपल्या दोघांचं छानसं घरटं बांधायचंय.... दोघांनी एकाच ताटात जेवायचंय अन् सोबत जेवताना एकमेकांना भरवायचय... थोडा रुसवा थोडा फुगवा हा संसाराचा खेळच आहे, तो एकदा खेळायचाय... आणि आयुष्यभराच्या आठवणी रेशीम गाठींनी घट्ट बांधायचाय ........अभिजीत तांबे....... रेशीम गाठी #Stars&Me
Rahul Khan
हमने भी मुकम्मल वफा का रास्ता छोड़ दिया, खड़ी रही मोहब्बत गली में हमने मुंह मोड़ लिया, महज दो वादों से जुड़ी थी मोहब्बत की डोर, एक तुमने पास रहकर तोड़ दिया एक हमने दूर जाकर तोड़ दिया धागा
Ek villain
यह संसार दुख में यह है त्रिवेदी दुख सर रेल धारियों को सदा पीड़ित करते हैं सत चित आनंद स्वरूप परमात्मा का अंश होने के कारण प्रत्येक जीवधारी इन दुखों से निर्मित चाहते हैं इसके लिए वे कभी लौकिक और कभी वैदिक उपायों का आश्रय लेते हैं परंतु इनसे दुखों की सर्वकालिक एवं स्थानीय निर्मिती नहीं होती सबसे प्राचीन संख्या दर्शन के अनुसार चिकित्सा आदि लौकिक तथा यज्ञ आदि वैदिक उपायों से दुख की निवृत्ति अवश्य हो जाएगी किंतु यह आवश्यक नहीं है कि ऐसे दुख फिर दस्तक नहीं देंगे इस दर्शन के अनुसार प्रवृत्ति और प्राकृतिक आत्मा इस सृष्टि के कारण है आत्म तत्व का अपना स्वरूप को विस्मृति करना ही दुख रे काहे तू है क्योंकि सुख दुख का अनुभव करना शरीर का धर्म है आत्मा किंतु अज्ञान बस प्राकृतिक की माया से संयुक्त आत्म सुख दुख का अनुभव करने लगता है यही दुख का कारण है व्यक्त प्राकृतिक और अव्यक्त आत्मा के वास्तविक स्वरूप के ज्ञान से दुखों की निवृत्ति स्वयं हो जाती है गीता में भी दुखों की हेतु और उनके निर्भर थी के उपाय बताए गए हैं पंचम अध्याय में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि इंद्रिय और विषयों के सहयोग से उत्पन्न होने वाले शारीरिक भूख भूख के कारण है यद्यपि यह सुख देने वाली प्रवृत्ति होती है यही काम करो दिशा आदि विकारों को जन्म देते हैं अटैक कर्म और कर्म फल में अशक्त दुख का कारण बनती है ©Ek villain #दुखों से निर्मिती मानव जीवन में #roseday
Rajat Jangir
काश ! तू भी किसी दरगाह का धागा होती खुद से बांध लेता ,चूम लेता ,झूम लेता #धागा
Anuj thakur "बेख़बर"
सबको बांधे रखा ऐसा धागा था मैं! अच्छी किस्मत है फिर भी अभागा था मैं!! मौत ने इसलिए मुझको अपना लिया! जिंदगी तेरे पीछे न भागा था मैं!!! ©Anuj thakur "बेख़बर" धागा