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Gautam_Anand
कभी घर की शान था मैं ड्रॉइंग रूम के कोने में करीने से पड़ा रहता था सबकी जरूरत था पर हर वक़्त सबके साथ रहने की जरूरत नहीं होती थी बस घर में ही रहता था ना किसी के दिल में ना दिमाग़ में ना ही किसी की जेब में एक ही खर्च में पूरे परिवार का ख्याल रख लेता था सच कहूँ तो जब तक मैं साथ था सब एक साथ थे मैं दूर क्या हुआ सब दूर हो गए मैं टेलीफोन हूँ कई रिश्तो को बाँध रखा था मैंने #टेलीफोन #yqdidi
Afzal Mushtaq
टेलीफोन आज 4G का जमाना है कल 5G का होगा। हमारा तो दौर हुआ करता था। हम जहाँ पाए जाते लोग वो पृतिष्टित हो जाते। ऐसा ही एक घर मुश्ताक भाई का था। जहाँ कभी नवोदय गए मनीष का फोन उसकी माँ के लिए आता तो कभी मुंबई से किसी के पिता के लिए आता । जहाँ कभी मोहल्ले की गुल्लो के लिए किसी मनचले का फोन आता तो कभी किसी का शोक समाचार आता । हम जब थे तो लोग दूर रहकर भी पास थे। दूर रहकर भी अपनों के साथ थे।। बात छोटी होती थी लेकिन सच से राबता था। आज बातें बड़ी हैं और झूठ का साथ है।। आज पास होकर भी लोग कहते है "Sorry I can't meet" ©Afzal Mushtaq #phonecall टेलीफोन
Balwant Mehta
आज भी न बोलोगे कब चुप्पी साधे बैठोगे दौर तुम्हारा फिर आएगा मोबाइल भी शर्माएगा ©Balwant Mehta #Telephone #टेलीफोन
J P Lodhi.
मेरे प्यारे फ़ोन, ट्रिन ट्रिन घंटी बजी, हेल्लो तुमने सिखाया, मिटाई है तुमने दूरियां, अनबन भी तुम करवाते, जोड़ दिया टूटे रिश्तों को, बिछड़ों से तुम बात करातें, बड़ाई है तुमने नजदीकियां, जोड़ दिए तुमने रिश्ते कितने, सुख दुख की तुम बात करातें, अजनबियों से भी बात हो करातें, कभी खुशखबरी की घंटी बजती, कभी शोक संदेश की खबर आती, प्यारे टेलीफोन ने जोड़ रखा है अपनों से, #मेरे प्यारे टेलीफोन#
Prabeer D Sinha
हम इश्क में इस कदर बे असर हो गए की उनकी परछाई को भी अपना समझ बैठे । उनकी एक मुस्कुराहट को अपनी जान बना बैठे । श्री कृष्ण ने कहा था की तुम सिर्फ सच्चे दिल से प्रेम करो, आगे का रास्ता मेरे ऊपर छोड़ दो । एक कहानी एक एहसास तूने ही छेड़ा मेरे मन में प्यार का राग । तेरी अठखेलियां और तेरी बातें जैसे मानो बच्चा माखन चाटे । तूने ही सिखाया, क्या होता है प्यार क्यूं हर शक्श उसे महसूस करने को है त्यार । तुझमें जरूर हैं कोई अनोखी बात जो कर देती है हर अक्स को साथ । तुझसे मोहब्बत का कैसे जिक्र करु जैसे पहली बारिश की पहली बूंद, एक पत्ते पर गिर कर मन ही मन मुस्कुराती है जैसे बारिश में बच्चे कागज़ की नांव बना कर खिलखिलाते है बस वो सुकून का नाम ही मोहब्बत है जो हमे तुमसे हो गई है ।। ©Prabeer D Sinha टेलीफोन वाला प्यार प्यार नही इश्क होता है ।।