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Ek villain
इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली राजनीति अखाड़े में तब्दील हो चुकी है दिल्ली में नगर निगम के चुनाव और गुजरात विधानसभा के चुनाव के मजेदार आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने है दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में जो ताना-बाना बुना जा रहा है उसमें आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही सीबीआई आईडी और इनकम टैक्स के दुरुपयोग की चर्चा जोरों पर है 17 अक्टूबर को दिल्ली के शराब घोटाले के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री को सीबीआई कार्यालय में तलब किया गया था मनीष सिसोदिया इस शक्ति प्रदर्शन का अफसर बनकर हजारों समर्थकों के साथ सीबीआई कार्यालय पहुंचे इस पर बीजेपी प्रवक्ता संदीप पात्रा ने सेलिब्रेशन ऑफ कॉरपोरेशन का नाम देकर तीखी टिप्पणी की भाजपा और आम आदमी पार्टी की राजनीतिक रस्साकशी मीडिया की सुर्खियों बटोर रही है ©Ek villain #Art #राजनीतिक अखाड़े में ताबील होती हुई दिल्ली सरकार
आशीष के अल्फाज
अखाड़े में हो जाते है तपदील घर उतराधिकारी की जब बात चलती है आपने भी पराए हो जाते है भाई भाई यहां जानवरो से बत्तर लड़ते है ©आशीष के अल्फाज #Luka_chuppi #nojohindi #nojotoenglish #nojotostory #nojoto2lines अखाड़े में हो जाते है तपदील घर उतराधिकारी की जब बात चलती है आपने भ
M J Rahi
#maxicandragon
When I see your eyes बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों में देख नमीं टपकते आंसू अंतर क्या बकरे, ढोरों में दबक सिसक के ओढ के जाने तिरपाल कैसे वो चलती है वो सौपकर औलाद अपनी फौजियों को देखा करती है हो मजबूर तुम है मजबूर हम मजहब ही मजबूरी है राह अब दिखती नहीं, सामने कुआं पीछे खाई गहरी है #पर्दानशीन #Sadharanmanushya ©#maxicandragon बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म
#maxicandragon
When I see your eyes बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों में देख नमीं टपकते आंसू अंतर क्या बकरे, ढोरों में दबक सिसक के ओढ के जाने तिरपाल कैसे वो चलती है वो सौपकर औलाद अपनी फौजियों को देखा करती है हो मजबूर तुम है मजबूर हम मजहब ही मजबूरी है राह अब दिखती नहीं, सामने कुआं पीछे खाई गहरी है #पर्दानशीन #Sadharanmanushya ©#maxicandragon बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म
#maxicandragon
When I see your eyes बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों में देख नमीं टपकते आंसू अंतर क्या बकरे, ढोरों में दबक सिसक के ओढ के जाने तिरपाल कैसे वो चलती है वो सौपकर औलाद अपनी फौजियों को देखा करती है हो मजबूर तुम है मजबूर हम मजहब ही मजबूरी है राह अब दिखती नहीं, सामने कुआं पीछे खाई गहरी है #पर्दानशीन #Sadharanmanushya ©#maxicandragon बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म
Swarima Tewari
जिसको शांति स्थल समझा था, उस अखाड़े में दंगल निकला। जिस शख़्स को घर समझा था, वो बियावान जंगल निकला। सही कहकर गये थे बड़े बुज़ुर्ग"शादी का लड्डू ही ऐसा होता है जो खाए पछताए जो ना खाए ललचाए"..शादी के शुरुआती दिन तो अत्यंत रोचक होते हैं पर वक़