Find the Latest Status about विकृतियों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, विकृतियों.
रिंकी✍️
रिक्तता 👇 कविता शीर्षक में पढ़े कभी कभी रोज शाम को सूर्यास्त जब होने को हो मैं छत पर बैठी किसी ध्यान में हूँ मुझसे मिलने की चेष्टा न करना क्योकि वो अस्त सिर्फ सूर्य का नही
Sudha Tripathi
सच कहूँ तो यह जिंदगी न जाने क्यों धूप छाँव सी लगती है... कभी आसमां का विस्तार तो कभी सागर की गंभीरता धारण किए चंद्रशाला सी लगती है.. जो संयम, सेवा,सहिष्णुता संग बढे तो कर्मशाला सी लगती है.., कभी अपने विकृतियों की आहुति देने वाली यज्ञशाला सी लगती है.... जो निर्विकार जीवन को गढने वाले शिल्पियों के लिए पर्वत माला सी लगती है... कभी राग रास मे झुले तो सुमन माला सी लगती है... जो अटल मनोबल के अस्त्र से विभूषित अस्त्रशाला सी लगती है... कभी सब कुछ दाव पर लगा जांए तो अक्षशाला सी लगती है.... जो गुरुसंरक्षण मिल जाए मुद्रण की टंकशाला सी लगती है... कभी हर रस को समाहित सुधाकलश युक्त पाकशाला सी लगती है... सच कहूं तो जिंदगी अपने अनुभवों से सिखाने वाली पाठशाला सी लगती है... ©Sudha Tripathi सच कहूँ तो यह जिंदगी न जाने क्यों धूप छाँव सी लगती है... कभी आसमां का विस्तार तो कभी सागर की गंभीरता धारण किए चंद्रशाला सी लगती है.. जो
Ankit Dixit Mohan
Manju (Queen)
एक बात कहनी थी *****मानवता **** लोग क्या कहेंगे इसी सोच में निकल जाती है उम्र सारी और बन जाती है एक लाइलाज बीमारी मानव बनना चाहता है महान लेकिन मन है अवगुणो की खान कहो तो ढूंढ निकाले हजारों कमियां पर न टटोले अपने मन की गलियां...... #NojotoQuote *****मानवता **** लोग क्या कहेंगे इसी सोच में निकल जाती है उम्र सारी और बन जाती है एक लाइलाज बीमारी मानव बनना चाहता है महान लेकिन मन है
Nisheeth pandey
गणपति बप्पा मोरया दीजिये ज्ञान कीजिये चरित्रवान जीवन मूल्यवान बनाएं.….. आपकी भक्ति को सब अपनाएं. ... मिलकर प्रेम तराने आपकी गाएं.... भूला भटका है जो पथ से,.... उसको भी आप गले लगाएं...... दीजिये ज्ञान कीजिये चरित्रवान जीवन मूल्यवान बनाएं। मानव जीवन सब का नश्वर होता..... सब का ज्ञान दाता बप्पा होता..... भेद भाव नही आता ,बप्पा बुद्धिमान करते.... चलो बप्पा की चरणों में आहें भरते.... आओ बप्पा की भक्ति का सहज मार्ग अपनाएं..... दीजिये ज्ञान कीजिये चरित्रवान जीवन मूल्यवान बनाएं। बप्पा देखिए कोई भूखा क्यों सोता है? बप्पा देखिए कोई क्यों रोता है? बप्पा देखिए बीज लोभ के क्यों बोता है? कीजिये कृपा सद्भावों का ज्योत जलाइए , दीजिये ज्ञान कीजिये चरित्रवान जीवन मूल्यवान बनाएं। संस्कार अब पाखण्ड समझ रहे .... धर्म भक्ति तिरस्कार कर भेद- भाव का गान कर रहे.... प्रेम भाव सदा रुपये पैसे से तौल रहे ..... इंसान के बोल फूहर हो रहें .. . डूब रहा मर्यादा आधुनिकता की धारा में,.... अमर्यादा कुसंस्कार स्वार्थ अपमान में ...... विकृतियों को तन मन से खूब रचे हम...... प्रकाश को छोड़ चुने अंधियारे सूने पथ को हम........ करे कृपा इंसानों के बुद्धि विचारों में.... प्रेम दीप का दिवाली खूब सजाएं..... करे कृपा बप्पा धरती को स्वर्ग बनाएं...... दीजिये ज्ञान कीजिये चरित्रवान जीवन मूल्यवान बनाएं.......। प्रेम से बोलो ... गणपति बप्पा मोरया 🙏निशीथ🙏 ©Nisheeth pandey गणपति बप्पा मोरया दीजिये ज्ञान कीजिये चरित्रवान जीवन मूल्यवान बनाएं.….. आपकी भक्ति को सब अपनाएं. ... मिलकर प्रेम तराने आपकी गाएं.... भूला
sushma Nayyar
डिअर डैड उर समाहित ईश से प्रार्थना ये मै करूं उसकी दया से सुंदर एक समाज की रचना करूं विकृतियों से जो विहीन हो ना रूढ़ियों के अधीन हो जहां प्रेम की बयार हो जहां सुखी हर परिवार हों जहां न जात हो न पात हो न धर्म की हाहाकार हो जहां धर्म भीरूता न हो बस ईश्वर पर विश्वास हो जहां अमीर गरीब का फर्क न हो जहां सुआवंटित रोजगार हो जहां साधन संपन्न सब रहे जहां समान सबको अधिकार हों जहां अशिक्षित न कोई जन रहे और कुरीतियों का बहिष्कार हो जहां न चोरी हो,न पाप हो न किसी को कोई संताप हो जहां राजनीति इक कर्म हो इमानदारी धर्म हो जहां भ्रष्टाचार न कोई करें सब अत्याचार से दूर रहे । अब प्रश्न यह उठता है कि इसे कैसे करें, कैसे करें ये ख्वाब मानिंद लगता है हकीकत से दूर दिखता है पर संभव है इसकी रचना भी यदि थोड़ी ताकत सब भरे यदि थोड़ी हिम्मत सब करें यदि खुद को अनुशासित करें यदि हृदय से सब प्रेम करें यदि नफरतो को छोड़ दे यदि जनहित में विश्वास करें यदि लोभ लालच त्याग दें यदि खुद से पहले राष्ट्र हो यदि परहित की आस हो तो हो सकता है यह ख्वाब पूरा जहां किसी का न छूटे ख्वाब अधूरा जहां आस पर विश्वास हो बस ऐसा एक संसार हो बस ऐसा एक संसार हो बस ऐसा एक संसार हो ।। ___सुषमा नैय्यर उर समाहित ईश से प्रार्थना ये मै करूं उसकी दया से सुंदर एक समाज की रचना करूं विकृतियों से जो विहीन हो ना रूढ़ियों के अधीन हो जहां प्रेम की ब