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जगदीश कैंथला

रौद्र रस #बात

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मयुर लवटे

रौद्र रस कविता #Comedy #Love #locha #for #you

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चली गई दूर मुझसे 
कोई गम नहीं... 
सौं पटा लुंगा अच्छी तुझसे 
मै भी किसी राजकुमार 
सलीम से कम नहीं... 

अच्छा हुआ तु चली गई 
औकात 'तेरी पता चली 
मैने सोचा था तुझे अपनाकर 
बनाउंगा अपनी बेगम अनारकली... 

बात क्या थी बस थोडी 
बॉडी के लिये... 
बन जाता था तेरे लिये 
One of the Best GREAT खली...

मयुर लवटे रौद्र रस कविता #Comedy #Love #locha #for #you

Insprational Qoute

#rzकाव्योगिता2 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone #रस:- 1:-रौद्र रस 2:-श्रृंगार रस 3:-वात्सल्य रस #अलंकार:-

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   काव्योगिता:-2
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नित नित मन मे उठी झंकार,
रौद्र रूप नारी ने किया दुश्मनों का संहार,
ममता की ये मूरत हैं,सबसे खूबसूरत  हैं,
लगाये बालों में गजरा,मानो लगती हैं कोई अप्सरा,

 
#rzकाव्योगिता2 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone

#रस:-
1:-रौद्र रस
2:-श्रृंगार रस
3:-वात्सल्य रस
#अलंकार:-

जगदीश कैंथला

रस के अंग #बात

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जगदीश कैंथला

रस के अंग #बात

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ज्योत प्रकाश शर्मा

#बिना रस के कवि

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किसी के दिल में रहने की आदत छोड़ ये आशिक। 
तेरा अपना घर छोटा पड़ा है क्या? #बिना रस के कवि

ज्योत प्रकाश शर्मा

#बिना रस के कवि

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तुम मिनरल बोतल की वॉटर हो,
हम गंगा का रसधार प्रिय।
तुम पिज्जा बर्गर सी लगती हो,
हमे सतुआ से है प्यार प्रिय।। #बिना रस के कवि

ज्योत प्रकाश शर्मा

#बिना रस के कवि

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मैं agree with you का नारा हूँ।
तुम अभी कट्टा की ही छाड़ा हो।
 तेरे साथ ही खड़ा रहा और तेरे साथ ही खड़ा रहूँगा।
चाहे इसका जितना महंगा भाड़ा हो। #बिना रस के कवि

ज्योत प्रकाश शर्मा

#बिना रस के कवि।

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न जमानत लेंगे न बेल माँगेगे।
मुझे बस अपनी बाँहो में गिरफ्तार कर लो न।
जिंदगी के अंतिम पड़ाव पे हूँ,
अब तो प्यार कर लो न।। #बिना रस के कवि।

ज्योत प्रकाश शर्मा

#बिना रस के कवि।

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बरसात के दिनों में फुस की छत है टिपटिपाय।
फिर भी भगवान से मनाए की थोड़ा और बरसाए, थोड़ा और बरसाए।
क्योंकि सुख रहें हैं धान।
हाँ हूँ मैं किसान।। #बिना रस के कवि।
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