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#maxicandragon
#मुर्गा_लडाना अर्थ बताकर समझाईए इसका मतलब किसी बात को गलत ढंग से बताकर एक दूसरे मे मनमुटाव की स्थती पैदा करना है जैसे एक बार एक घर मे विपत्ती आने के पश्चात भूरी सूर्पनखा कल्लो और मोटी मे ऐसी स्थित उत्पन्न हुई, पहले सब कुछ ठीक दिखाई देता था परंतु वैसा था नही, चारो के मन का भेद एक मनुष्य जानता था,पर वो कहते नही था, काकी किसी का आत्मसम्मान न टूटे, समय गुजरता गया, औरभेद सामने आते गए विकट परिस्थिति मे जब आसमान टूटा, तब जो समीप था वो दूर भाग गया, जो बुरा था वो सज्जन निकला, जो सज्जन था वो दुर्जन निकला, जो हितैषी था वो चतुर निकला जो जैसा था स्थिति के बदले पर ही सामने आए लेकिन इसमे वो लोग भिन्न थे, जो मुर्गा लडाने का कार्य कर रहे थे जिसने मुख्य भूमिका भूरी की थी भूरी भिन्न भिन्न परिस्थिति मे खेलना जानता थी इस खेल मे पारंगत होने के साथ साथ जब्बराई भी थी झूठ, फरेब, रोना, मनाना, चिल्लाना इत्यादि कलाओं मे माहिर थी इस परिस्थिति मे भूरी ने सभी पात्र मे षडयंत्र के ही बोना शुरू किए सारे साम्राज्य पर आधिपत्य स्थापित किया सभी को अलग अलग तरह से बरगलाना, झूठ फैलाना, डराना, चुप करवाना इत्यादि क्रीयाओ को सम्पन्न किया जो वस्तु भूरी के पास होती, वो उसे लुप्त बताती या किसी और को पास बताती किसी और से न पूछा जाए, उसका भी इंतजाम करती ली हुई वस्तु को नकारना, किसी और का बताना, दूसरे से वस्तुओ का अधिग्रहण करना, और सब होने के उपरांत रोना, ये भूरी की चालबाजीयो का खून था आपने इस कहानी से समझा की मुर्गा लजाना किसे कहते है #SadharanManushya ©#maxicandragon #मुर्गा_लडाना अर्थ बताकर समझाईए इसका मतलब किसी बात को गलत ढंग से बताकर एक दूसरे मे मनमुटाव की स्थती पैदा करना है जैसे एक बार एक घर मे विपत
HP
सत्तर का हो अथवा सत्रह का-प्रत्येक के हृदय में रहस्यों के प्रति आश्चर्य तथा नक्षत्रों और नक्षत्रों जैसी वस्तुओं के प्रति मधुर आकर्षण होता है। तभी वह घटनाओं की निर्भीक चुनौती को बच्चों की अतृप्त जिज्ञासा के समान उल्लास और जीवन की क्रीड़ा समझता है। (प.श्रीराम शर्मा आचार्य) उल्लास और क्रीड़ा
NEERAJ SIINGH
काम क्रीड़ा और तुम ना जानें कैसी ये मादकता हैं जो धुँध सी आखों पर छाती हैं और धूप सी सफेद धुएँ में मंद मंद सुगंध तुम तक पहुँच जातीं हैं बात उभारों सी उभर के हर जगह सिहरन सी कौंध जाती हैं , पानी यूँ टपकता हैं जैसे सावन की झड़ी तेरे प्रेम में छाती है वो जो छूकर तुम पूरा कर देते हो मुझें क्या यही प्यार है #neerajwrites काम क्रीड़ा
Anjali Jain
जब हम अस्वस्थ होते हैं तो स्वस्थ होने के लिए तरसते हैं और जब स्वस्थ होते हैं तो अस्वस्थ हो सकें ऎसे क्रिया -कलाप करते हैं!! #क्रिया - कलाप #08. 06.20
ख्वाबों में तू
क्या लिखूं ऐ जीवन तेरे विषय में? जीवन है तू किंतु मृत्यु ही सत्य में, जीवन है तु बलवानों के परिचय में, जीवन होकर मृत्यु है पीड़ितों के हाई में। तु्च्छ है तू गुरु के विद्यालय में, तू ही सब कुछ है आलस्य के राज्य में, तू ही श्रेष्ठ है कुछ विशेषज्ञ्य में, क्रीडा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं वास्तव में। असाकिर ©Asakiruddin जीवन क्रीडा है। #Dark
Shahab
यूं तो वह शख्स अपना भी बहुत लगता है , मन और खयालों में समाया भी बहुत लगता है उससे मिलने की तमन्ना तो रोज़ करती है मगर आने-जाने में किराया भी बहुत लगता है ! #किराया