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Ansh Rajora
मुक्ति मार्ग मात्र एक हृदय बांधो धीर जाग सके तो जाग रे रख चुनौती कहे कबीर जैसे तिल में तेल है,ज्यों चकमक में आग तेरा साईं तुझमें है जाग सके तो जाग कबीर साहब- #yqdidi #fakeera_series
@thewriterVDS
"कबीर" ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग । तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग । भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं जैसे तिल के अंदर तेल होता है, और आग के अंदर रौशनी होती है ठीक वैसे ही हमारा ईश्वर हमारे अंदर ही विद्धमान है, अगर ढूंढ सको तो ढूढ लो। . ©@thewriterVDS #कबीर #तिल #तेल #आग #चकमक #तेरा #साईं #तुझ #जाग #Wochaand
रजनीश "स्वच्छंद"
ज्यों ज्यों मैं मशहूर हुआ, अपनो से कतरा कतरा दूर हुआ। जिनके लिए कमाने निकला था रोटियां, वहीं जा मगरूर हुआ। जिन्होंने थामी थी उंगलियां, राह दिखाने जिंदगी समझाने को। आज जिंदगी का नशा सर पे चढ़ा, बिन पीये ही सुरूर हुआ। आज अपने ही लगते है अपने नही, खुद को दोषमुक्त किया। साया भी चलता संग नही, वो सोचता उससे क्या कुसूर हुआ। मिन्नतें अब ज़िद्द हुईं, प्यार में अब एहसान ही मैं देखता। कल तलक था भाई बेटा पति, आज उम्मीदतन हज़ूर हुआ। रजनीश "स्वच्छंद" #NojotoQuote ज्यों ज्यों मैं मशहूर हुआ।।
NEERAJ SIINGH
उम्र ज्यों ज्यों जो बढ़ती है ऐनक आखों पर चढ़ती है बालों पर जिंदगी लिए सफेदी बड़ा खूब निखरती है शरीर धीरे धीरे अंगड़ाइयां लेता है कहता जरा देख आईना और खुदको क्या खूब कहता है दिल दिनों दिनों जवां और चमड़ी झुर्रियों पर रँवा होता है उम्र ज्यों ज्यों बढ़ती है चेहरे पर जिंदगी के हर पन्ने को गढ़ती है #neerajwrites उम्र ज्यों ज्यों बढ़ती है
Pankaj Priyam
ग़ज़ल आग दिल में लगाते गये, दर्द को फिर जगाते गये। जख़्म देकर मुझे बेकदर, घर किसी का सजाते गये। प्यार में खुद ख़ता कर मुझे बेवजह फिर सज़ा दे गये। दर्द दिल में भरा इस कदर, हर पहर गम बहाते गये। ख़्वाब में रोज आये मगर, घर कहाँ कब बुलाये गये। प्यार की महफ़िलो में सदा तोड़कर दिल उछाले गये। प्यार में टूटकर क्यूँ "प्रियम", रोज फिर ख़्वाब पाले गये। ©पंकज प्रियम आग दिल में
S Ram Verma (इश्क)
वो जो अपनी देह में आग मगर अपने सीने में ठंडक रखती है ; वही तो है जो चांद को सुलगाकर सुरज बनाने का माद्दा रखती है ! #देह #में #आग
Mamta Ware SM
धड़कन तेज़ हुई ,सांसे बढ़ भी गई इतना रोई रोते रोते मै मर भी गई अब तक उसकी खबर ही नहीं आई मेरी चिता को आग लग भी गई ©Mamta Ware SM चिता में आग,,,
Sunny Lakhiwal
ज्यों-ज्यों खाने में #मिठास कम होती गई । त्यों-त्यों #रिश्तो में #कड़वाहट बढ़ती गई।। #सनी लाखीवाल #शायरी