Find the Latest Status about सौगंध गंगा की फिल्म from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सौगंध गंगा की फिल्म.
Ganesh Kumar Verma
प्रेम की गंगा मन में है जो प्रेम की गंगा, आंखों से क्यों बहती है, मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। सुन्दर शीतल, निर्मल पावन, कोमल तन और अति मनभावन, निश्छल -उज्जवल उसका तन-मन पहली बूंद जैसे बरखा सावन, वो भीं हमसे प्यार करे फिर, दुरी वो क्यों सहती है। मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। नीरझर जैसी चितवन चंचल है, कंचन जैसा उसका जीवन है। दूर पहाड़ी पे घर उसका, दूर देश तक आँगन है। है वह हिमवान की बेटी, सागर में जा मिलती है। मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। सबका मन हर्षानें आयी, प्रेम सुधा बरसाने आयी, हमसे कुछ भीं लिया नहीं बस, अपना प्यार लुटाने आयी, ख़ुश रहो, आबाद रहो तुम, जाते -जाते कहती है, रुके न एक पल साथ किसी के, समय सी चलती रहती है। मन में है जो प्रेम की गंगा, आंखों से क्यों बहती है, मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। #प्रेम की गंगा
Sonu Kumar Yadav
गंगा की पिरा गंगा तेरी घाट पावन; माधव तेरा प्रेम पावन; शुद्ध मन तेरे स्पर्श से होती ; नदियों की महारानी कहलाती; धरती पर तुम बेखौफ चलती । जीवों को नया प्रांदान देती । तुम हमारी मां कहलाती ! हर पूरा को तुम हर लेती, पापी के तुम पाप धोती ; धरती पर नया रित रच देती । आज तुम भी खतरे में आई । दूषित हुआ तेरा जल है। पापा को तूने इतना धोया , तुम ही हो गई मेली , तुम बं बैठी मेली। आंख जीवो को गोद में रखती ; तेरे ऊपर निर्भर जंतु ; फिर कियों स्वच्छ नहीं अमृत है, फिर कियो नहीं पावन नहीं तेरा जल है। गंगा तेरी घाट पावन , माधव तेरा प्रेम पावन । ... कवि सोनू गंगा की पिरा