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gudiya
"निराला जी" ©gudiya #ध्वनी #nojoto #nojotohindi #nojotoLove #nojotoshayari #nojotohindi #nojotoenglish
Alok Vishwakarma "आर्ष"
यमुना के किनारे उपवन में, आँखें वृन्दा को पुकार रहीं । तितली तृण कुसुम चिरइया को, वृन्दा ही मान निहार रहीं ।। मैं काव्य गीत जो रचता हूँ, तुम शब्दों में सिल जाती हो । मैं श्राव्य भीत जो सजता हूँ, तुम स्तब्ध हुई खिल जाती हो ।। होंठों से बोलती नहीं मगर, धुन की लय में मुस्काती हो । तुम आत्मसात कर सरगम को, झुकते से नयन शरमाती हो ।। सुनता ही रहूँ बस तुमको ही, राधा का श्रवण अब श्याम पिये । दिल बुला रहा है आ जाओ, मधुमय मन की आवाज़ लिये ।। यमुना के किनारे उपवन में, आँखें वृन्दा को पुकार रहीं । तितली तृण कुसुम चिरइया को, वृन्दा ही मान निहार रहीं ।। मैं काव्य गीत जो रचता हूँ, तु
#maxicandragon
मर गए स्वप्न क्या करूंगा इन परम्पराओं का मर गई आत्माएं क्या करूंगा सभ्यताओं का बन जा खच्चर ढो ये दुख और तू साधारणमनुष्य रख इन वीरानियों को तकते रहो तुम सुख दुख कंधे पे ऱक कर अपना शीश मैने पलटना देखना कर दिया है बंद बस हाथ है, लगे तो थाम लेना खुद मन करे तो एक बार लगाकर गले बांट लेना मेरा दुख मेरा दुख ही मेरा काव्य है विराम पर स्वर गुंजेंगे चीखों के गीत छाती के ढोल आँसुओं से भरी जल तरंग के चोटील ध्वनी से सजे मेरे मन को बहलाएंगे #SadharanManushya ©#maxicandragon #Dukh #Parampara #Sabhyata मर गए स्वप्न क्या करूंगा इन परम्पराओं का मर गई आत्माएं क्या करूंगा सभ्यताओं का बन जा खच्चर
Somya Baranwal
O kanha😊 मेरा मन इस कदर बाबला क्यो होये जा रहा हैं कान्हा कुछ तो खास हैं तेरी इस मुस्कुरहाट में कुछ अंदेखा सा तो हैं तेरी बांसुरी के इस मधुर सी
saurabh
मुझको वृंदा से तुलसी तक यह सफर मनोरम लगता है... जीवन को बदले क्षणभर में , वह मोड़ मनोरम लगता है गर सत्य हृदय में हो तो फिर आनंद कहां कम लगता है.. !! हर भाव प्राण बन जाते हैं हर प्रणय मनोर
KISHAN KORRAM
हूँ मैं उम्मीदों के आश पर थोड़ा इस ज़मी पर थोड़ा आसमान पर भूगोल ही ऐसा हैं इन उम्मीदों का लग जाता हैं मन टेढ़े-मेढ़े मानचित्र उखेरने कहीं पर पर्वत के कहीं पर मधुर ध्वनी के कल-कल करते झरनों के कहीं पर वादियाँ के तो कहीं पर पथरिले रास्तों के परिस्थितियों के अनुकूल उम्मीद कहीं डगमगा जाती हैं तो कहीं उड़ान भरने आतुर हो जाती हैं मेहनत और लगन भी मेरी उम्मीदों के दरवाजे पर बैठ कर देख रही होती हैं हैं कितनी ललक मुझमें एक उम्मीद मेरे अपनो की मेरी सफलताओं के लिए छाप सी बनी हुई हैं वहीं जिम्मेदारियाँ पूरी कर लू एक उम्मीद हैं गिर जाऊँ, टुट जाऊँ तो सहारा बस उम्मीद हैं ✍️©® By# Kishan_Korram #Umeedहूँ मैं उम्मीदों के आश पर थोड़ा इस ज़मी पर थोड़ा आसमान पर भूगोल ही ऐसा हैं इन उम्मीदों का लग जाता हैं मन टेढ़े-मेढ़े मानचित्र उखेरने कहीं प