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Bh@Wn@ Sh@Rm@
इस दुनिया के मेले मे कोन लागे मेरा इस जहां मे अपने बेगाने लागे,लागे जग सारा पिठ होते ही बदनामी के कई किस्से छापे मुंह मे मेरे मिठा बोले, बोले शक्कर घोल के पिठ होते ही खञंर भोके वो भी बिना नोक के ना जाने इनमे कौन शक्श लागे मोरा इस दुनिया के मेले मे कौन लागे मोरा।। ©Bh@Wn@ Sh@Rm@ #कोन लागे मोरा #शुन्य Rana R Ojha Jassi Jass sanjay singh Bhadouria शून्य
Ankit Mishra
रिश्ते ये जितने रिश्ते है उम्मीदो से परे है, अखड़ता नही हू मैं बस खरा नहीं उतरता कभीं, तू बता क्या करू.. कैसे सम्भालू.. इन्हे जितने भी है बड़े मनचले है। अशान्त मन
लक्ष्मी दिव्यतम्
ना उम्मीद है ये दुनियाँ, बस उम्मिद खुद से कर ली, बेहतर लग रहा खुद को खुद से जोड़ना। #अशान्त #मन
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
मैं "शून्य" हुं! मुझे पीछे ही रखना मेरा काम तो मेरे अपनो की कीमत बढ़ाना है और कुछ नहीं। ©Ankur Raaz मैं शून्य हुं। #शून्य
VATSA
शून्य ही यथार्थ था, शून्य ही कयास था शून्य ही था घट रहा, शून्य इतिहास था शून्य कन कन में था, शून्य ही मिट गया शून्य राजा बना और शून्य ही दास था शून्य आंसू के धब्बे, शून्य ही मुस्कान थी शून्य आभास था, शून्य ही विश्वास था शून्य थी दौलतें और शून्य ये शब्दावली शून्य निवास था, शून्य ही वनवास था शून्य था ये प्रेम सब शून्य में जो घट गया शून्य ही बस दूर था, शून्य ही पास था शून्य मरघट पे था, शून्य ही था कोख में शून्य ही मिल गया, शून्य ही तलाश था शून्य अभिमान था, शून्य ये निर्माण था शून्य था बन गया, शून्य ही विनाश था शून्य था चुभ गया, शून्य ही था मखमली शून्य पतझड़ सारा, शून्य ही पलाश था शून्य था जो सुन सका, शून्य था अनसुना शून्य अंधा हर पल, शून्य ही प्रकाश था शून्य दिल की धड़कने, शून्य भागती नसें शून्य था खुश खड़ा, शून्य ही निराश था #शून्य #shoonya #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #hindiquotes शून्य ही यथार्थ था, शून्य ही कयास था शून्य ही था घट रहा, शून्य इतिहास था शू
priyadarshini sharma
किसी से भी शून्य होकर मिलिए, तत्पश्चात आपके अंकों का भाड़ ! स्वयं उन्हें संतुलित कर देगा ।। ©priyadarshini sharma शून्य सबको शून्य करेगा ।। #Functions_of_Universe
Neha Upadhyay
शून्य की दहलीज पे खड़ा हूं, ऐ जिंदगी अब तू क्या कर लेगी, घटाने को कुछ भी बचा नहीं, जो जोड़ेगी वही वापस लेगी। क्षितिज सा क्यूं अड़ा रह गया, नभ छू ना सका और सागर बह गया, तारों और किनारों सी कहां किस्मत थी, अब मैं शून्य हूं तो यही सही। #शून्य