Find the Latest Status about पूंजीपति from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पूंजीपति.
Kabita Singh
कई लोग बदले कई रंग बदले बदली कपटी नेता गरीबी को पलते लाचारी में देखा सियासत के खेल में अक्सर पीसता गरीबी देखा पूंजीपतियों की जेबें भरी, गरीबी को भूखे देखा हुई मानवता की हार, इंसानियत को शर्मशार होते देखा भूखे पेट बंदुआ मजदूर को उठाते कुल्हाड़ी देखा बिकती हुई मानवता, रोती हुई मां की आंखे देखा लड़ते हुए जिंदगी की जंग खुद की किस्मत कोशते देखा हाय! मैने टूटती, बिखरती, बिलखलाती, नन्ही सी मासूम को देखा फिर से वोटो की गिनती में, गरीब को मरते देखा कपटी, भ्रष्टाचारी नेता पूंजीपति व्यापारी को शोषित करते गरीबी को देखा हाय! मैंने हर तरफ़ से मानवता की हार देखा ✍️✍️✍️🤐🤐🤐💔💔
amit
MANJEET SINGH THAKRAL
Ajay Amitabh Suman
MANJEET SINGH THAKRAL
असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोये हुए शेर जाग गए फिर तो ये पूंजीवादी नेताओं के लक्ष्य से भी बहुत आगे निकल जायेंगे...। - भगत सिंह ©MANJEET SINGH THAKRAL असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोय
Sarbjit sangrurvi
दीमक है लगता, जो सब कुछ, सफा चाट कर गया। यां है दलाल कोई, पूंजीपतियों का है, जो है घर भर गया। हैरान हूं हमारा पैसा, देश वासियों से छीन कर, अपनों पे लुटाया जा रहा है। डिजिटल इंडिया का, नामों निशान मिटाया जा रहा है। पूंजीपति रकम डकारें जा रहे हैं। नेता करोड़ों का चंदा खा रहे हैं। करोना करोना का रोना रो रो, हमें मुकाए जा रहें हैं। बात हमारे दिल की सुनते नहीं, अपने मन की सुनाये जा रहें हैं। पैट्रोल डीज़ल के दाम, आसमां को निगल गये, ये ज़िन्दगी हमारी, नर्क बनाये जा रहें हैं। ©Sarbjit sangrurvi दीमक है लगता, जो सब कुछ, सफा चाट कर गया। यां है दलाल कोई, पूंजीपतियों का है, जो है घर भर गया। हैरान हूं हमारा पैसा,
Prabodh Prateek
इस सरकार से सहमत होने की कोई सवाल ही नहीं यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है, मौजूदा सरकार निजीकरण की पक्षधर में है इसलिए किसानों के हित मे सोचना ही बेमानी है, जब से ये सरकार सत्ता में आई तानाशाही की दिशा में काम कर रही है।आज पूरे देश में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है लेकिन इस सरकार को कोई फिक्र नहीं ©Prabodh Prateek इस सरकार से सहमत होने की कोई सवाल ही नहीं यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है, मौजूदा सरकार निजीकरण की पक्षधर में है इसलिए किसानों के हित मे सो
Bhupendra Rawat
मैं सोचता हूं अक्सर आधुनिक युग के इस जाल में क्या होगा आने वाली पीढ़ी का जिसने आधुनिकता के नाम पर बना दिया है,सबको अपना गुलाम मानसिक विकास के नाम पर बना दिया है अपंग अपनों से बना ली है दूरी और खूबसूरत सी दिखने वाली दुनिया से से बना लिया है फासला, सशक्तिकरण समाज के निर्माण का सपना दिखाने वाले आधुनिकता के नाम पर परोस रहें है,अश्लीलता नग्न तस्वीरें पुरूष और महिलाओं की शिक्षा को बना दिया है,बाजारू मर रहा है गरीब,क्योंकि उसके पास नहीं है पैसे आधुनिकता के इस युग मे स्वयं का इलाज करवाने को पूंजीपति आज भी चूस रहें है मजदूरों की हर एक रक्त की बूंद और मजदूर आज भी विवश है भूखा रहने को,क्योंकि उसके पसीने की कमाई पर टिका है पूंजीपतियों का कारोबार मैं सोचता हूं,अक्सर कैसे होगा विकास आधुनिक युग के इस जाल में आने वाली पीढ़ी का। भूपेंद्र रावत 9।08।2020 मैं सोचता हूं अक्सर आधुनिक युग के इस जाल में क्या होगा आने वाली पीढ़ी का जिसने आधुनिकता के नाम पर बना दिया है,सबको अपना गुलाम मानसिक विका
MANJEET SINGH THAKRAL
भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश! 1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भारत की आत्मा किसान और किसानी को! 2. देखिये जात,पात,धर्म में बंटकर हमने विकारियों को सत्ता पर बैठा कर ‘लोकतंत्र को भीड़तंत्र’ बना लिया ! 3. देखिये कैसे पूंजीपतियों की दलाल बहुमत की धर्मांध सत्ता ने सारेकिसान की तबाही तीन काले कानूनों से तय कर दी 4. जागो और प्रतिरोध करो,किसानों का साथ दो ! 5. राजनीति गन्दी नहीं है. ‘हम भारत के लोग’ अपनी राजनैतिक भूमिका का निर्वहन करें. अन्याय का प्रतिरोध करें ! #नाटकराजगति #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10225734599291066&id=1213249287 ©MANJEET SINGH THAKRAL भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश! 1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भ