Nojoto: Largest Storytelling Platform

New नोहे चाहिए Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about नोहे चाहिए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नोहे चाहिए.

Related Stories

    PopularLatestVideo

kumaarkikalamse

पोहे खा लो friends #Kumaarsthought ऐसा होना चाहिए #kumaaraisahihai

read more
घर   में  माँ, बहन, पत्नी  को  भी  थोड़ा  आराम  दे  सकूँ
बस यही सोच कर कभी नाश्ता, कभी डिनर बना लेता हूँ।  पोहे खा लो friends
#kumaarsthought
ऐसा होना चाहिए

#kumaaraisahihai

Mohandas Ratre

सुरता तोर सुरता नोहे #CalmingNature #विचार

read more
जेन ला तेहा सूरता कर
 कर के रोवत होबे ना,
ओ हा ना कोई दूसरा ला
 खुश करे में व्यस्त होही!!

©Mohandas Ratre सुरता तोर सुरता नोहे 
#CalmingNature

Mr.Rana

mute video

Nature lover

आधुनिक युग के दोहेदोहे #Motivational

read more
mute video

Nature lover

आधुनिक युग के दोहेदोहे #Motivational

read more
mute video

Sanjay Pahuja

दोहे

read more
दिन भर जी के देख ले,मरने को सौ काम
वापिस फिर ना आ सके,दीजो जितने दाम

आया मेला चुनाव का,रंग बिरंगे लोग
कोई बूखा रह गया ,झप्पन खाके भोग

वक्त वक्त की बात है,राजा रंक फ़क़ीर
जिसकी जितनी भूख है,वेसी है तकदीर

अस्पताल में भीड़ है,मरीज ना माने बात 
जाने कैसा रोग है, दिन भी लागे रात दोहे

Sudha Singh

दोहा 

सुबह सिखाती है हमें,जग जाओ मत सो।
अपने पैरों के तले, खुद काँटे मत बो 
रे बंदे, खुद काँटे मत बो....... #दोहे

जयश्री_RAM

#दोहे

read more
दोहे लिखे कबीर ने,
जीवन के सार थे।
अर्थों को जानने को,
क्या हम भी पार थे।।१

पढ़ लिया बबूल को,
सेमल की आस थी।
ठहरे नहीं उस राह पर,
जीवन की प्यास थी।।२

नदी न संचे नीर अब,
ले आती है बाढ़,
निर्धन व्याकुल बह रहे,
पानी से है खार।।३

पढ़ने को पढ़ लिया,
ढाई आखर प्रेम का,
मूल कुछ मिला नहीं,
चला गया जो शेष था।।४

दूसरों के त्याग में,
झोंका आप शरीर।
हमसे तो होता नहीं,
देखो आज कबीर।।५

गुरू शिष्य ने नाम को
ऐसा दिया उभार।
शिक्षा ऐसी आय हुई,
मिले नहीं उधार।।६

®राम उनिज मौर्य®
बनबसा
जिला-चम्पावत. #दोहे

सतीश तिवारी 'सरस'

*चंद दोहे*
(1)
संस्कार जैसे हुए,निज पथ से बेठाँव।
बच्चे अब पड़ते नहीं,नत होकर के पाँव।।
(2)
जिनकी ख़ातिर ज़िन्दगी,लुटा चुका निज बाप।
उसको ही सुत दे रहे,जी-भर के संताप।।
(3)
धनलोलुपता ने डसा,प्रेम-प्रीति को यार।
धन की ख़ातिर औरतें,करतीं नित तक़रार।।
(4)
स्वार्थ-मोह अरु छल हुए,जीवन के पर्याय।
वही ठगाये आजकल,जो स्वभाव से गाय।।
(5)
मातु-पिता के बाद में,रक्षक बस भगवान्।
कष्टों में सब झाड़ते,हम पर अपना ज्ञान।।
(6)
बोल न पाते थे कभी,जो हम से इक बोल।
छाती वो ही आजकल,रहे हमारी छोल।।
(7)
फर्ज जिन्होंने आज तक,नहीं निभाया मीत।
वही आजकल गा रहे,अधिकारों के गीत।।

©सतीश तिवारी 'सरस' #दोहे

Sangeeta Verma

mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile