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VED PRAKASH 73

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mk uikey

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शून्य(ब्राह्मण)

तुम लाख अच्छे काम कर लो...
हर दम तैयार रहो दूसरों के लिए...
मगर जब एक गलती करोगे तुम..
तुम्हारी सारी अच्छाई भूल जाएंगे वो! #याद_रखना #आइना_ज़िंदगी_का #व्यवहारिक_बातें

harshit tyagi

व्यवहारकुशल बने रहे #Life

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मनुष्य का अमूल्य धन
उसका व्यवहार है
इस धन से बड़कर
संसार में कोई और धन नहीं
पैसा आता है चला जाता है
पैसा आपके हाँथ में नहीं है
 पर व्यवहार आपके हांथों में हैं ।

©harshit व्यवहारकुशल बने रहे

Parasram Arora

व्यवहारिक आदमी

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इसी  संसार में    रह  कर 
मैं ये जानने  में सफल हुआ हूँ 
कि  इस  संसार में  व्यवहारिक  कहलाने वाला   आदमी 
उन  लोगो  कि गाड़ी   कमाई  से अपनी  रोज़ी   कमाँ  लेता  हैँ 
जो  कल्पनाशील  हैँ   संवेदनशील   हैँ 
औऱ  हर  किसी  पर   भरोसा  कर  लेते   हैँ व्यवहारिक  आदमी

jyoti gurjar

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Arya_purush

क्या फर्क करूं मैं उन दोनों व्यवहारों में। #poem

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Juhi Grover

बचपन की प्यारी सी दास्तान याद रहती है, 
मग़र फिर भी वो यादें धुँधली पड़ जाती हैं।

मासूम सा स्पर्श हमें आज भी याद रहता है,
मग़र मासूमियत बचपन में ही रह जाती है।

हमारी गम्भीर बातों को सुन हँस देते थे लोग, 
और आज की गम्भीरता हँसी उड़ा जाती है।

ज़िन्दगी का मतलब बचपन में ही सीखते हैं,
बड़े होते ही ज़िन्दगी की धज्जियां उड़ जाती हैं।

आखिर क्यों अपनी शिक्षा का प्रयोग नहीं करते, 
और ज़िन्दगी यों मौत के ही करीब होती जाती है।

इन्सानियत तो बस बचपन का आईना होती है,
बड़े होते होते ही हैवानियत जन्म लेती जाती है।

दुनियादारी की समझदारी में तो उलझ जाते हैं,
मग़र व्यवहारिकता के चक्र में समझ खो जाती है।

बचपन याद करने की शायद ज़रूरत ही न पड़े, 
अगर ज़िन्दगी इन्सानियत की मिसाल बन जाती है।

छल, कपट से परे निस्वार्थ, निष्फल जीवन रहे,
क्या ऐसे जीवन की व्यवहारिकता खत्म हो जाती है? #स्पर्श 
#बचपन 
#दास्तान 
#हैवानियत 
#इन्सानियत 
#व्यवहारिकता 
#yqhindi 
#bestyqhindiquotes

KAHANI WALA

" व्यवहार "

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Tara Chandra

बैन विनीत श्रवण में सुन्दर,
वाणी मधुर सितार के सप्तक,
तुझको किसने रोका मनुवा,
राग से राग जगादे...
नई अलख जगादे....... 

मातु-पिता सा हृदय श्रेष्ठ रख,
स्नेह में जगत भिगा दे,
उघड़े जब भी कमल नयन ये,
शून्य में अतिथि डुबा दे.......
नई अलख जगादे....... 

दुनियां याद करे बस उसको,
जिसने स्पर्श किया मन,
पश्चाताप में झुलसें बैरी,
ऐसी मरुत बहा दे..... 
नई अलख जगादे.......

©Tara Chandra Kandpal #व्यवहार
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