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Radheshyam
जीवन की परिभाषा ऐसी, जिसमें मिलन हो जाएं, हो मिलन परमात्मा से ऐसा, ऐसा कुछ कर जाएं, जीवन संभाले रखिए अपना, जीवन ना वापिस आएं, जीवन को जीते रहना हर पल, चाहे कुछ हों जाएं.... ©Divyanshi Triguna "Radhika" #Shiv #NojotoHindi #सार्थकजीवन
अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
सही साथी संयोग से मिलते है जो जीवन को सार्थक बनाने में सार्थी बनते हैं ©Anushi Ka Pitara #साथी #दोस्त #सार्थी #Love
Shiv Narayan Saxena
🙏 सुप्रभत! जीवन और समय तभी सार्थक हैं जब किसी के काम आ सकें. वरना, आपको समय और समय को आपका जीवन बार-बार नहीं मिलते. ©Shiv Narayan Saxena सार्थकता.
Parasram Arora
इच्छाएं और कामनाएं ज़ब सुखद परिणाम नहीं दे पाती तो हम नपुसंक कल्पनाओ का आलंबन लेकर खुद को गौरान्वित करने की असफल चेष्टा करते है.......... फिर ताउम्र कल्पनाओ की उड़न तश्तरी मे बैठे बैठे आयु की सार्थकता नष्ट कर देते है.. सार्थकता.......
Parasram Arora
ऐसा नहीं है कि मै जानता नहीं मूल्य आँसूओं. का कई बार. ंनिर्र्थक भी बहाये है मैंने अपने आँसू सार्थकता तो तब होती ज़ब उन आंसूओ क़े झरने मे कोई नहाया भी होता # सार्थकता....
Kamal bhansali
Hindi shayari quotes हर समझदार जीवन अपनी तय ऊंचाइयों तक पंहुचना चाहता है, हालांकि काल और परिस्थितयां उसकी मजबूरी होती है और विरले ही इस मकसद को हासिल कर पाते है। परंतु उस जीवन की सार्थकता पर कोई प्रश्नचिन्ह लगाना सही नहीं होता जो अपने से ज्यादा दूसरों के लिए जीता है। ऐसे सही इंसान का एक ही लक्ष्य होता है वो अपने पास के परिवेश में खुशियों के फूल उगाता रहे और वो इस क्रम में अपने पावों तले लगे कांटो के दर्द को भूल जाता है। शास्त्रों ने भी पुष्टि की है वो जीवन ही सर्वश्रेष्ठ है जो दूसरों के दर्द का अहसास करता है और उस का क्षमतानुसार दर्द कम करता है। 👉कमल काव्य सरोवर का एक विचार 👈 #NojotoQuote जीवन सार्थकता
sarshuk
मैं हिन्दू हूँ मैं कैसे उस मुसलमान को आतंकवादी कह दूं जो मेरे वतन मेरे हिंदुस्तान की मिट्टी को नमाज़ में पाँच बार चूमता हो ~ सार्थक शुक्ला #सार्थकशुक्ल #Prayers #शायर✍🏻 #नमाज़ #शायर #हिन्दुमुस्लिम
Parasram Arora
कौन कहता हैँ शब्द की सार्थकता समाप्त हो गई हैँ या शब्द अपनी अर्थवत्ता खो चुका हैँ हां अगर मनुष्य ह्रदयहीन हो गया हैँ और उसकी चेतना लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हैँ तो शब्द अपनी यात्रा एकल रूप से सम्पन्न नहीं कर पायेगा शब्द की सार्थकता........
Arora PR
शायद ही तुम समझ सको कभी शब्दों की जादूगरी और उनके अर्थ की कारीगरी कितना निरीह सा हो जाता हैँ आदमी ज़ब सार्थक शब्दों से उसका मोह भंग हो जाता हैँ जिन्हे अगर वो सही समय मे सही डंग से उच्चारित करता तो बिगड़े हुए रिश्तो की लाज बच सकती थी और रिश्तो का भविष्य और उनकी बुनियाद को मज़बूत किया जा सकता था ©Arora PR शब्दों की सार्थकता