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Shilpa ek Shaayaraa
प्रिय राजसां, प्रेमपत्र खरं तर जिव्हाळयाचा विषय. मनाच्या कोप-यात कायम जपला जाणारा. घरच्यांपासुन लपवला जाणारा विषय. गालातलं हसू ओठांपर्यंत येऊ नये, उरातली घालमेल नजरेत दिसू नये म्हणुन जीवाचा आटापीटा केला जाणारा विषय. आणि इतक्या सुंदर विषयाला मला हात ही घालता येऊ नये इतकी प्रेम या भावनेपासुन अलिप्त झालेली मी. विचित्र ना? हो मी आहेच जरा विचित्र. नाहीत कळत मला प्रेमाचे फंडे, प्रेमात घेतल्या जाणाऱ्या खोट्या आणा भाका, ते खोटं खोटं बोलणं, ते उगाचच रुसणं, भांड-भांडणं आणि लगेच सगळं विसरून पुन्हा पहिल्या सारखं वागणं. प्रेमात Possessive असावं माणसानं पण इतकं की समोरची व्यक्ती एक माणुस आहे आणि तिला तिची स्वतःची अशी Self Respect आहे. तिला तो Respect दयायलाच हवा हे कसं विसरतो यार आपण. मी माणुस म्हणुन माझी स्वतःची एक Space असणार, माझी Self Esteem माझ्यासाठी प्रेमापेक्षाही जास्त महत्वाची असूच शकते ना.तू ते समजू शकत नसशील तर निदान Respect तरी कर. फ़क्त तू पुरुष आहेस आणि मी स्त्री आहे म्हणुन तू माझ्या Character विषयी काही बोलणार असशील तर मी ना सीता आहे एकटीने अग्निपरीक्षा दयायला, ना द्रोपती आहे तुझ्या चूकीमुळे मी स्वतः अपमानित व्हायला. हे आणि असेच लाखो विचार मला प्रेम करण्यापासुन आणि प्रेमपत्र लिहिण्यापासुन रोखतात. हे एव्हाना तुला कळले असेल ना? पण Don't Worry मी जोवर एक छानसे प्रेमपत्र लिहित नाही तोवर मी प्रेमपत्र लिहिणे थांबवणार नाहीये. So,, वाचायला तयार रहा. असेही डाकखाने तो बंद है, Digital ख़तों से काम चलाया जाये.. अभी बातचीत बंद हैं, मोबाईल से काम चलाया जाये..😉 - तुझीच ©#Shilpa_ek_Shaayaraa आणखी एक प्रयत्न.. #प्रिय_राजसां #प्रेमपत्र #WrittingMoods #Broken_but_Beautiful #strugling_life #Ramta_Jogi_Special #Shilpa_ek_Shayaraaa #S
HV Dileep
तूमको चाहा था तूमको चाहेंगे। जमाना चाहे जो भी सोचें, दो दिल एक जान एक साथ मिलकर, ज़माने को अपनी प्रेम कहानी से मिलवाएंगे। .....HV Dileep एक कहानी
SuRaJ ThAKuR (loverboygullu)
एक कहानी उसने यूं रचा जिसमे मैं कभी था ही नहीं 💔😔😣😭 एक कहानी
Mamta Soni
मानसी एक ऐसी लड़की जो सिर्फ हंसना मुस्कराना ही जानती थी उसे तो गम शब्द के मायने ही नहीं मालूम थे । पर वक्त के साथ उसकी जिन्दगी का रुख ही बदल गया । किस्मत ने उसे इतने दुख दिये कि वो अपने चेहरे की मुस्कान ही भूल गयी | बचपन उसका हँसता खेलता बीता । जब शादी का समय आया तो उसके कोई सपने नहीं थे सिर्फ एक ही ख्याल उसके मन में था कि वह जिस घर में जायेगी वहाँ सबकी खुशियों का ख्याल रखेगी और और कोशिश करेगी कि उसकी वजह से कभी किसी को कष्ट न हो ।इसी के साथ वह नई जिन्दगी में प्रवेश करती है । लेकिन वो अन्जान थी कि उसने गमों की दहलीज पर पैर रख दिये हैं अब से उसके जीवन का हर लम्हा कठिनाइयों में गुजरने वाला होगा । मानसी अपने नये घर में सभी सदस्यों का खूब ध्यान रखती है । उनकी खुशी में ही अपनी खुशी समझती है ।परन्तु वह इस बात से अंजान थी कि वह कितना भी इस परिवार को अपना समझ ले उनका ध्यान रख ले मगर वो लोग कभी संतुष्ट होने वाले नहीं है । जरा सी कमी होने पर ताने देने से नहीं चूकेगें । और यही होता रहा । वह हर तरह से परिवार के सब लोगों का ध्यान रखती सब खुश रहते परन्तु जहाँ किसी बात की कमी आ जाती, तानों का सिलसिला शुरु हो जाता। वह किसी की बात पर तर्क वितर्क नहीं करती । उसे यही लगता कि चुप रहने से समस्या सुलझ जाती है और वाद विवाद करने से बढ जाता है । मानसी ने सारी जिन्दगी यही सोचकर चुप रह कर काट दी कि वक्त के साथ इंसान में सुधार आ जाता है लेकिन ऐसा सोचना उसकी सबसे बडी भूल थी ।समय के साथ दिन ब दिन उस के साथ मानसिक उत्पीड़न होने लगा । वह अपने मायके भी नहीं रह सकती थी क्योंकि वहाँ की आथिक स्थति ने उसे इसी घर में रहने को मजबूर कर दिया था । एक लड़की हमेशा दोनो घर में परायी ही रहती है । विदा होते ही वह परायी हो जाती है और पराये घर मे भी उसे कोई दिल से स्वीकार नही कर पाता । यही एक लड़की की सच्चाई है । मानसी ने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी लेकिन नये घर की दहलीज पर कदम रखते ही उसकी शिक्षा पर ग्रहण लग गया । मानसी बहुत साधारण लड़की थी उसे लड़ना झगड़ना किसी से कुछ भी अपशब्द बोलना आता ही नहीं था । इसी वजह से सभी लोग उस पर हावी रहते थे ।मानसी का चुप रहना उसकी सबसे बडी भूल थी क्योंकि चुप रहने से ताने गाली गलौच सहन करने से सबको यही लगता था कि ये गलत है इसीलिए वह सबके ताने और गालियाँ सुनती है । पर मानसी तो यही सोचकर चुप रहती आयी कि यह घर उसका अपना है और यही उसका परिवार है । पर सब कुछ छलावा था । चुप रहने या सहन करने से सामने वाला यही समझता है कि मैं सही हूँ और वक्त के साथ इसी सोच के साथ इंसान का व्यवहार और खराब हो जाता है । मानसी आज उम्र के उस पड़ाव पर थी जिस पड़ाव पर वह समझौते के अलावा कोई फैसला नहीं ले सकती थी। उसने अब खामोशी को ही अपना जीवन बना लिया था । ©Mamta Soni # एक कहानी