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Ajij shaikh press

येणा-या प्रत्येक सावलीत तुझाच अभास आहे, तू येशील परतुन अशी उगीचच मनासी हळवी आस आहे. .....#आजीज शेख.... –--------------------------

येणा-या प्रत्येक सावलीत तुझाच अभास आहे, तू येशील परतुन अशी उगीचच मनासी हळवी आस आहे. .....#आजीज शेख.... –--------------------------

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Amaan Moradabadi

 अन्नाहजारे जी से मेरा कोई बेर नहीं है परतु उनकी चुप्पी साधने कि वजह क्या है

अन्नाहजारे जी से मेरा कोई बेर नहीं है परतु उनकी चुप्पी साधने कि वजह क्या है

5 Love

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सुसि ग़ाफ़िल

बहुत प्यारी है स्त्रियों को अपनी पीठ 
परतुं पीठ को कभी किसी ने सहलाया ही नहीं

किसी ने चुम्मा तो उनको गर्दन पर और कमर के नीचे
नहीं चूम पाया कोई पीठ पर बना आकाशगंगाओं का गलियारा

उनके लिए वह सिर्फ कोरी जख्मों का संग्रहालय रही | बहुत प्यारी है स्त्रियों को अपनी पीठ 
परतुं पीठ को कभी किसी ने सहलाया ही नहीं

किसी ने चुम्मा तो उनको गर्दन पर और कमर के नीचे
नहीं चूम पाया

बहुत प्यारी है स्त्रियों को अपनी पीठ परतुं पीठ को कभी किसी ने सहलाया ही नहीं किसी ने चुम्मा तो उनको गर्दन पर और कमर के नीचे नहीं चूम पाया

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राजकारण

बहिणीला Copy पुरवायला नकली पोलिस बनून गेला!

©राजकारण
  बहिणीला काॅपी देण्यासाठी तरूण तोतया पोलीस बनून परीक्षा केंद्रावर बारावीच्या परीक्षेमधील गैरप्रकार टाळ्यासाठी शिक्षण विभागानं विविध उपाययोजना

बहिणीला काॅपी देण्यासाठी तरूण तोतया पोलीस बनून परीक्षा केंद्रावर बारावीच्या परीक्षेमधील गैरप्रकार टाळ्यासाठी शिक्षण विभागानं विविध उपाययोजना #मराठीसस्पेन्स

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बे-फ़सील

रात भर आँखोँ के समुन्द्र से बहुत बातेँ की है, 
 कुछ उनको भी कुछ उनसे भी सौगातेँ ली है।

बढ गए ओर हौसले कुछ चोट खाने के बाद,
 किनारोँ ने जब लहरोँ से बातेँ की है।

परतदर परत खुलते गए राज कई, 
खुद के पास बैठकर जब खुद से बातेँ की है।

अल्फाज जोडते है और तोड भी देते है,
 फसाना बनने मेँ जिन्दगी ने शाम से बस रातेँ की है।

वो मेरा है था मुझको भरम बरसोँ, 
तो फिर मैने आज क्युँ ऐसी बातेँ की है। रात भर आँखोँ के समुन्द्र से बहुत बातेँ की है, 
 कुछ उनको भी कुछ उनसे भी सौगातेँ ली है।

बढ गए ओर हौसले कुछ चोट खाने के बाद,
 किनारोँ ने जब ल

रात भर आँखोँ के समुन्द्र से बहुत बातेँ की है, कुछ उनको भी कुछ उनसे भी सौगातेँ ली है। बढ गए ओर हौसले कुछ चोट खाने के बाद, किनारोँ ने जब ल

59 Love

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Anil Ray

काश! तेरी इन आँखों से...!

खुद का दिदार कर सकू....!

तो सुकून से रूह का........!

जिस्म में सराय हो जाये...!!

©Anil Ray
  💞 ❣️मरकर अमरे-एहसास दिल❣️ 💞

हसीं! दिल में मकां कर जाती धड़कन मेरी
तेरी इन नज़रों से कभी, एक इशारा होता।

यें नफ़रते-दौर भी बदल जाता मोहब्बत

💞 ❣️मरकर अमरे-एहसास दिल❣️ 💞 हसीं! दिल में मकां कर जाती धड़कन मेरी तेरी इन नज़रों से कभी, एक इशारा होता। यें नफ़रते-दौर भी बदल जाता मोहब्बत #Dil #nojotohindi #mohabbat #शायरी #Ehasas #ishaq #dastaan #nojotashayari #Anil_Kalam #Anil_Ray

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JALAJ KUMAR RATHOUR

"पापा हम क्यों पढते  हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास में ही बैठे अपने पापा से प्रेम ने ये पूछा ,देश पांडे साहब ने मजाकिया लहजे से कहा बेटा तेरे बाप ने भी पढा और हर बार मन में यही प्रश्न उठा पर आज तक इस सवाल का जबाब ना मिला, बगल में ही बैठे प्रेम के दादा जी भारत पांडे जी ने उसके पापा देश पांडे के कान को ऐंठते हुए कहा , "तेरे में इतनी बुद्दी ही कहाँ थी रे मोड़ा जो तू जू सवाल पुछतो  जू तो हमाओ नाती है जो जे सवाल पूछ रहो है , प्रेम को अपने पास बैठा कर भारत पांडे जी ने कहा "बिटवा जो जे इतिहास होवे है ना जी हमें तासो पढाओ जावे है कि हम अपनी पुरखों की गलतियों से सीख ले और  जिने फिर ना दोहराये, प्रेम ने दादा से पूछा पापा वो कैसे तो उन्होंने बताया बेटा  मराठा महाराजा छत्रपति शिवा जी महाराज के वंशजो में एक वीर योद्धा थे सदाशिव भाऊ जो मराठा साम्राज्य के रक्षक थे उन्होंने बाहरी आक्रमणकारियों को भारत से भागने के लिए आपने विश्वास पात्र सेनानायक इब्राहीम खान के साथ मिलकर युद्ध लड़ा उस वक्त उन्होंने भारतियों राजाओं से मदद मांगी परंतु कुछ राजाओं ने उनकी मदद ना की जिनमे कुछ राजा हिंदू थे पर उनमे से  एक था सिराउजुदौला जिसने पहले तो हाँ कर दी परतुं जब उसको धर्म की कसम दी गयी तो उसने देश से पहले धर्म को चुना और सदा शिव भाऊ का साथ नही दिया इसके विपरीत  सकीना बेगम  ने सदा शिव भाऊ का साथ दिया और धर्म से पहले देश को रखा,पानीपत के मैदान मे अपनी मातृभूमि के लिए  बाजीराव पेशवा के भतीजे सदा शिव भाऊ ने अदम्य साहस के साथ दुश्मनो  से लडते हुए अपने प्राण  त्याग दिये वो उस दिन हार कर भी जीत गए थे| क्युकी अहमद शाह अब्दाली ने खुद कहा था यहाँ के लोगो को हराना है तो इन्हे आपस मे लड़ाओ और इतिहास हमें सिखाता है की पहिचानो हाँ पहिचानो अपने आस पास से सिराउजुदौला और इब्राहिम खान जैसे वतन के गद्दारों को और सम्मान करो सकीना बेगम जैसी वतन की नारी शक्ति का " जब भारत पांडे जी ने प्रेम की और देखा तो वह सो चुका था आज के भारतीय युवाओं की तरह , भारत, देश प्रेम के जाग जाने की उम्मीद में था और शायद आज भी है 
धर्म देश से बड़ा नहीं होता, साहब 
....... #जलज राठौर "पापा हम क्यों पढते  हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास म

"पापा हम क्यों पढते हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास म #जलज

11 Love

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N S Yadav GoldMine

श्री कृष्‍ण का धृतराष्‍ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्‍त करना और धृतराष्‍ट्र का पाण्‍डवों को हृदय से लगाना पढ़िए महाभारत !! 📝📝
{Bolo Ji Radhey Radhey}

महाभारत: स्‍त्री पर्व द्वादश अध्याय: श्लोक 1-17 :- श्री कृष्‍ण का धृतराष्‍ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्‍त करना और धृतराष्‍ट्र का पाण्‍डवों को हृदय से लगाना.

📙 वैशम्‍पायन उवाच वैशम्‍पायन जी कहते हैं -राजन्! तदनन्‍तर सेवक-गण शौच-सम्‍बन्‍धी कार्य सम्‍पन्‍न कराने के लिय राजा धृतराष्‍ट्र-की सेवा में उपस्थित हुए। जब वे शौच कृत्‍य पूर्ण कर चुके, तब भगवान मधुसुदन ने फिर उनसे कहा-राजन! आपने वेदों और नाना प्रकार के शास्‍त्रों का अध्‍ययन किया है। सभी पुराणों और केवल राजधर्मों का भी श्रवण किया है।

📙 ऐसे विद्वान, परम बुद्धिमान् और बलाबल का निर्णय करने में समर्थ होकर भी अपने ही अपराध से होने वाले इस विनाश को देखकर आप ऐसा क्रोध क्‍यों कर रहे हैं ? भरतनन्‍दन! मैंने तो उसी समय आपसे यह बात कह दी थी, भीष्‍म, द्रोणाचार्य, विदुर और संजय ने भी आपको समझाया था। राजन्! परंतु आपने किसी की बात नहीं मानी। 

📙 कुरुनन्‍दन! हम लोगों ने आपको बहुत रोका; परंतु आपने बल और शौर्य में पाण्‍डवोंको बढा-चढ़ा जानकर भी हमारा कहना नहीं माना। जिसकी बुद्धि स्थिर है, ऐसा जो राजा स्‍वयं दोषों को देखता और देश-काल के विभाग को समझता है, वह परम कल्‍याण का भागी होता है। 

📙 जो हित की बात बताने पर भी हिता हित की बातको नहीं समझ पाता, वह अन्‍याय का आश्रय ले बड़ी भारी विपत्तिbमें पड़कर शोक करता है। भरत नन्‍दन! आप अपनी ओर तो देखिये। आपका बर्ताव सदा ही न्‍याय के विपरीत रहा है। राजन्! आप अपने मन को वश में न करके सदा दुर्योधन के अधीन रहे हैं। अपने ही अपराध से विपत्ती में पड़कर आप भीमसेन को क्‍यों मार डालना चाहते हैं?

📙 इसलिये क्रोधको रोकिये और अपने दुष्‍कर्मोंको याद कीजिये। जिस नीच दुर्योधन ने मनमें जलन रखनेके कारण पात्र्चाल राजकुमारी कृष्‍णाको भरी सभामें बुलाकर अपमानित किया, उसे वैरका बदला लेनेकी इच्‍छासे भीमसेनने मार डाला। आप अपने और दुरात्‍मा पुत्र दुर्योधनके उस अत्‍याचारपर तो दृष्टि डालिये, जब कि बिना किसी अपराधके ही आपने पाण्‍डवों का परित्‍याग कर दिया था।

📙 वैशम्‍पायन उवाच वैशम्‍पाचनजी कहते हैं – नरेश्‍वर! जब इस प्रकार भगवान् श्रीकृष्‍ण ने सब सच्‍ची-सच्‍ची बातें कह डालीं, तब पृथ्‍वी पति धृतराष्‍ट्र ने देवकी नन्‍दन श्रीकृष्‍ण से कहा- महाबाहु! माधव! आप जैसा कह रहे हैं, ठीक ऐसी ही बात है; परतु पुत्र का स्‍नेह प्रबल होता है, जिसने मुझे धैर्य से विचलित कर दिया था।

📙 श्रीकृष्‍ण! सौभग्‍य की बात है कि आपसे सुरक्षित होकर बलवान् सत्‍य पराक्रमी पुरुष सिंह भीमसेन मेरी दोनों भुजाओं- के बीच में नही आये। माधव! अब इस समय मैं शान्‍त हूँ। मेरा क्रोध उतर गया है, और चिन्‍ता भी दूर हो गयी है अत: मैं मध्‍यम पाण्‍डव वीर अर्जुन को देखना चाहता हूँ। समस्‍त राजाओं तथा अपने पुत्रों के मारे जाने पर अब मेरा प्रेम और हित चिन्‍तन पाण्‍डु के इन पुत्रों पर ही आश्रित है।

📙 तदनन्‍तर रोते हुए धृतराष्‍ट्र ने सुन्‍दर शरीर वाले भीमसेन, अर्जुन तथा माद्री के दोनों पुत्र नरवीर नकुल-सहदेव को अपने अगों से लगाया और उन्‍हें सान्‍तवना देकर कहा – तुम्‍हारा कल्‍याण हो।

📙 इस प्रकार श्रीमहाभारत स्त्रीपर्व के अन्‍तर्गत जल प्रदानिक पर्व में धृतराष्‍ट्र का क्रोध छोड़कर पाण्‍डवों को हृदयसे लगाना नामक तेरहवॉं अध्‍याय पूरा हुआ। N S Yadav ....

©N S Yadav GoldMine
  #gururavidas श्री कृष्‍ण का धृतराष्‍ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्‍त करना और धृतराष्‍ट्र का पाण्‍डवों को हृदय से लगाना पढ़िए महाभारत !! 📝📝

#gururavidas श्री कृष्‍ण का धृतराष्‍ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्‍त करना और धृतराष्‍ट्र का पाण्‍डवों को हृदय से लगाना पढ़िए महाभारत !! 📝📝 #समाज

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