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Alok Vishwakarma "आर्ष"
अभिगृहित अभिमान अन्धन, अस्मिता अभिज्ञान अंजन । आरती अवधान अरिमन, आकृति अनुमान आपन ।। अकस्मात अदेख असुवन, अर्ध आखेटक अचेतन । अलल आसन अगम आनन, अघे आतम आर्ष अष्टन ।। आपके चिन्तन मात्र से अचिन्त्य भावों का ध्वन्यात्मक प्रकटीकरण हो ही जाता है... #alokstates #essentiallydeep #enlightenment #oneness_of_soul
Banwari lal kumawat
इफ़्शा होगा तेरी मेरी मोहब्बत का..।। इत्तेफाक होगा रोज ही मुलाक़ात का..।। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "इफ़्शा" "ifshaa" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है खुलासा, प्रकटीकरण एवं अंग्रेजी में
DR. SANJU TRIPATHI
कभी किसी से मोहब्बत की इफ़्शा सरेआम ना करो, सरेआम इनकार होने पर ये दिल को बड़ा दर्द देती है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "इफ़्शा" "ifshaa" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है खुलासा, प्रकटीकरण एवं अंग्रेजी में
Ish Kumar King
शातिर ने इफ़शा किया,मुझे इश्क़ नही तुझसे और ताहिर की फरियाद अनसुनी कर गया खुद तो चुप्पी से भोंक डाला खंज़र दिल में हमारी इक आह पे वो सनसनी कर गया ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "इफ़्शा" "ifshaa" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है खुलासा, प्रकटीकरण एवं अंग्रेजी में
Dr Upama Singh
इश्क़ का इफ़्शा हुआ ऐसे ख़ुद तो बदनाम हुआ ही साथ में हमें भी बदनाम कर गया ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "इफ़्शा" "ifshaa" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है खुलासा, प्रकटीकरण एवं अंग्रेजी में
Vedantika
इफ़्शा न हो जाए इन अश्क़ों का उनके सामने, ये मुस्कुराहट ज़रूरी है उनकी खुशी के लिए। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "इफ़्शा" "ifshaa" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है खुलासा, प्रकटीकरण एवं अंग्रेजी में
Anamika Nautiyal
अंतर्द्वंद्व थोड़ी कल्पना थोड़ी हक़ीक़त (आरंभ) कहाँ से शुरू करूँ अक्सर इसी सोच में डूब जाती हूँ,,,और यह यह शुरू का पेंच शुरुआत ना करने का डर मन में बैठा देता है। हम जो कुछ भी लिखते हैं
Divyanshu Pathak
व्यक्ति का कर्म ही भाग्य का निर्माण करता है। भविष्य में प्राप्त होने वाले कर्म-फल को ही भाग्य कहा जाता है। पिछले संचित कर्मो के फल, जो वर्तमान में भोगे जाते हैं, उन्हे प्रारब्ध कहते हैं। जीव ही सारे कर्म करता है और उनके फल भोगता है। जीव स्वयं में क्या है ईश्वर का अंश है। अत: सैद्धान्तिक दृष्टि से ईश्वर ही कर्ता है और भोक्ता भी है। मानव जीवन का कर्ता रूप है और शेष योनियां भोक्ता रूप होती हैं। अत: कर्म के सारे सिद्धान्त केवल मानव जीवन पर ही लागू होते हैं। जीवन कर्म से कभी मुक्त भी नहीं हो सकता। यह तो जीवन का पर्याय है। कर्म होगा तो फल भी मिलेगा। फल आने पर ही कर्म की समाप्ति होती है।..... कर्म का क्षेत्र उतना ही बडा है जितना कि एक सौ वर्ष का जीवन काल। कर्म ही मानव जीवन का मूल आधार भी है। पर्याय भी कह सकते हैं। हर कर्म का भी तो
i am Voiceofdehati
शिवलिंग में "लिंग" शब्द का सही अर्थ (पूरा पढ़ें- अनुशीर्षक में) #विजयंत_सिंह_सनातनी: पढ़िए वास्तविक सच्चाई। #शिवलिंग_को_गुप्तांग_की_संज्ञा_कैसे_दी_दुष्टों_ने अब हम सनातनी हिन्दू खुद शिवलिंग को शिव् भगवा