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r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, शाम संग यादों का कारवां लाती है, घर से दूर घर की याद बहुत आती है। सब कुछ है इस शहर मे, बस अपनापन नही, कोई अपना नही करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, पापा का वो हलचल... गाँव का वो डॉक्टर... जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से जब अंगुली जल जाती है, खाना बन गया है आके खालो ये आवाज कान से होकर आँखों तक आ जाती है... बस मे धक्के खाते वक्त पापा का बाईक से स्कूल छोड़नी याद आती है। बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। घर से दूर घर की याद बहुत आती है।। ©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla #LongRoad कविता # घर की याद...
JD
छत टपकती थी अगरचे, फिर भी आ जाती थी नींद मैं नए घर में बहुत रोया पुराने के लिए ***** # घर की याद
लाखम सिंह
घर का रास्ता याद आता है घर का रास्ता जब मां जैसी दंतुलित मुस्कान किसी घूंघट मे दीख पङे, देखतें हैं छोटे बच्चों की टोली गिल्ली-डंडे के साथ, कहीं गली में रंभाती हो छोटी-सी बाछी, या जोर की भूख लगी हो और जेब में फाका हो जाए, या पसीने से लथपथ कोई मजदूर ! #घर की याद
Purushottam Tripathi
कुछ सपनो को साथ लेकर, यादें अपनों की पास लेकर ; हम घर से अपने दूर चले । हो करके हम मजबूर चले।। यादें अपनों की आएंगी, हमको बेहद तड़पाएंगी; जब तन्हाई में बैठेंगे, आँखे खुद नम हो जाएंगी। खाना पीना न भाएगा, जब याद मेरा घर आ जाएगा; मन मन ही मन घुट जाएगा। जब कोई अपने घर को जाएगा।। आपनो की डाँट को तरसेंगे, उनके हम साथ को तरसेंगे, जब ये सब सह ना पाएंगे; आँखों से पानी बरसेंगे। शायद अब ये हम सोचेंगे, ये सोच के खुद को कोसेंगे; हम इतने क्यों मजबूर हुए; जो घर से अपने दूर हुए। अपने कुछ सपनो की ख़ातिर, अपनों को पीछे छोड़ चले। इस ठोकर खाती दुनिया में; हम भी अब करने होड़ चले। एक आस का लेकर नूर चले; हो करके हम मजबूर चले। घर की याद
kishan mahant
याद घर की 👩👦👦♥️👩👦👦 अपने आये है घर में रौनक ले कर कास उस रौनक को देखने के लिये हम घर में होते दिल रो तो रहा है अपनों से ना मिल पाने के वज़ह से पर दिल और हम अब क्या करें वक़्त कुछ और ही चाह रहा है तो😔😔 ©kishan mahant #याद घर की
हेमन्त सिंह नेगी
घर की याद (हेमंत) याद आ रही है ,आज उस घर की जहा बचपन बीता के शहर मै आया हूँ आशु आये इस रात मेरी आख मैं मैं अपना सारा संसार तो वही छोड़ आया हूँ याद आती है माँ तेरी जब खाना बनाने को अकेला हो जाता हूं याद आती है पापा तुम्हरी जब अच्छे गलत पर कोई डांटने वाला नही होता याद आती है भाई तेरी जब गलतियों पर साथ देने वाला नही होता अब बारी आई मेरी बहन की उसके लिए सब्द नही है अगर पाप के बाद भाई बाप होता है तो बहन बचपन से माँ होती है आज फिर सबकी यादो ने झंझोर कर रख दिया है राखीआयी है चींटी मैं तू दूर है मुझसे आज वो घर बहुत याद आया है झा सब खुसिया छोड़ आये हुम् घर की याद
deepika7949
पता नहीं ये कौन हैं,हिंदू हैं या मुसलमान हैं, पर जो भी हैं बहुत मजबूर हैं, हाँ साहब, ये मजदूर हैं । घर की याद
P.a.Kashtithakur
Jis mitti me guzara mera Ab tk ka sara jivan Tere aangan ki mujhko Baba wo mitti dede.. Meri yaad me jo likkhi thi tumne Ashko se baba chitti Dil me sanjoye rakkhungi Baba wo chitthi dede.. Mahfil si saji rahti he Har pal mere paas Din raat satati rahti he Baba ghar ki yaad Ab nayi sanjoni he yaade Un guzari yaado se mujhko Baba tu chutti dede.. घर की याद।।।