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Waheed shayri guru
SumitGaurav2005
DBN Agency
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ टोक्यो पैरालंपिक में सिंहराज अधाना जी ने शूटिंग स्पर्धा के 50 मीटर पिस्टल SH1 इवेंट में अपने शानदार प्रदर्शन द्वारा रजत पदक अर्जित कर वैश्विक पटल पर देश🇮🇳 को पुनः गौरवान्वित किया है...। हमें आप पर गर्व है..🙏🏵🙏💪💪 🙏जय हिंद🇮🇳जय भारत!🙏 🇮🇳भारत माता की जय 🇮🇳 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ टोक्यो पैरालंपिक में सिंहराज अधाना जी ने शूटिंग स्पर्धा के 50 मीटर पिस्टल SH1 इवेंट में अपने शानदार प्रदर्शन द्वारा रज
Tushar Jangid
मैं सैनिक दिनभर एक स्नाइपर लिए सदा जंग के लिए तत्पर मन में कई राज छिपाए बैठा हूं दुश्मन पल भर में धूल चाटता है ट्रिगर दबाने से पर असल में वो पल मेरे लिए बहुत बड़ा है... "वो गोली खाने वाला दुश्मन भी किसी की आंखों का तारा होगा किसी के सुहाग की निशानी होगा आज वो, कल कोई और अगले दिन शायद मैं..." ...अचानक आंखों में धूल झोककर पहुंच गया वो जान का भूखा मुझ तक और "स्नाइपर लोड करने को इतना सा पल काफी नहीं" इतना सा समय काफी नहीं... Fact: स्नाइपर गन को रिलोड करने में जितना समय लगता है उतने समय में असॉल्ट काफी ज्यादा फायर कर देती है। स्नाइपर गन र
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ टोक्यो Paralympics में अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज सिंहराज अधाना जी ने आज 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर भारत को गौरवान्वित किया है। सिंहराज अधाना जी को अनेकों अनेकों बधाइयां एवं शुभकामनाएं.....🏵🙏🏵 यह ऐतिहासिक उपलब्धि आपके धैर्य व संकल्प शक्ति का प्रतिफल है। कामना है कि आपकी सफलता का यह क्रम अविराम चलता रहे। हमें आप पर गर्व है..🙏🏵🙏💪💪 🙏जय हिंद🇮🇳जय भारत!🙏 🇮🇳भारत माता की जय 🇮🇳 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ टोक्यो Paralympics में अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज सिंहराज अधाना जी ने आज 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक
Kavi Narendra Gurjar
"तू लाचार नहीं" (कविता) हे नारी, तू सारे जग की उत्पत्ति का आधार, दैवीय गुण शक्ति का स्वरूप तू ही संतानों में दे संस्कार, तू नहीं भोग-विलास
Parul Sharma
झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है । छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है बस देखना है कौन किससे डरता है। औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है। कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं। बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है। कलयुग में ..........................ढलता है। पारुल शर्मा #NojotoQuote झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में
Parul Sharma
कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है । छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है बस देखना है कौन किससे डरता है। औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है। कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं। बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है। कलयुग में ..........................ढलता है। पारुल शर्मा #NojotoQuote कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भा
कवि राहुल पाल 🔵
मैं आज़ाद था, जन्मदिन मुबारक, चंद्रशेखर आज़ाद 23 जुलाई 1906 का वह शुभ महूर्त बना था , जब भाबरा में माँ जगरानी ने शेर जना था ! आंखों में वो आंखे डाले सच्ची बाते करता था , उसके इस व्यक्तित्व पर ही जमाना नाज़ करता था ! था बापू से प्रभावित पहले ,पर पथ उसका अलग था , गर्म खून शेर के जैसा, वो अहिंसा से बिलग था ! बचपन की वो 15 बेतें ज्वाला बनके फूटी थी , अंग्रेजी हुकूमत की रीढ़ की हड्डी टूटीं थी ! अपने खून पसीने से H.R.A. को उसने सँवारा था , किसी दुश्मन के पैरों के नीचे झुकना नही ग़वारा था! अल्फ़्रेड पार्क घेराबन्दी में नॉट बाबर पूँछा कौन हो तुम , पिस्टल निकाल फ़ायर किया बोला तुम्हारे बाप है हम ! 27 फरवरी 1931 काला दिन था ,भाग्य को किसने मेटा था , आखरी दम तक लड़ा आज़ाद ,वह माँ भारती का सच्चा बेटा था ! आख़री गोली बची तो पिस्तौल कनपटी पर रखकर गोली दाग लिया , धन्य हुआ था जग सारा आजादी के ख़ातिर खुद को आज़ाद किया ! "" मैं आज़ाद था ,आज़ाद हूँ ,और आज़ाद रहूँगा , हर हिंदुस्तान जवाँ के दिलो में वे सदा ही जिंदा रहेंगे !!"" ((( ""राहुल ""))) #ChandraShekharAzad #जीवनी #वीर_रस #गीतिका #nojotohindi #hindi 23 जुलाई 1906 का वह शुभ महूर्त बना था , जब भाबरा में माँ जगरानी ने शेर जना