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Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
Sunita Bishnolia
केश खोल कर खड़ी यामिनी, कर सोलह श्रृंगार, तारों से सजी वोओढ़ चुनरिया पहना चंदा हार।। अंक में सारे खग भर लेती माता हाथ पसार सहलाती माथा उनका माँ और लुटाती प्यार।। थका लाल माँ देख छेड़ती सरगम के हर तार लोरी गाती और वो दिखाती सपनों का संसार।। #सुनीता बिश्नोलिया© #निशा का स्नेह रात
Brandavan Bairagi "krishna"
।।स्नेह का बन्धन।। स्नेह का बन्धन होता है अटूट। टूट जाता है जब कोई, डालता रहे फूट। नहीं चलता इसमें चालबाजी और मतलबी पन। स्वार्थी लोगों का समझ में आ ही जाता है दोगलापन। ये और मजबूत होता जाता है जहां रहता है, निःस्वार्थ अपनापन। ये कहलाता है स्नेह का बन्धन,स्नेह का बन्धन। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" स्नेह का बन्धन #bornfire
pramod malakar
मां का कोंख और पिता का स्नेह """"""""""""""""""""""""""""""""" मां नौ माह रखती है तुम्हें कोख में जतन से , तुम्हें महसूस कभी होता जो नहीं । पिता ता उम्र ढ़ोता तुम्हें कंधों पर , आंखें पथिक का तनहाई में खो जाता है कहीं । मां सदा छाया देती है तुम्हें बरगद बनकर , पिता की कल्पना पीछे जो छूट जाता है यहीं । मां की रसोई पिता के परिश्रम के इंतजार में , पिता के सपनों को झकझोर जाता है जो हर कोई । मां का प्यार से जगमगाता है घर , आहुति शासक की रहता है जो पिता की अग्रसर । मां भूखे रहकर तुम्हें मुस्कुराती और खिलाती है , पिता का त्याग , स्नेह , ऊर्जा , तुम्हारे लिए , अद्भुत स्वप्न है जो कंधों पर । पिता सोने जा रहा अंतिम शैया पर , औलाद छोड़ और कोई उनकी मंजिल जो नहीं । कितना सुकून मिला है पिता के सुनसान कंधों पर , पिता का कंधा सबको मिलता जो नहीं । मानव पौधा है इंसान का धरती पर , रिश्ते नाते ऐसा बनता मिटता भी जो नहीं । तुम्हें भी जाना है एक दिन अर्थी पर , समाज साधना कल्पना साथ जो जाना है नहीं । मां नौ माह रखती है तुम्हें कोंख में जतन से , तुम्हें महसूस कभी होता जो नहीं ।। ************************************* प्रमोद मालाकार की कलम से ************************** ©pramod malakar # मां का कोंख पिता का स्नेह
ShadoW
कुछ दर्दों की दवाएं ना होती, अगर दुनिया में माँएं ना होती... ©ShadoW माँ...हर दवा का पर्यायवाची है... #maa #Mother #viral #thought #Feeling #MothersDay
निशब्द
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ