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Sandhya Tailor
ज्ञान की बाते ©Sandhya Tailor #ज्ञान #ज्ञान_की_बात #ज्ञानी #ज्ञान3शब्दोंमें #ज्ञानकाआधार #“ज्ञान” #ज्ञान1
Rudeb Gayen
वो मुझे जीवन का ज्ञान बांट रहा था, मेरे जीवन की त्रुटियां दिखा रहा था। है गलतियां मुझमें, एहसास हुआ मुझे, है गलतियां मुझमें, एहसास हुआ मुझे, परिपक्वता से मैं परिवर्तन ला रहा था। गलतियों का स्वरूप मनुष्य हूं मैं, गलतियों का स्वरूप मनुष्य हूं मैं, किंतु बेहतर खुद को बना रहा था। मेरी गलतियों का बोध कराया जिसने, वो महापुरुष भी उच्चतम ना थे, जीवन में उनका भी अवगुण उभर रहा था। खुद के समय शायद सुनने में दिक्कत थी, एक धुन गुनगुनाते हुए चल दिए राह पर अपने, वो ज्ञानी मुझे ज्यादा मूर्ख दिख रहा था। - रूदेब गायेन ©Rudeb Gayen ज्ञानी का ज्ञान #kavita #poem #Life_experience #Life
Pankaj pungati
gumsum सा है ये दिल kaise bataun tumko sanam aa gaya ye कैसा पल kaise bataun tumko sanam judai ke लिये भोहोत काम है दिन kaise bataun tumko Sanam ©Pankaj pungati दिल का बाया कैसे करें
Ek villain
सनातन धर्म में कहा गया है कि ईश्वर प्रकृति के कण-कण में विराजमान है ईश्वर निराकार भी है सरकार भी है वह आधी भी है अनंत भी है सवाल है कि ईश्वर को कैसे पाया जा सकता है हमारे ऋषि-मुनियों ने अपने अपने ज्ञान के आधार पर इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर देने की हर संभव कोशिश की है ईश्वर प्राप्ति के लिए ज्ञान प्रेम और भक्ति के मार्ग सुझाए गए हैं ईश्वर अनुभूति या साक्षात्कार को लेकर धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि ईश्वर को भाव से पाया जा सकता है ईश्वर का भगवान भाव को ही ग्रहण करते हैं कहा गया कि भाव के भूखे हैं भगवान भगवान के प्रति या अनुभूति करने के लिए मन में भगवान को पाने का भाव जागृत करें लेकिन इसके लिए मन को विषय वासना एवं विकार मुक्त करना होगा रामचरितमानस में स्वयं भगवान श्रीराम ने कहा है निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा प्रश्न यह कि मन विषय वासना एवं विकार मुक्त कैसे हो यह तभी होगा जब हम नियंत्रण में होंगे लेकिन यह लगभग सभी जानते हैं कि मन बड़ा चंचल होता है इस चंचल मन को नियंत्रित कैसे करें उसके लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने ध्यान तपस्या एकाग्रता एवं सहयोग साधन जैसे उपाय हमें बताएं इसका अनुपालन कर हम मन की गति या अवे को स्थिर एवं शांत कर सकते हैं और ईश्वर से साक्षात्कार की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं ध्यान है कि योग्य साधन करते-करते मन के सारे विकार धीरे-धीरे समाप्त होते चले जाते हैं ©Ek villain #ईश्वर का साक्षात्कार कैसे करें #Moon
Ram Gopal
परिश्रम से बढ़ कर कोई चीज नहीं होती है,,,,, आदर से बड़ा ज्ञान नही होता है,,, ज्ञानी से बढ़ ज्ञान