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K K Joshi

तुम अछूते रह नहीं सकते #मार्ग

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तुम अछूते रह नहीं सकते हवा से 
बस बचा सकते स्वयं को 
उखड़ने से, टूटने से, बिखरने से!
--- दृढ़ जमीनों पर पकड़ मजबूत रख कर!!

या कि फिर यह जानकर 
ये सब हवाएं 
तुम्हीं से हैं प्रकट जैसे स्वप्न कोई 
जहाँ कोई और होता ही नहीं अपने अलावा 
किन्तु फिर भी 
सभी सुख दुख भोगते हम 
एक तन में स्वयं अपनी अस्मिता रख 

मात्र यह दो मार्ग 
अन्यथा तुम रह नहीं सकते अछूते 
इस हवा से!!!
                          के के जोशी 

 तुम अछूते रह नहीं सकते #मार्ग

Harshita Dawar

#lifequotes #realityoflife #Zindagi #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat जितना बताना था बता चुके जितना कहना था कह च

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
जितना बताना था बता चुके
जितना कहना था कह चुके
जितना दिखाना था दिखा चुके
जितना रुलवाना था रुलवा चुके
जितना छिलवाना था छिलवा चुके
जितना समझाना था समझा चुके
जितना समझना था समझ चुके
जितना समझौता था सुलझ चुके
ना रुकना ना रोकना बस यूं जा चुके
रुकता वहीं जो वापिस लौट चुके 
ना रोकना चाहा  जो जा ही चुके 
साथ होकर भी साथ नहीं कह चुके
गए तो पहले भी थे पर अछूते हो चुके
 #lifequotes #realityoflife #zindagi #yqbaba #yqdidi #yqquotes 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
जितना बताना था बता चुके
जितना कहना था कह च

Suchita Pandey

#NAPOWRIMO में आज ग्यारहवाँ दिन है। आज का विषय है #ख़ामोशी #सुचितापाण्डेय #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi जब आँखे बातें

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जब आँखे बातें करने लगे, 
ख़ामोशी अच्छी लगती है। 
अब होश को रख कर क्या 
करना, बेहोशी अच्छी लगती है। 
कोई देख न लें, कोई सुन न ले 
और शामों मे ख़ामोशी बिख़री हों, 
मदहोशी अच्छी लगती है। 
ये चाँद है और ये कहता है, 
रूपोशी अच्छी लगती है। 
ये ख़ामोशी अच्छी लगती है.. 


 #napowrimo में आज ग्यारहवाँ दिन है। 
आज का विषय है #ख़ामोशी  #सुचितापाण्डेय #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
जब आँखे बातें

Harshita Dawar

#lifequotes #realityoflife #words #yqsahitya #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat महरूम थे कुछ सवालों के वाजिब जवाब मिलें ना

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
महरूम थे
कुछ सवालों के वाजिब जवाब मिलें ना
कुछ देर तक दूर करके पास होकर मिले ना

कुछ याद है बड़े वादे किए मुलाकाते किए पर मिले ना
कुछ चूक गए कुछ फुक गए कुछ कम रहे कुछ नम रहे पर मिले ना

कुछ सीखा वहीं कुछ लिखा नहीं कुछ महका गए पर मिले ना
कुछ दिल में थे पर अछूते रहे बस फ़र्क पड़ा कुछ कहानी बनी पर मिले ना

कुछ घाव मिले कुछ दब गए कुछ ताज़ा हुए कुछ बासी बने पर मिले ना
कुछ वक़्त लिया हमदम नहीं हमसफ़र नहीं हमराही नहीं बस मतलब ही था पर मिले ना #lifequotes #realityoflife #words #yqsahitya #yqbaba #yqdidi 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
महरूम थे
कुछ सवालों के वाजिब जवाब मिलें ना

Harshita Dawar

#realityoflife life #Lessons #yqbaba #yqdidi #Relationship Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat हस्ती आंखो में हर्षिता ढूंढ रही थी ठिकाना मु

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
हस्ती आंखो में हर्षिता ढूंढ रही थी ठिकाना मुस्कुराहट का,
निशाने बाजों ने दागा क्या निशाना कुछ चुके वो 
कुछ अछूते हम क़लम से दागा हमने परचम खुदाई का,

महफूज़ सिसायत में लगे दाग़ रुसवाई का,
ना मिली मोहब्बत ए जुनून वहीं मिला गुम जुदाई का,

लिख लिख कर कलम तोड़ दी ना मिला नतीज़ा बेवफाई का,
खैरात बांटने लगी जैसे इश्क़ में नकाबपोश 
दावे करने लगे वो भी कमाई का,

निबटे काफ़िले में ज़िन्दगी की कठिनाइयो में 
एक लावारिस रिश्ता नाकामी का,
किस्से हिस्से में मिला किताबों में पड़ा गीली
 मिट्टी में सना वहीं रुसवाई का लतीफा 
बन गया एक कहानी परछाई का,
@dawarharshita #realityoflife #life #lessons #yqbaba #yqdidi #relationship 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
हस्ती आंखो में हर्षिता ढूंढ रही थी ठिकाना मु

Poonam Suyal

मैं हूँ प्रकृति मैं हूँ प्रकृति, कभी थी हरी-भरी मैं, अब हूँ बंजर, तन्हा और उदास मानव हो गया है गैरजिम्मेदार, नहीं है उसे अपनी ग़लतियों का #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #rzwriteshindi #rztask473

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मैं हूँ प्रकृति 

(अनुशीर्षक में पढ़ें) मैं हूँ प्रकृति

मैं हूँ प्रकृति, कभी थी हरी-भरी मैं,
अब हूँ बंजर, तन्हा और उदास 
मानव हो गया है गैरजिम्मेदार,
नहीं है उसे अपनी ग़लतियों का

आयुष पंचोली

जरा जरा सी बात पर जिसकी आँखे भीग जाती हैं, वो लोग जीवन मे कभी किसी का बुरा चाह नही सकते। पर एक सच यह भी हैं, वो जीवन मे कभी किसी को अपना बना #अनुभव #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #mereprashnmerisoch

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जरा जरा सी बात पर जिसकी आँखे भीग जाती हैं,
वो लोग जीवन मे कभी किसी का बुरा चाह नही सकते।
पर एक सच यह भी हैं,
वो जीवन मे कभी किसी को अपना बना नही सकते।
©आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi 
#ayushpancholi
#hindimerijaan  #mereprashnmerisoch जरा जरा सी बात पर जिसकी आँखे भीग जाती हैं,
वो लोग जीवन मे कभी किसी का बुरा चाह नही सकते।
पर एक सच यह भी हैं,
वो जीवन मे कभी किसी को अपना बना

Poonam Suyal

प्रकृति का संतुलन मैं हूँ प्रकृति, कभी थी हरी-भरी मैं, अब हूँ बंजर, तन्हा और उदास मानव हो गया है गैरजिम्मेदार, नहीं है उसे अपनी ग़लतियों #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #rzwriteshindi #rztask523

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प्रकृति का संतुलन 

(अनुशीर्षक में पढ़ें) प्रकृति का संतुलन 

मैं हूँ प्रकृति, कभी थी हरी-भरी मैं,
अब हूँ बंजर, तन्हा और उदास 
मानव हो गया है गैरजिम्मेदार,
नहीं है उसे अपनी ग़लतियों

Poonam Suyal

प्रकृति का संतुलन मैं हूँ प्रकृति, कभी थी हरी-भरी मैं, अब हूँ बंजर, तन्हा और उदास मानव हो गया है गैरजिम्मेदार, नहीं है उसे अपनी ग़लतियों #Problems #Hindi #poem #kavita #कविता #nojotohindi #nojotoapp #Nidan

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Atul Kaul

ये हर समय सम्भव कैसे है। Fake it till you make it इस फॉर्मूले का ये सही समय है उपयोग का। आखिरकर क्यो? सिर्फ अपनी खुशी के लिए और उसे दोबाला

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कई बार ऐसा महसूस किया है की लखनवी तहज़ीब खोखली दिखावटी व बनावटी बला नही है। इसमें बहुत मज़बूत सम्बल है तजुर्बे के और इनमे दानाई का ज़ख़ीरा पिन्हा है।
आज मैं सिर्फ एक रुख की बात करना चाहता हूं और वो इसी समूह की किसी टिप्पणी से ही जन्मा है।
जब हम देखते है की हमारी बात कोई दूसरा दोहरा रहा है इस तरह की वह उसका जना है तो हमारी मानसपटल पर दो तरह की मुदाफत होती है।
एक तरफ हमें नाज़ होता है की हमारी बात इतनी पसन्द करी गई है की लोग उसे दोहरा रहे है और इस क़दर कीमती पायी गयी है की लोग उसे चुरा रहे है और हमारी वो सोच इतनी पारस है कि उन्हें भी कुंदन बना रही है। 
दूसरी तरफ हमे ये डाका लगता है, हमे ये लगता है हमी के सहारे चढ़ कर हमी से क़द निकाल रहे है और हममे जैसे कोई कमी कर दे रहे हैं।
अब मुद्दे पर...पहली व दूसरी प्रतिक्रिया आमतौर पर कब होती है।
पहली तब होती जब करने वाला आपका अपना हो, आपकी नजर में उसकी इज़्ज़त को, आपको वो अपने से ज़्यादा दानिशमंद व कामयाब दिखे।
दूसरी तब जब वो मुख़ालिफीन हो, आपकी नजर में कमज़र्फ हो,व इखलाक़ी मायने में छोटा हो या नाकामयाब हो।
पहली प्रतिक्रिया मसर्रत का बायस है और दूसरी...
अब मूल हमारी तहज़ीब का खुलूस और दूसरे को अपने से पहला समझना व उस तरह से बरताव करना है। 
 ये हर समय सम्भव कैसे है।  Fake it till you make it इस फॉर्मूले का ये सही समय है उपयोग का।
आखिरकर क्यो? सिर्फ अपनी खुशी के लिए और उसे दोबाला
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