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kabir pankaj
" सावन का मौसम " बसर मौसम बारिश का कितना सुहाना है , उसकी यादें है ,उसका यहां भी एक ठिकाना है... .. सावन की बारिश का अलग ही फ़साना है , दिन रात जैसे उसकी यादों का हमें भिगोना है... .. हल्की गर्मी का सर्द मौसम में बदल जाना है , जैसे उसका गुस्सा,फिर प्यार मे बदल जाना है... .. दिल को लुभाता बड़ा प्यारा मौसम सावन है , तेरा मुझे देख कर मुस्कुराना,इश्क़ में पागल है... .. कबीर ये मौसम और उसका लहज़ा कैसा है , दिन रात लिखवाये हमसे,प्यारा ख़्वाब जैसा है... ©kabir pankaj #WoSadak #सावन #Poetry #Poet #Love #love❤ #Shayar #Shayari
Sonal Panwar
‘ सावन ‘ बारिश कि बूंदों से , भीगा हुआ सावन है आया ! कलियों के चेहरों पर , खिलता हुआ यौवन है छाया ! नदियों और तालाबों में , उमंगों से भरा जीवन है आया ! घनघोर घटाएँ ऐसी है बरसी , इठलाता हुआ सावन है आया ! धरती की प्यास बुझाकर , ऐसा निर्मल जल है आया ! मेघों ने मल्हार जो छेडी , तो झूम-झूम कर सावन है आया ! बारिश की बूंदों से , भीगा हुआ सावन है आया ! ©Sonal Panwar सावन🌧️💦 #सावन #Sawankamahina #sawan #सावन #baarish #hindi_poetry #Poetry #poem #हिंदी_कविता #Nojoto
AnkitPalWriter
#मुक्तक धान लगने लगे हैं अब मेघ बरसने लगे हैं अब धरती खिल उठी है अब अम्बर से मिल चुकी है ।। तसल्ली दे गया बादल पानी बरस गया बादल सावन आ गया है अब सावन आ गया है अब।। कवि अंकित पाल उत्तर प्रदेश जनपद आजमगढ़ ©AnkitPalWriter #सावन #Ankitpalwriter #मुक्तक #Poetry #Nojoto
NC
Mumbai Rains बूंद गिरी बादल से छनकर प्रसन्न हुई धरती से मिलकर आलिंगन से महक उठी धरती भी कुछ चहक उठी सावन ने गीत सुनाया है फूलों को भी खिलाया है आज प्रेम की कली खिली आज फलक से ज़मीन मिली विरह गीत न अब गाना है प्रेम दिवस अब मनाना है धरती में आए नव प्राण पपीहे ने छेड़ी नई तान ।। #nojotohindi#सावन#बूंदें#monsoon#Kavita#poetry
Chaman Pandey
पतझड़ वैधव्य की छाया सावन श्रृंगारिक माया सावन साजन का होना पतझड़ साजन का जाना ©Chaman Pandey पतझड़-सावन #Winters #autumn #पतझड़ #सावन #rain #Poetry #Firstpost #Hindi #hindi_poetry #कविता
authorravin
मैं ही शून्य हूँ, मैं ही शिवाय हूँ। मैं ही अनंत हूँ, मैं ही शाश्वत हूँ। मैं ही क्षण हूँ, मैं ही कण हूँ। मैं ही सर्वत्र हूँ, मैं ही शास्त्र हूँ। क्योंकि मैं ही मानव हूँ, और मैं ही शिवाय हूँ। #शिवाय #सावन #मानव #human #poet #poetry #writer
Lata Sharma सखी
आज ये सावन बरस रहा है, या मेरे आंखों से दरिया बरस रहा है.. यूँ लगता है मुझको आज, ये सावन मेरे साथ रो रहा है.. हर टिप टिप कर गिरती बूंद को जैसे, टूटे दिल की तड़प का एहसाज़ है.. गिरते गिरते आँसुओं को पी रही है, जैसे ये बूंदें आज मेरे गम में बरस रही हैं.. क्या कसूर था मेरा आज बता दो मुझे, जो आज इस दिल से ये लहु बरस रहा है.. आँखें भी तो दरिया हो गई है मेरी, रुकती नहीं तोड़ गई हर बांध, मेरे गम का एहसास लिए ओ सावन तू क्यों बरस रहा है... खत्म हुई जीने की इच्छा अब तो मेरी, मौत भी तो न है सखी अब मेरी.. आसमाँ से बरसता ये अब्र आज क्यों, मेरे मन को जला रहा है.. कभी भीगती थी खुल कर इस सावन में मैं, तो यही सावन ठहाका लगा हंसा करता था, आज मैं रो रही हूँ तो, ये सावन भी मेरे साथ रो रहा है... ©सखी #gif सावन बरस रहा है #सावन