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Divyanshu Pathak

:💕🐒👨Good morning ji☕☕☕☕☕🍫🍫🍫🍨🍨☕🍧🍉🍉🍉☘ : पतंजलि ने योगसूत्र में कहा है-योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:। अर्थात् योग सांसारिक जीवन का मार्ग नहीं है। जहां

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख “बान की मून” ने
योग को सबके लिए जरूरी बताया है।
वह कहते हैं-“योग का ताल्लुक धर्म से नहीं है।
यह निष्पक्ष है।
धर्मो के बीच भेदभाव नहीं करता।
जो योग करेगा, उसे इसका फायदा होगा।
” स्वामी विवेकानन्द तो यहां तक कह गए थे कि
जाति, धर्म, राष्ट्र, भाषा, परम्परा आदि सब
देश-काल के साथ बदल जाते हैं।
इनमें समन्वय के लिए परिपूरकता लानी पड़ेगी।
“शरीर इस्लाम का हो, आत्मा वेदान्त की।” :💕🐒👨Good morning ji☕☕☕☕☕🍫🍫🍫🍨🍨☕🍧🍉🍉🍉☘
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पतंजलि ने योगसूत्र में कहा है-योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:। अर्थात् योग सांसारिक जीवन का मार्ग नहीं है। जहां

Divyanshu Pathak

सही अर्थो में तो कर्म का कर्ता भी व्यक्ति नहीं होता। जब कामना तथा कामना पूर्ति का निर्णय दोनों ही व्यक्ति के हाथ में नहीं हैं,तब उसका कर्ता #मंदिर #पंछी #स्पंदन #पाठक #हरे

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मंदिर 02
प्रेम पथ के यात्री को क्रोध विक्षिप्त कर डालता है।
क्योंकि प्रेम अहंकार शून्य स्थिति में संभव है।
क्रोध अहंकार का पर्याय है।
प्रेम ह्वदय मे रहता है,अहंकार बुद्धि में।
स्वभाव से दोनों ही विरोधाभासी हैं।
प्रेम में व्यक्ति स्वयं को कभी नहीं देखता।
प्रेमी के आगे स्वयं लीन हो जाता है।
जैसे मन्दिर में ईश्वर के आगे
समर्पित होकर चित्त में
उसको स्थिर कर लेता है।
यही तो प्रेम की परिभाषा है।
वहां कभी दो नहीं रहते। सही अर्थो में तो कर्म का कर्ता भी व्यक्ति नहीं होता। जब कामना तथा कामना पूर्ति का निर्णय दोनों ही व्यक्ति के हाथ में नहीं हैं,तब उसका कर्ता

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

यत् तदद्रेश्यमग्राह्यमगोत्रमवर्णमचक्षुःश्रोत्रं तदपाणिपादम्‌।
नित्यं विभुं सर्वगतं सुसूक्ष्मं तदव्ययं यद् भूतयोनिं परिपश्यन्ति धीराः ॥

वह' जो अदृश्य है, अग्राह्य है, सम्बन्धहीन (अगोत्र) है। अवर्ण है, चक्षु तथा श्रोत्र रहित है, जो अपाणिपाद (हाथ-पाँव रहित) है, नित्य है, विभु है, सर्वगत है, सब में ओतप्रोत है, अतिसूक्ष्म है, अव्यय है, जो समस्त प्राणियों की उत्पत्ति का उद्गम-स्थल (योनि) है, ज्ञानीजन (धीरजन) सर्वत्र उसका दर्शन करते हैं।

That the invisible, that the unseizable, without connections, without hue, without eye or ear, that which is without hands or feet, eternal, pervading, which is in all things and impalpable, that which is Imperishable, that which is the womb of creatures sages behold everywhere.

( मुण्डकोपनिषद् १.१.६ ) #मुण्डकोपनिषद् #upnishad #अनंत #अखंड #सूक्ष्म #अविनाशी #ईश्वर #अमूर्त

Vivek Chaudhary

काशी #अविनाशी #nojotophoto

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 काशी #अविनाशी

Ruchi dixit

अंश #कविता

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हवा तेज नही पर पर्दे,
 हिल रहे है शायद...! ,
दस्तक है ये ,
 कुछ अनदेखे प्रश्नों की ,
 अरे रूक ! कुछ है बचा अभी,
 समाप्त नही |...

©Ruchi dixit अंश

UTTAM SINGH

सत्य अविनाशी है। #JulyCreators #विचार

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Roshani Thakur

#अंश

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मेरे अंश
  तेरी धड़कनो के धून से ज्यादा और कुछ भी मधुर  नहीं #अंश

बदनाम

अंश... #Life

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Manoj Agarwal

अजर अमर अविनाशी मय्या

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Nilesh kushwaha

#एक नाम के अंश से दिल का अंश अंश टूट गया था

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एक नाम के अंश से दिल का अंश अंश टूट गया था 
लेकिन अंश के हर नाम सुन  धड़क जाया करता है 

 #NojotoQuote #एक नाम के अंश से दिल का अंश अंश टूट गया था
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