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joshi joshi diljala
ना सरहद की सीमा हो ना धर्मों का हो बंधन। बस मन में हो केवल भारत मां का बंधन। ©joshi joshi diljala ना सरहद की सीमा हो ना धर्मों का हो बंधन। बस मन में हो केवल भारत मां का बंधन।
shreepeeth
SK Singhania
चंद्रमा को दुरबीन से देखने वाले पूरी दुनिया में पाए जाते हैं, लेकिन चंद्रमा को चलनी से देखने वाले केवल भारत में पाए जाते है...!! #skg ©SK Singhania #happykarwachauth चंद्रमा को दुरबीन से देखने वाले पूरी दुनिया में पाए जाते हैं, लेकिन चंद्रमा को चलनी से देखने वाले केवल भारत में पाए जाते
Vaishali Shukla(@ankahi_ink)
🇮🇳🇮🇳मै भारत हूँ 🇮🇳🇮🇳 मै भारत हूँ, एक ऐसा देश जो केवल भारत नाम से ही नहीं बल्कि कई अन्य नामों जैसे- आर्यावर्त,जम्बूद्वीप, हिन्दुस्तान, इंडिया से भी जाना जाता है। मैं भारत हूँ, मुझे विविधता में एकता जैसे उध्दरणो से भी पुकारते हैं, जहाँ कल कल बहती गंगा यमुना, नदियों का संगम खूब मनमोहता है। तो कहीं हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई हम सब हैं भाई भाई सा अपनापन, कहीं दिवाली ईद क्रिसमस भी लगते हैं अपने। मैं भारत हूँ, जहाँ एक ओर हिमालय हमारी दुश्मनों से रक्षा करता वहीं दूसरी तरफ ठन्डी हवाओं से जीवन संजोता। मैं भारत हूँ, जहाँ राजनीति के कई स्वरुप, सत्ता, विपक्ष मिल करते सहयोग। मैं भारत हूँ, इतिहास का मैं आइना, तहजीब का रंग सुनहरा, गंगा जमुना मेरी आँखें, मैं कल भी था,मैं आज भी हूँ, मैं नवयुग का आगाज भी हूँ, मैं भारत नायाब भी हूँ।।🇮🇳✍️ ~Vaishali Shukla @ankahi_ink 🇮🇳🇮🇳मै भारत हूँ 🇮🇳🇮🇳 मै भारत हूँ, एक ऐसा देश जो केवल भारत नाम से ही नहीं बल्कि कई अन्य नामों जैसे- आर्यावर्त,जम्बूद्वीप, हिन्दुस्तान, इंडिय
Naresh Chandra
Nojoto कृपया कैप्शन मे जरूर पढ़ें जय सनातन धर्म 🙏धन्यवाद🙏 ©Naresh Chandra *लंदन के बस चालक का जवाब सुनिए... रोचक लेकिन सच्ची घटना* एक अरब मुस्लिम लन्दन में एक बस में चढ़ा और उसने बस चालक से अनुरोध किया कि "बस में ब
Divyanshu Pathak
आप सभी लोगों ने जो मोहब्बत मुझे दी है मैं सदैव उसका आभारी रहूंगा ऐसे ही अपने प्रेम को बनाए रखिए मैं नई ऊर्जा के साथ सामाजिक संस्कारों से जुड़े स्तंभ आपको पढ़ाता रहूंगा ! 😝😐🍹#पंछी🍭🍨#पाठक😀👍🍵☕🌳#शिक्षा🍀#संस्कार🍁🍂🌴🌲#हिंदी 😐😝🌳🍀🍁🍁☕ :😀😝🌳🍀🍁🍁☕🍵🍂🌲😐 सरकार यदि मन से हिन्दी के पक्ष में है, तो उसे घोषणा के साथ संकल्प करना च
Anita Saini
जन्मभूमि यदि जननी कहलाती है, तो राष्ट्र निःसन्देह जनक होता है।जिसकी छत्रछाया में फलते फूलते हैं। हमारे नाम के आगे लगा होता है,राष्ट्रीयता के रूप में विश्वव्यापी पहचान पत्र होता है केवल *राष्ट्र*वहाँ हम केवल भारतीय या हिंदुस्तानी होते हैं। न जाति न धर्म हमारी पहचान होता है। सर्वप्रथम राष्ट्र हिंदुस्तान अंकित होता है।अतः हम सब केवल इसकी संतान है केवल बालिका और बाल हैं.! जिसमें पैदा हुए गुदड़ी के लाल! श्री लालबहादुर शास्त्री जी को जन्मजयंती पर शत शत नमन 🙏🙏🌹🌹 जन्मभूमि यदि जननी कहलाती है तो राष्ट्र निःसन्देह जनक होता है, जिसकी छत्रछाया में फलते फूलते हैं। जो हमारे नाम के आगे लगा होता है, राष्ट्रीयत
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत का संक्षिप्त परिचय 'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है, हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है, और इसे लिखने का श्रेय भगवान गणेश को जाता है, इसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। महाभारत की विशालता और दार्शनिक गूढता न केवल भारतीय मूल्यों का संकलन है बल्कि हिन्दू धर्म और वैदिक परम्परा का भी सार है। महाभारत की विशालता महानता और सम्पूर्णता का अनुमान उसके प्रथमपर्व में उल्लेखित एक श्लोक से लगाया जा सकता है, जिसका भावार्थ है, 'जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा।' यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। विद्वानों में महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत हैं, फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को 'लौहयुग' से जोड़ते हैं। अनुमान किया जाता है कि महाभारत में वर्णित 'कुरु वंश' १२०० से ८०० ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा। पौराणिक मान्यता को देखें तो पता लगता है कि अर्जुन के पोते परीक्षित और महापद्मनंद का काल ३८२ ईसा पूर्व ठहरता है। यह महाकाव्य 'जय', 'भारत' और 'महाभारत' इन तीन नामों से प्रसिद्ध हैं। वास्तव में वेद व्यास जी ने सबसे पहले १,००,००० श्लोकों के परिमाण के 'भारत' नामक ग्रंथ की रचना की थी, इसमें उन्होने भरतवंशियों के चरित्रों के साथ-साथ अन्य कई महान ऋषियों, चन्द्रवंशी-सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों सहित कई अन्य धार्मिक उपाख्यान भी डाले। इसके बाद व्यास जी ने २४,००० श्लोकों का बिना किसी अन्य ऋषियों, चन्द्रवंशी-सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों का केवल भरतवंशियों को केन्द्रित करके 'भारत' काव्य बनाया। इन दोनों रचनाओं में धर्म की अधर्म पर विजय होने के कारण इन्हें 'जय' भी कहा जाने लगा। महाभारत में एक कथा आती है कि जब देवताओं ने तराजू के एक पासे में चारों 'वेदों' को रखा और दूसरे पर 'भारत ग्रंथ' को रखा, तो 'भारत ग्रंथ' सभी वेदों की तुलना में सबसे अधिक भारी सिद्ध हुआ। अतः 'भारत' ग्रंथ की इस महत्ता (महानता) को देखकर देवताओं और ऋषियों ने इसे 'महाभारत' नाम दिया और इस कथा के कारण मनुष्यों में भी यह काव्य 'महाभारत' के नाम से सबसे अधिक प्रसिद्ध हुआ। जय श्री कृष्ण। जय श्री राधे।। ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत का संक्षिप्त परिचय 'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म
Roopanjali singh parmar
अश्लील क्या है- नज़रिया या कपड़े?? (कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें) एक शब्द है जिस पर अक्सर ही बहुत सारे विचार पढ़ने या सुनने को मिलते हैं.. और वो शब्द है 'अश्लीलता'। अगर चर्चा अश्लीलता पर होगी तो महिलाओं का ज़
Aprasil mishra
"उदारवाद बनाम रुढ़िवाद : एक जीवट समावेशी संस्कृति के सन्दर्भ में " 1.सांस्कृतिक अंतर्परिवर्तन- संस्कृति के बाहर किसी अन्य में संस्कृति में होने वाले बदलाव. 2.सांस्कृतिक अंत:परिवर्तन- किसी संस्कृति के भीतर हो