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हशमत की बुनाई में ज़रूरी हे के तुम खुददार बन जाओ.. लखीरे खिचती जनि हे.. के तुम ग़ालिब की ग़ज़ल में बस शब्द ना रह जाओ
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Divyanshu Pathak
💕☕goodevening 💕
:
मुरझाए फूल फ़िर खिलने लगे हैं
वो चुपके से हमको मिलने लगे हैं
सादगी से भरे उनके अंदाज़ पर
हौले से हम भी फ़िसलने लगे हैं !
: #पंछी#पाठक#हरे#हिन्दीउर्दू