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Vandna Sood Topa
#बुत संगतराश ने क्या खूब बुत तराशा है हाथों से कैद कर इक मिट्टी का जिस्म उभारा है ना जज़्बात हैं ना अल्फ़ाज़ हैं बस मौनता ही इस कल्पना का सहारा
Ashraf Fani【असर】
पाँव फटते ही दिल ने दर्द उभारा होगा ग़म से मरता क्या ख़ुशियों ने ही मारा होगा उम्र गुज़री थी रौशनी में पर अंधेरों ने निखारा होगा ग़म से मरता क्या ख़ुशियों ने ही मारा होगा ©Ashraf Fani【असर】 पाँव फटते ही दिल ने दर्द उभारा होगा ग़म से मरता क्या ख़ुशियों ने ही मारा होगा उम्र गुज़री थी रौशनी में पर अंधेरों ने निखारा होगा ग़म से मरता क
Author kunal
๑♡⌓♡๑)(◍•ᴗ•◍)❤(。◕‿◕。)➜ चलो थोड़ा खुद को अहमियत दिया जाए क्यों न जख्म को दर्द से ही मिटा दिया जाय 💮🌿🌺..।।।।।।🌺🌿💮।।।।।।।।।:-^_^◉‿◉ Please read caption .....>>>>>> चलो थोड़ा खुद को समझा जाय क्यों न खामोशी को स्याही से मिटाया जाय चलो थोड़ा अंगारों को गले लगाए क्यों न दह
Sanjay Kushwah
कॉफ़ी में भरपूर नफ़ासत है, चाय थोड़ी 'अल्हड़' है। महँगा सा कोई कप बॉयफ्रेंड है इसका, चाय का प्रेमी कुल्हड़ है। महँगे cafeteria में किसी मशीन में बनती हुई ख़ुशबू बिखेरती ये मोहतरमा... वहीं एक पुराने स्टोव पर, एक हत्थेदार बर्तन में, अदरक की महक फैलाती चाय। कॉफ़ी के साथी कुकीज़ हैं जो सभ्यता से, एक bite एक sip की rhythm में चलती है... पर चाय तो Parle-G के बिस्कुट को ही अपने प्रेम में पूरा डुबा देती है। तरह तरह के आर्ट से उभारा जाता है, सौंदर्य कॉफ़ी का मानो किसी विदेशी दुल्हन को मेहँदी लगी हो... और चाय !! बिना मेकअप, अपना सांवलापन लिए शादी से पहले घर से भागी लड़की। मुझे ये खौलता अध्याय पसंद है मुझे हर मर्ज़ का ये उपाय पसंद है हाँ... मुझे चाय पसंद है!! ©Sanjay Kushwah कॉफ़ी में भरपूर नफ़ासत है, चाय थोड़ी 'अल्हड़' है। महँगा सा कोई कप बॉयफ्रेंड है इसका, चाय का प्रेमी कुल्हड़ है। महँगे cafeteria में किसी मशी
अशेष_शून्य
"जहां भी रहो खुश रहो ...🙌" (अनुशीर्षक में ) जब भी तुम्हें लिखने का प्रयत्न किया इन "श्वेत पत्रों" पर ना चाहते हुए भी "ब्रह्मांड" उभर कर आया .....पर कभी जमीं को "धूसित रंगो" में नह
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat हज़ारों रास्ते है, चलते सिर्फ़ एक पर, उसूलों पर चलना सीखा। उसूलं मेरे ख़ुद के ख़ुद से, एहतबार एहसास दिलाता। ख़ुद पर यकीं मेरा। ज़मीर मेरा वकीलं मेरा। उसूलं को कटघरे में खड़े, कर दिया प्रश्नों से लांछन, लगाएं ,दोराहें पर आ खड़ी हुई। किस रास्ते को तय कर, मुश्किलं की घड़ी में ख़ुद को, परखां मैंने समझाया ख़ुद को, उभारा ख़ुद को डूबती रही, उभरती रही सवालों के बवंडर, में ज़र्रा बन भीगती रही। गलत तरीक़े से गलती की तरफ़, आकर्षणं आसान है। सही रास्ते हमेशा तकलीफों, से भरा है फिर भी अकेले चल दी मैं। ख़ुद के सवालों के उत्तर दूढ़ती निकल, पड़ी मैं, अकेले दूर तक धुंधला सा ख़्वाब है जो देखा मैंने एक आस मेरी वो ही मेरी प्यास है। यकीं ख़ुद यकीं ख़ुद पर यहीं मेरी आस है। जीवन में एक रास्ता बंद हो जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि जीने की राह बन्द हो जाती है। हज़ारों रास्ते हैं ज़िन्दगी के। #हज़ारोंरास्ते #collab #
writer.varsha
"द्रौपदी" आग से जन्मी वो इसलिए याज्ञसेनी कहलाई। रूप से मोहिनी वो इसलिए कृष्णा कहलाई। पांचाल की राजकुमारी वो इसलिए पांचाली कहलाई।
Rutuja Dorwat
२७ मार्च जागतिक रंगभूमी दिवस #NojotoQuote माझ्या प्रिय मित्रमैत्रिणींनो, २७ मार्च म्हणजे जागतिक रंगभूमी दिवस ! नाटक असं नाव असणारा कलाविष्कार जिथे सादर केला जातो त्या पटलाचा, त्या भू
Asad
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं याद रखना बाज की उड़ान में आवाज़ नहीं होती... ©TSS Team Mr Sonu Sharma business जीवन में उभार