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Anupama Jha
"काश" इच्छाओं का उपसर्ग है और "आस" प्रत्यय । #काश #आस #उपसर्ग #प्रत्यय #yqdidi #hindiquote #हिंदीकोट्स
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“3/10/2021”*📝 ✨*“रविवार”*🌟 “मनुष्य” के “शरीर” से जो भी निकालता है वो “सड़” ही जाता है,उससे “दुर्गंध” आती है, एक “जुगुप्सा”(घिनन) को जन्म देती है हमारा “रक्त” हो,“अपशिष्ट” हो,“श्वास” आदि इत्यादि हो, यहां तक कि जब हम “मनुष्य के शरीर” को “त्याग” देते है, तत्पश्चात ही ये “शरीर” “सड़” ही जाता है, इससे “दुर्गंध” ही आती है, बात ये है कि हमारे “वश” में है तो ये ही नहीं ... तो हमारे “वश” में तो है क्या ? हमारे “वश” में तो है “हमारे कर्म”,“हमारा मन्तव्य”,और “हमारी वाणी” यदि इसे “शुभ” रखोगे तो न केवल “स्वयं सुगंधित” रहोगे, बल्कि “समस्त संसार” को “सुगन्धित” कर दोगे, कहा जाता है कि “वाणी” से अधिक “बहुमूल्य” और कुछ नहीं इसलिए जब भी कुछ कहो तो अपने “शब्दों” को अपने “मन” की “तुला” पर तोलो, तत्पश्चात उसका “उपयोग” करो, कभी कभी हो सकता है कि आपके “शब्द” किसी के लिए “आशीर्वाद” बनके बरसे जिससे उसे “शक्ति” प्राप्त हो,“आशीर्वाद” प्राप्त हो, ऐसा भी हो सकता है कि आपके “शब्द” किसी के “ह्रदय” को ऐसी “ठेस” पहुंचा दे कि वो उस से कभी “उभर” ही न पाए, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“3/10/2021”*📝 ✨ *“रविवार”*🌟 #“मनुष्य का शरीर” #“दुर्गंध”
Kaleem Ansari
और कितना लिखू तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरयाद में मेरी रूह भी छीन के ले गई मुझ से में में ना रहा तेरे बाद में में में न रह तेरे बाद में
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं के पहरों में, उथले और गहरों में, सब ओर तुम्हें खोजती, मेरी मौन तलाश। एक दिन तो तुम मिल ही जाओगे पूर्ण है विश्वास। जल सम पारदर्शी गगन सम समदर्शी मेरी भोली आस सागर के किनारे भी अतृप्त है प्यास।। ©Veena Kapoor लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare
Amit Kumar
हर बार हम खों जाते है चक्रव्यूह के मेले में ढूंढ़ता कोई और है हमें साथी खुद अकेले में -अनभिज्ञ मेले में अकेले में
Safar Ka musafir
सितम कितने हुए उसका दुःख नहीं, सितम किस - किस ने किए बस ये बात दर्द देती है। में होंश में हूं।।
( prahlad Singh )( feeling writer)
( मैं, मैं हूं मैं, तुम तो नहीं मैं, खुद का आइना हूं में, ओरो में कहीं गुम तो नहीं ) ©( cop prahlad Singh )( feeling writer) #में, में हूं #Sunrise
( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
रात मे नींद मे खुद से बात करता हु लोग कहते है पागल हु मै ऊन्हे कैसे बाताऊ मै पागल नहि मोहब्बत मे घायल हु मै ©سید انوار حسین रात में नींद में