Nojoto: Largest Storytelling Platform

New श्रीजी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about श्रीजी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, श्रीजी.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Paritosh Gupta

श्रीजी रेस्टोरेंट #nojotophoto

read more
 श्रीजी रेस्टोरेंट

Rajesh Verma

पूज्य गुरुदेव का सपना हो रहा साकार,अंजनशलाका महोत्सव By राजेश वर्मा मंगलवार 03 मई 2022 राजगढ़ ---- गुरु नवरत्न की जन्मभूमि पर राजगढ़ संघ शिरोम #समाज

read more
mute video

शुभम सैनी

श्रीं श्रीजी डिग्गी कल्याण जीश्रीजी डिग्गी कल्याण जीउपराष्ट्रपति जो हमारे डिग्गी कल्याण जी के दर्शन के लिए पधारेश्रीजी #Comedy

read more
mute video

Vikas Sharma Shivaaya'

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ आज बिरज में होरी रे रसिया..... जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लड्डू होली बरसाने के श्रीजी मंदिर में देखने को #समाज

read more
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️

आज बिरज में होरी रे रसिया.....

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लड्डू होली बरसाने के श्रीजी मंदिर में देखने को मिलेगी- श्रीजी राधारानी का एक भव्य मंदिर हैं-यहाँ पर भक्तों के ऊपर लड्डुओं की बरसात कर दी जाती हैं,एक-दूसरे के ऊपर लड्डू उछाले जाते हैं,सभी भक्तों में उन लड्डुओं को पकड़ने की होड़ लगी रहती हैं। कोई इन्हें पकड़कर अपने झोली में डाल लेता हैं तो कोई इन्हें उसी समय भगवान का प्रसाद समझकर खा जाता हैं...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लट्ठमार होली विश्वभर में प्रसिद्ध हैं-यह बरसाने की संकरी गलियों में खेली जाती हैं। दरअसल द्वापर युग में जब कान्हा नंदगांव में रहा करते थे तब वहां के कई पुरुष बरसाने की महिलाओं के साथ होली खेलने जाया करते थे। तब वहां की महिलाएं उन पर लट्ठ से वार करती थी और भगा देती थी। इन पुरुषों को हुरियारे कहा जाता था।तब से बरसाने की लट्ठमार होली प्रसिद्ध हो गयी। इसमें नंदगांव से हुरियारे भाग लेते हैं तो बरसाने की महिलाएं। महिलाओं के हाथों में बांस के बड़े-बड़े लट्ठ होते हैं जिन्हें वे पुरुषों इसके बाद आता हैं मुख्य रंगों के त्यौहार का आधिकारिक आयोजन। श्रीकृष्ण का सबसे मुख्य और प्रसिद्ध मंदिर हैं वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर। रंगभरनी एकादशी के दिन यहाँ मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं जिसे देखने लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच जाते हैं।

इस दिन रंगों का जो गुब्बार उठता हैं वह देखते ही आँखें चौंधियां जाती हैं। चारों ओर से विभिन्न रंगों के बादल ही बादल नज़र आते हैं। आप इस दिन कुछ भी करके स्वयं को रंगों से बचा ही नही सकते। आपका शरीर एक नही बल्कि कई रंगों से सराबोर हो जायेगा, कुछ ऐसी ही होली इस दिन खेली जाती हैं।पर बरसाती हैं तो वही पुरुषों के पास इन लट्ठों के वार से बचने के लिए ढाल होती हैं जिससे वे अपना बचाव करते हैं।

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की 
जिस दिन बरसाने में लट्ठमार होली खेली जाती हैं उसी के अगले दिन नंदगांव में भी लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता हैं। अब इसमें नंदगांव की महिलाएं भाग लेती हैं तो बरसाने के पुरुष हुरियारे बनकर। अब नंदगांव की महिलाएं लट्ठ बरसाती हैं तो बरसाने के पुरुष उससे स्वयं को बचाते हुए नज़र आते हैं...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की 
बरसाने और नंदगांव में तो लट्ठमार होली खेली जाती हैं क्योंकि तब तक कान्हा थोड़े बड़े हो चुके थे लेकिन जब वे छोटे थे तो गोकुल में होली खेलने जाया करते थे। तब लट्ठों की मार से कान्हा को चोट लग सकती थी। इसलिये वहां की महिलाएं छड़ी से कान्हा को पीटा करती थी और भगाती थी। बस तभी से गोकुल की छड़ीमार होली भी बहुत प्रसिद्ध हैं।

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वृंदावन में फूलों की होली भी बहुत प्रसिद्ध हैं। यह ज्यादातर सभी मंदिरों में बड़ी ही धूमधाम के साथ खेली जाती हैं। इसमें मंदिर के चारों और से भक्तों के ऊपर पुष्प वर्षा की जाती हैं। फूलों की होली तो आजकल देश के विभिन्न भागों में बड़े ही उत्साह के साथ खेली जाती हैं। जिन्हें रंगों से किसी तरह की एलर्जी या समस्या हैं तो वे फूलों से ही होली खेलना पसंद करते हैं।

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की 
इसके बाद आता हैं मुख्य रंगों के त्यौहार का आधिकारिक आयोजन- श्रीकृष्ण का सबसे मुख्य और प्रसिद्ध मंदिर हैं वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर। रंगभरनी एकादशी के दिन यहाँ मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं जिसे देखने लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच जाते हैं।

इस दिन रंगों का जो गुब्बार उठता हैं वह देखते ही आँखें चौंधियां जाती हैं। चारों ओर से विभिन्न रंगों के बादल ही बादल नज़र आते हैं। आप इस दिन कुछ भी करके

आखिर में एक ही बात समझ आई की     त्रैतायुग के प्रारंभ में विष्णु ने धूलि वंदन किया था। इसकी याद में धुलेंडी मनाई जाती है। धूल वंदन अर्थात लोग एक दूसरे पर धूल लगाते हैं।

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹

आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️

आज बिरज में होरी रे रसिया.....

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लड्डू होली बरसाने के श्रीजी मंदिर में देखने को

Shree Shayar

श्रीधर श्री #शायरी

read more
Happy Dussehra  यहां रावण  भी अब प्रभु  राम की  ही शरण में है।
गये  सतयुग  विरोधी  देखें  दोनों एक  गण में है।।

©Shree Shayar श्रीधर श्री

Shree Shayar

श्रीधर श्री #Soul #शायरी

read more
धंन्धे का समय है,,,,,
माथा न खा नंदा,,,,,
झ,,,,,का,,,,,स,,,,,,

©Shree Shayar श्रीधर श्री

#Soul
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile