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Unknown

मैं राह चलते जब नहीं देखता हूँ‍ 
तो बहुत सी आँ‍खें  देखने लगतीं
उनसे मैं तपिश सी पाने लगता हूँ‍
आखिर ये कौन सा रसयोग है 
जो अदृश्य रुप से  हो जाता है
कहीं भी कभी भी रात और दिन
ये अनाचार है कि अतिसार 
तुम्ही बतला दो ना जगतार


 अनासक्त लोग

अनासक्त लोग

0 Love

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Abhinav Gaur

में ये मन सौंपता हु तुम्ही को प्रिये
दीपमाला प्रणय की जलाये हुए
मन की वीणा सजी तो ये धुन भी बजे 
प्रीत की कोई तान सुनाओ प्रिये
न पराजित करो इस प्रणय युद्ध में
मान जाओ कि तुम हार जाओ प्रिये
प्राण को तुम पढो प्रेम पावन करो
मुझको काम विजेता बनाओ प्रिये शब्दों में व्यक्त अनासक्त

शब्दों में व्यक्त अनासक्त #कविता

8 Love

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डॉ वीणा कपूर "वेणु"...

Happy Rath Yatra  
हे जगन्नाथ! मेरे अवलम्बन
हे विश्व सृजक! तेरा चिन्तन,
हे विश्व रूप! प्रतीत प्रत्यक्चेतन
हे विश्व पालक! अनासक्त अर्पण,
हे अविद्धदृक्! साक्षी चेतन,
हे अन्तर्यामी ! हे अपरिछिन्न!
कोटि कोटि अभिनन्दन रथयात्रा का
करता सृष्टि का प्रत्येक कण,
विश्व का जन जन,
 ज्येष्ठ भ्राता, भगिनी सहित आपका कोटि कोटि चरण वंदन।।

©Veena Kapoor जगन्नाथ रथयात्रा#
विश्व रूप
अनासक्त अर्पण
कोटि कोटि नमन

#RathYatra2021

जगन्नाथ रथयात्रा# विश्व रूप अनासक्त अर्पण कोटि कोटि नमन #RathYatra2021 #कविता

12 Love

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
जब बर्तन टूट जाता है, तो 
उसके भीतर की जगह असीमित 
हो जाती है, इसी प्रकार शरीर का
 अस्तित्व समाप्त हो जाता है, तो
 आत्मा सास्वत अनासक्त रहता 
है, कुछ भी जन्म नही लेता, और 
कुछ भी नहीं मरता, यही सत्य 
प्रमाण है।। गोबिंद राधे।।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
जब बर्तन टूट जाता है, तो 
उसके भीतर की जगह असीमित 
हो जाती है, इसी प्रकार शरीर का
 अस्तित्व समाप्त हो जाता है, तो
 आ

{Bolo Ji Radhey Radhey} जब बर्तन टूट जाता है, तो उसके भीतर की जगह असीमित हो जाती है, इसी प्रकार शरीर का अस्तित्व समाप्त हो जाता है, तो आ #Ride #पौराणिककथा

10 Love

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अब्र The Imperfect

माई बाप
सब तुम से ही पाया
आदि अंत
सुख दुख
हानि-लाभ
जन्म मरण
लोभ मोह
काम क्रोध
गुण अवगुण
राग द्वेष
आसक्ति अनासक्ति
प्रेम अप्रेम
मान अपमान
यश अपयश
अब जीवन की 
सांझ सब तुम्हें ही
समर्पित कर रहा हूं
क्योंकि
लोक से परलोक 
कुछ भी ले जाना
संभव नहीं
माई बाप

©KumarAmitAbr माई बाप
सब तुम से ही पाया
आदि अंत
सुख दुख
हानि-लाभ
जन्म मरण
लोभ मोह
काम क्रोध

माई बाप सब तुम से ही पाया आदि अंत सुख दुख हानि-लाभ जन्म मरण लोभ मोह काम क्रोध #Poetry #Love #Heart #Hindi #poem #कविता #nojotohindi #nojotonews #Twowords #NojotoFilms

32 Love

2b2481c8f685ba1bd6cf462219fd0f4c

Ruchi dixit

-2
मै पूरी अभिमानी नही हूँ,
मै पूरी अभिमानरहित नही हूँ ,
मै पूरी आसक्त नही हूँ ,
मै पूरी अनासक्त नही हूँ |
मै पूरी देह नही हूँ ,
मै पूरी देहाहीन नही हूँ |
मै पूरी सुन्दर नही हूँ ,
मै पूरी असुन्दर भी नही हूँ |
इस नही के स्थान हृदय की पीड़ा,
 और नेत्रो हे बहते निरन्तर असमय ,
अश्रु ने घेर रखा है |

©Ruchi dixit -2
#मै पूरी अभिमानी नही हूँ,
मै पूरी अभिमानरहित नही हूँ ,
मै पूरी आसक्त नही हूँ ,
मै पूरी अनासक्त नही हूँ |
मै पूरी देह नही हूँ ,
मै पूरी दे

-2 #मै पूरी अभिमानी नही हूँ, मै पूरी अभिमानरहित नही हूँ , मै पूरी आसक्त नही हूँ , मै पूरी अनासक्त नही हूँ | मै पूरी देह नही हूँ , मै पूरी दे #Red #कविता

0 Love

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Sarita Shreyasi

शब्दों से तुमको तौल लूँ,
शब्दों से अपने मोल लूँ,
कर दूँ, शब्दों से निःशब्द,
मेरी पूंजी, चार शब्द।

 #मेरी पूंजी चार शब्द,
शब्द ही अभिव्यक्ति मेरी,
शब्द से ही आसक्ति,
शब्द ही से हूँ सशक्त,
मेरी पूंजी चार शब्द।

शब्द औषधि शब्द व्याधि,
शब्द शक

#मेरी पूंजी चार शब्द, शब्द ही अभिव्यक्ति मेरी, शब्द से ही आसक्ति, शब्द ही से हूँ सशक्त, मेरी पूंजी चार शब्द। शब्द औषधि शब्द व्याधि, शब्द शक

0 Love

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Tushar Singh (nashvar)

लोग अक्सर सवाल कर बैठते है मुझसे की कैसा सा हूँ मैं..

तो उनको बताना चाहता हूँ कि कुछ ऐसा सा हूँ मैं की...


आसक्ति में चूर हो कर भी..    अनासक्त सा हूँ मैं

पूर्णता व्यक्त हो कर भी..       अव्यक्त सा हूँ मैं

लज्जा की चादर ओढ़ कर भी..  निर्लज्ज सा हूँ मैं

गृहस्त हो कर भी..             वैराग्य सा हूँ मैं

अकेला हो कर भी..   किसी का महभाग सा हूँ मैं

दोषी हो कर भी..              निर्दोष सा हूँ मैं

दंडनायक हो कर भी..      क्षमा दायक सा हूँ मैं

लोभी हो कर भी..            दानवीर सा हूँ मैं

अशक्त हो कर भी..            सशक्त सा हूँ मैं

सैनिक हो कर भी..            बाघी सा हूँ मैं

और क्या बतलाऊँ आपको की कैसा सा हूँ मैं..

झूठ हो कर भी..      सम्पूर्ण सत्य सा हूँ मैं... लोग अक्सर सवाल कर बैठते है मुझसे की कैसा सा हूँ मैं..

तो उनको बताना चाहता हूँ कि कुछ ऐसा सा हूँ मैं की...


आसक्ति में चूर हो कर भी..    अन

लोग अक्सर सवाल कर बैठते है मुझसे की कैसा सा हूँ मैं.. तो उनको बताना चाहता हूँ कि कुछ ऐसा सा हूँ मैं की... आसक्ति में चूर हो कर भी.. अन #Love #Quote #me #WhoamI

2 Love

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Shree

"क्या पाप है और क्या पुण्य है,
..हर पुंज का बिंदु एक शून्य है!"


/✍️.... क्या पाप है...
और क्या पुण्य है,
..हर पुंज का
बिंदु एक शून्य है!
निराकार है साकार भी
अद्वितीय योगीराज भी
मोहपाश भी मुक्ति द्वार भी
शिव शिवा

क्या पाप है... और क्या पुण्य है, ..हर पुंज का बिंदु एक शून्य है! निराकार है साकार भी अद्वितीय योगीराज भी मोहपाश भी मुक्ति द्वार भी शिव शिवा #yqbaba #mahadev #yqdidi #Prayers #Mata #Durgapuja #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires

0 Love

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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

===मैं हूँ समय ===
         ( रचना: अंकुर  मिश्रा )

मैं हूँ समय अद्भुत मेरी क्षमता,सदा अद्वितीय 
सर्वदा जागरूक,परिवर्तनशील कर्तव्य में लय
मूक साक्षी अतीत का व भविष्य करता हूँ तय 
वर्तमान मेरा कार्यक्षेत्र ,नहीं किसी से वार्ता विनिमय ।

अखण्ड राज्य के अधिकारी, प्रभाव असीमित 
राजा बनता है रंक व बुद्धि करता हूँ भ्रमित 
कडक मेरा तेवर, रहता हूँ सदा निरपेक्ष व फर्ज में समर्पित  
अदम्य मेरा साहस, सदा अपराजेय व   हर चुनौती स्वीकृत ।

शक्ति मेरा अपरिमित, लेकिन कर्तव्य मेरा बरकरार 
मुझे समझना जटिल , हमेशा नया अवतार 
जो मुझसे करे तिरस्कार,उनको करना होगा इन्तजार
जो अनासक्त व निर्भीक, उनसे करता हूँ प्यार  ।

नाम है मेरा विविध प्रकार, परिस्थिति के अनुसार 
मरीज के लिये आरोग्य, नारी के लिये श्रृंगार 
छात्रों के लिये प्रेरणा , सैनिक के लिए समर 
पुजारी के लिये दक्षिणा व संगीत के लिये आसर 

पति पत्नी  के लिये विश्वास ,परिवार के लिये प्यार 
भिक्षुक के लिये बुरे वक्त , बेरोजगार के लिये इन्तजार 
राजा के लिये अवसाद, बुढों के लिये  अवसर 
कलाकार के लिये निदर्शन व विद्वान के लिये ज्ञान का भंडार 

मैं हूँ सबके साथ, शाश्वत और निराकार
सदियों से हूँ विद्यमान, हर युग में मेरा असर
रहस्यमय मेरी स्थिति, रहता हूँ सर्वदा निर्लिप्त निर्विकार 
जो किया है मेरा अध्ययन, समाज में सम्मान बरकरार। 

क्षणस्थायी है हर घटना , जिन्दगी क्षणभंगुर
हर पल बीते आनन्द में, स्मृति रहे मधुर 
ये रास्ते है प्यार के, यात्रा चलते रहे बेफिक्र, यादगार 
क्योंकि मैं हूँ समय, काल चक्र किसी का नहीं करता इन्तजार  । ।

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) ===मैं हूँ समय ===
         ( रचना: अंकुर  मिश्रा )

मैं हूँ समय अद्भुत मेरी क्षमता,सदा अद्वितीय 
सर्वदा जागरूक,परिवर्तनशील कर्तव्य में लय
म

===मैं हूँ समय === ( रचना: अंकुर मिश्रा ) मैं हूँ समय अद्भुत मेरी क्षमता,सदा अद्वितीय सर्वदा जागरूक,परिवर्तनशील कर्तव्य में लय म #वक़्त

11 Love

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 4 – कर्म 'कुछ कर्मों के करने से पुण्य होता है, और कुछ के न करने से। कुछ कर्मों के कर

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 4 – कर्म 'कुछ कर्मों के करने से पुण्य होता है, और कुछ के न करने से। कुछ कर्मों के कर

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 4 – कर्म 'कुछ कर्मों के करने से पुण्य होता है, और कुछ के न करने से। कुछ कर्मों के कर

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 4 – कर्म 'कुछ कर्मों के करने से पुण्य होता है, और कुछ के न करने से। कुछ कर्मों के कर

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Vikas Sharma Shivaaya'

ओ३म् (ॐ): गणेश शिवमानस पूजा में श्री गणेश को ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामांतर प्रणव कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उदर, चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूंड मानी गई है...,

गणेश ने मूषक को क्यों चुना अपना वाहन :-
पौराणिक कथा प्राचीन समय में सुमेरू अथवा महामेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था. उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था. एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई. उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहां आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया. अपनी व्याकुलता में कौंच ने ऋषि पत्नी का हाथ पकड़ लिया. रोती और कांपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख मांगने लगी. उसी समय सौभरि ऋषि आ गए. उन्होंने कौंच को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी पत्नी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा. कांपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की -'दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था, मुझे क्षमा कर दें’. ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहां गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे तब तू उनका वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे...,

बुद्धि के देवता भगवान गणेश जी ने आखिर निकृष्ट माने जाने वाले मूषक (चूहा) जीव को ही अपना वाहन क्यों चुना?
गणेश जी की बुद्धि का हर कोई कायल है. तर्क-वितर्क में हर कोई हार जाता था. एक-एक बात या समस्या की तह में जाना, उसकी मीमांसा करना और उसके निष्कर्ष तक पहुंचना उनका शौक है. चूहा भी तर्क-वितर्क में पीछे नहीं रहता. चूहे का काम किसी भी चीज को कुतर डालना है, जो भी वस्तु चूहे को नजर आती है वह उसकी चीरफाड़ कर उसके अंग प्रत्यंग का विश्लेषण सा कर देता है. शायद गणेश जी ने कदाचित चूहे के इन्हीं गुणों को देखते हुए उसे अपना वाहन चुना होगा...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 574 से 585 नाम

574 त्रिसामा तीन सामों द्वारा सामगान करने वालों से स्तुति किये जाने वाले हैं
575 सामगः सामगान करने वाले हैं
576 साम सामवेद
577 निर्वाणम् परमानंदस्वरूप ब्रह्म
578 भेषजम् संसार रूप रोग की औषध
579 भृषक् संसाररूप रोग से छुड़ाने वाली विद्या का उपदेश देने वाले हैं
580 संन्यासकृत् मोक्ष के लिए संन्यास की रचना करने वाले हैं
581 समः सन्यासियों को ज्ञान के साधन शम का उपदेश देने वाले
582 शान्तः विषयसुखों में अनासक्त रहने वाले
583 निष्ठा प्रलयकाल में प्राणी सर्वथा जिनमे वास करते हैं
584 शान्तिः सम्पूर्ण अविद्या की निवृत्ति
585 परायणम् पुनरावृत्ति की शंका से रहित परम उत्कृष्ट स्थान हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ओ३म् (ॐ): गणेश शिवमानस पूजा में श्री गणेश को ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामांतर प्रणव कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक

ओ३म् (ॐ): गणेश शिवमानस पूजा में श्री गणेश को ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामांतर प्रणव कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक #समाज

8 Love

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Preeti Karn

बीतराग कैसे होते हो
रंग  समर्पण कर देते हो

भान तुम्हें भी रहता होगा
मन तिल तिल कर जलता होगा,

लिख लेते नूतन परिभाषा
पढ़ लेते मन की अभिलाषा

मिट जाते संत्रास हृदय के
जुड़ जाते अनुबंध नये से

रच लेता मधुमास फिर कोई प्रपंच
आतुर मन ढूंढता प्रिय आलंभ
भावों से जुड़ जाते कितने ही छंद
मन  खो  जाता होकर  मलंग
"अमलतास" ‌ तुम क्यों झरते हो
बीतराग कैसे होते हो।।🍀🍀
            प्रीति
 #अमलतास #अनकही
 #विरक्त #अनुरक्त
#मधुमास #आलंभ(स्पर्श करना)
#yqhindiquotes 
#nopowrimo
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Sarita Shreyasi

बदल जाने दो ना सबकुछ,
परिवर्तन तो जीवन प्रकृति है,
कैसे भूल जायें कि अचलता तो
बस अविचल मृत्यु की नियति है।
घबराते हैं,किंतु कितना बदल पाते हैं,
नियम-अनियम और विचार से,
इस असीम संसार का , रत्ती भर भी
नहीं होता हमारे हाथ में।
हमारी पहुँच के पश्चात ही तो प्रकृति शुरू होती है,
और अपने नियमानुसार सारी सृष्टि बदल देती है।
बहने दें ,बदलने दें,समय को,सोच को,
क्यूँ तलाशें आनेवाले कल में अपने अतीत को।
धुल जाने दें स्मृति, अासक्ति,अभिमान को,
मिट जाने दें परिचय और बाहरी पहचान को।
तभी तो हम-तुम अपनी ओर मुड़ेंगे,
अपरिचित अस्तित्व को पहचानेंगे,
खुद से खुद का परिचय करेंगे,
न मिल पाये तो तलाशेंगे, तराशेंगे,
अपनी मूरत उभारने में खुद पर छेनी भी चलायेंगे,
और हर चोट पर आभार के साथ खिल के मुस्कुरायेंगे।
यही वह क्षण होगा,जब स्मृति-आशंका के द्वंद से
उबर जायेंगे, अपनी सोच और समय से जीत जायेंगे। बदल जाने दो ना सबकुछ,
परिवर्तन तो जीवन प्रकृति है,
कैसे भूल जायें कि अचलता तो
बस अविचल मृत्यु की नियति है।
घबराते हैं,किंतु कितना बदल पाते ह

बदल जाने दो ना सबकुछ, परिवर्तन तो जीवन प्रकृति है, कैसे भूल जायें कि अचलता तो बस अविचल मृत्यु की नियति है। घबराते हैं,किंतु कितना बदल पाते ह #yqbaba #yqdidi

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Aprasil mishra

"मनेन्दित आकर्षिका: काव्य------" *****************
सांस चलती रहे याद आता रहूँ।
मैं तेरे  स्वप्न  में  गीत गाता रहूँ।।
सांस चलती रहे, ................।।
       पुष्प खिलते रह

***************** सांस चलती रहे याद आता रहूँ। मैं तेरे स्वप्न में गीत गाता रहूँ।। सांस चलती रहे, ................।। पुष्प खिलते रह #yqtales #yqhindi #yqlove #yqlife #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

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Aprasil mishra

" वह राम हैं..  वह राम हैं। " >>> "वनितsर्पणा = प्राणप्रिया (पत्नी) का समर्पण करने वाले "
*******************************
संघर्ष पथ  में  प्रेरणा   के   एक   ही  तो  नाम

>>> "वनितsर्पणा = प्राणप्रिया (पत्नी) का समर्पण करने वाले " ******************************* संघर्ष पथ में प्रेरणा के एक ही तो नाम #lord #Novel #Ram #yqhindi #yqquotes #Greatest #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

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vishnu thore

 जगण्याचा हुरूप टिकून राहतो...
              -विष्णू थोरे,चांदवड.
                ९३२५१९७७८१   
         

  रिकाम्या हातांना काम हवं. हात कल

जगण्याचा हुरूप टिकून राहतो... -विष्णू थोरे,चांदवड. ९३२५१९७७८१ रिकाम्या हातांना काम हवं. हात कल #nojotophoto

2 Love

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Unconditiona L💓ve😉

मुक्ति
दे रहा हूँ उन रिश्तों से,
जिसे अब तुम बोझ समझते हो।

मुक्ति
दे रहा हूँ, उन वचनों से,
जो तुम्हें मज़बूरी में वचनबद्ध किये हुए है।

मुक्ति
दे रहा हूँ, उन यादों से,
जो अब तुम्हें काँटने को दौड़ते है।

मुक्ति
दे रहा हूँ, उस फैले आँचल से,
जो तुम मुझसे दाग ना लगे
इस भय से चुपके से समेट रहें हो।

मुक्ति
दे रहा हूँ उस प्रेम की बूंदों से,
जो अब तुम्हें, अपनी ह्रदय में बेवज़ह बहती लग रहे है।

मुक्ति
दे रहा हूँ, उस बंधयुक्त समय से,
जो अब तुम्हें, बेवज़ह से खर्च सा महसूस हो रहें है।

ज़माने को क्या दोष दे, झूठे ख़ुद की वाणी निकला
मैं निशा, नशा में थे,
निशा में ख़ुश थे हमनें चाँद पकड़े, मग़र वह पानी निकला 
 माँ गंगा में..... निशा में.... चाँद को...अपनी अंजुरी में भर,, दे दिया श्रद्धांजलि ख़ुद हो,,,,,, भोलेनाथ के चरणों में समर्पित कर हो गया मैं
""

माँ गंगा में..... निशा में.... चाँद को...अपनी अंजुरी में भर,, दे दिया श्रद्धांजलि ख़ुद हो,,,,,, भोलेनाथ के चरणों में समर्पित कर हो गया मैं "" #Happiness #Shiva #yqdidi #Khushi #cinemagraph #शून्य_मौन_शांत_एकात #thankyouथैंक्यूथान्कयूआप #sorryोर्रीसॉरी

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