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yogesh atmaram ambawale

सुप्रभात सुप्रभात आजचा विषय आहे आधाराची गरज... #आधाराचीगरज हा विषय Amar Bhilare यांचा आहे. चला तर मग लिहूया. #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai

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आधाराची गरज प्रत्येकाला
झाडांना वेलींना
श्रीमंताला गरिबाला
लेखणीला कागदाला
पैलवानाला दिन दुबळ्याला
पतीला पत्नीला
खंबीर असणाऱ्याला,गंभीर असणाऱ्याला
नाही म्हटलं तरी प्रत्येक मनामनाला. सुप्रभात सुप्रभात
आजचा विषय आहे

आधाराची गरज...
#आधाराचीगरज
हा विषय
Amar Bhilare यांचा आहे.
चला तर मग लिहूया.

RituRaj Gupta

पेश है चाय पर एक कविता :: ज़िंदगी : पतीला मुश्किलें : गर्म पानी सफर : अदरक ख्वाब : चाय पत्ती हौंसला : चीनी स्वाद: काली मिर्च(चुटकी भर) #Tea #yourquote #positive #yqdidi #yourquotebaba #riturajgupta

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ज़िंदगी : पतीला
मुश्किलें : गर्म पानी
सफर : अदरक
ख्वाब : चाय पत्ती
हौंसला : चीनी
स्वाद: काली मिर्च(चुटकी भर)
मंजिल : चाय

ज़िंदगी को चाहिए क्या,
गर्म पानी सी उबलती मुश्किलों में,
डालें एक ख़्वाब,
जो पाने की कोशिश करें लंबे सफ़र के साथ,
और उसमें हौंसलों का रस घोल दे,
फिर जो आएगा स्वाद उम्दा,
मंजिल को पाने का !! पेश है चाय पर एक कविता ::

ज़िंदगी : पतीला
मुश्किलें : गर्म पानी
सफर : अदरक
ख्वाब : चाय पत्ती
हौंसला : चीनी
स्वाद: काली मिर्च(चुटकी भर)

Sanjeet Kumar

योगी जी की सरकार की योजनाओं को बिजली विभाग वाले कर्मचारी लगा रहे है पतीला बीघापुर सबस्टेशन के अन्तर्गत कटरा दीवान खेड़ा की एवं अन्य गांवों की #nojotophoto

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 योगी जी की सरकार की योजनाओं को बिजली विभाग वाले कर्मचारी लगा रहे है पतीला बीघापुर सबस्टेशन के अन्तर्गत कटरा दीवान खेड़ा की एवं अन्य गांवों की

अतुल कुमार सिंह

बेरहम पूस के जाड़े में, कल ही अँगीठी टूटी थी आज रात की बारिश ने, कम्बल भी गीला कर डाला जैसे तैसे रातें अगहन की बीतीं ठंड ने था मानों ठान लिय

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बेरहम पूस के जाड़े में,
कल ही अँगीठी टूटी थी
आज रात की बारिश ने,
कम्बल भी गीला कर डाला

पूरी कविता कैप्शन में पढ़िए बेरहम पूस के जाड़े में, कल ही अँगीठी टूटी थी
आज रात की बारिश ने, कम्बल भी गीला कर डाला

जैसे तैसे रातें अगहन की बीतीं
ठंड ने था मानों ठान लिय

yogesh atmaram ambawale

नमस्कार मित्र आणि मैत्रिणीनों आजपासुन नवरात्र सुरु होत आहे. नवरात्रेचा पहिला दिवस म्हणजे घटस्थापना. सर्वं लेखक मित्र आणि मैत्रिणानां समस्त #स्त्री #नारी #Collab #YourQuoteAndMine #देवी #yqtaai #तीचीशक्ती

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घरातील घरपण जपणारी शांत स्वभावाची गृहिणी ती,
तर अन्यायाविरुद्ध आवाज उठवुन लढणारी वाघीण ही तीच.
कठीण परिस्थितीत पतीला सांभाळणारी अर्धांगिनी ही ती,
तर लेकरांची काळजी घेणारी माऊली ही तीच.
भावाच्या चुका पाठीशी घालणारी बहीण ही ती,
तर कुठलेही स्वार्थ न ठेवता मैत्री जपणारी सखी ही तीच. नमस्कार मित्र आणि मैत्रिणीनों 
आजपासुन नवरात्र सुरु होत आहे.
नवरात्रेचा पहिला दिवस म्हणजे घटस्थापना.
सर्वं लेखक मित्र आणि मैत्रिणानां समस्त

AK__Alfaaz..

"भोज" प्रभात् ने भोज दिया.., ​सुनहरी-पीली किरणों की दाल पकाने को.. ​यह सूरज का पतीला.. ​आसमान के चूल्हे पर कौन चढ़ा गया.. ​ ​बादलों की अंगीठी #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes

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प्रभात् ने भोज दिया..,
​सुनहरी-पीली किरणों की दाल पकाने को..
​यह सूरज का पतीला..
​आसमान के चूल्हे पर कौन चढ़ा गया..
​
​बादलों की अंगीठी भी सुलग रही है..
​हंडिया मे रखा सितारों का चावल भी बदकने लगा है..
​धरती की सुवर्ण थाल परोसने के लिए तैयार पड़ी है..
​जाने कौन परदेशी घर लौट के आने वाला है..
​
​नदी मे ये रौशनी,,किसने छिटका दी..
​किसने इसे प्रेम रंग की मधुशाला बना दिया..
​एक घूँट पीकर,,चाँद भी अब तो..
​अलसाकर चाँदनी संग इसमें समा गया..
​
​धरती की ढ्योढ़ी,आँगन-आँगन,क्यारी-क्यारी..
​सजकर सँवरकर तैयार हो गयी..
​हवा ने कानाफूसी की है..
​पंछियों की बारात आने वाली है..
​
​आगे क्या है लिखा..
भाग्य के ​कर्मफलों से आज..
​कौन पूछेगा यहाँ..
​​जीवन की किताब में..
​तेरे-मेरे प्रेम ने कुछ शब्द अपनी भावनाओं के अंकित कियें हैं..
​कौन इसे हमारे बाद,,किसको सुनायेगा यहाँ..
​
​प्रीत ने एक धुन बनायी है..
​सुना है जुगनुओं से आज..
​चाँदनी रात में इसे कोई गुनगुनायेगा,,किसी को करके याद..
​
​सपनों की आहें कौन जाने..
​चलूँ आज मैं भी..
​अंतिम श्वाँस निमंत्रण लेके आई है...।। -AK__Alfaaz.. "भोज"
प्रभात् ने भोज दिया..,
​सुनहरी-पीली किरणों की दाल पकाने को..
​यह सूरज का पतीला..
​आसमान के चूल्हे पर कौन चढ़ा गया..
​
​बादलों की अंगीठी

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी. पेज-65. पुष्पा जी-शरम करो शरम करो.. बच्चे से पार्टी लोगे तुम.. कंजूस खोपड़ी के... ! आज की कोल्ड क्रीम पार्टी मेरी तरफ से... #प्रेरक

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पेज-65
बाकी चाय.🤔🤔🤔🤔.  मानक के घर ले चलो.... बेचारे शॉपिंग करके लौट ही रहे होंगे.. चलो हम सब उन्हें गरमागरम चाय सर्व करेंगे... 
राखी जी-  थैंक गॉड.. बच गये.. !😔
पुष्पा जी- ऐं  ... कौन क्या बोला...! किसी ने कुछ बोला... मैं ठीक से सुन नहीं पाई.. 
राखी जी- मैंने बोला पुष्पा जी.. कितने उच्च विचार हैं आपके.. सबक़ा कितना ख्याल रखते हैं आप... और आपके हाथों की बनी चाय तो माशाअल्लाह.. 
धन्य हो जायेंगे जिनके पास तक जायेगी... 
तभी राकेश ने कहा -अर्रे रत्नाकर कालोनी ग्रुप में मेसेज आया है.. आज तो आरव का जन्मदिन दिन है.. हुर्रर्रर्र रे चलो रे बाबा.. उससे पार्टी लेंगे....
आगे कैप्शन में., 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी. पेज-65.
पुष्पा जी-शरम करो शरम करो.. बच्चे से पार्टी लोगे तुम.. कंजूस खोपड़ी के... !  आज की कोल्ड क्रीम पार्टी मेरी तरफ से...

CalmKazi

(READ FULL POETRY BELOW) A collab poetry by Bhavesh Bhargava (CalmKazi) and Shubhi Khare (Shubhiiii). Click on #calmkazicollabs for more #Hindi #आज #पानी #नाव #rain #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #बारिश #यादें #Imagery #पूस #calmkaziwrites #QuoteSeries

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मुन्ना ने कागज़ की 
नाव छोड़ी थी नाले में ।
पीपल तले बैठा, 
उसे निहार रहा था ।
उतावला हुआ वो शाखी भी,
कुछ प्रतियोगी टहनी से टूट आ मिले ।।
- CalmKazi और Shubhiiii (READ FULL POETRY BELOW)

A collab poetry by Bhavesh Bhargava (CalmKazi) and Shubhi Khare (Shubhiiii). 

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अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-64 राकेश- अरे बाबा चलो.. ज़रा.. ! उसने जरूर कोई गड़बड़ कर ली है....वरना किचिन में आने से मना क्यूँ करती...! अन्दर से फिर आ #प्रेरक

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पेज-64

तभी बैठक रूम से आवाज़ किचिन को जाती है
 -"अर्रे भई आज चाय बन पायेगी कि नहीं..?"
किचिन से प्रतिक्रिया आई- ठांड रखो.. ठांड.. !

तभी राकेश ने कहा-जाओ देखो जाकर जरा 
कबसे चाय बन रही है..कहीं नोजोटो में कोई पोस्ट तो अपलोड नहीं करने लगीं चाय को लेकर.. !

अन्दर से पुनः आवाज आई,,-किचिन में कोई ना आये.. !

राखी जी- हमें चलकर देखना चाहिए.. जाने भग्गवान क्या कर रही होगी... ! मामला गड़बड़ लग रहा है..!
अन्दर से फिर आवाज आई-🙄🤭कोई गड़बड़ नहीं है.. बस ला ही रही हूं चाय... कोई किचिन में नहीं आयेगा..(😢🤔🤷‍ अब क्या करूँ...???? )
आगे कैप्शन में.. 🙏🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-64
राकेश- अरे बाबा चलो.. ज़रा.. ! उसने जरूर कोई गड़बड़ कर ली है....वरना किचिन में आने से मना क्यूँ करती...!
अन्दर से फिर आ
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