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Arora PR
तुम्हारी ये लम्बी चुप्पी मौन सन्देश दें रही कि तुम्हे मेरी बात मान लेने मे कोई एतराज़ नहीं हैँ फिर भी मै चाहुँगा कि तुम्हारे इस मौन का भावार्थ समझने की चेष्टा अवश्य करके देखु कि कही तुम इस धैर्य धारण के कवच से अपने ह्रदय को आहत तो नहीं कर रहे हो? ©Arora PR मौन का भावार्थ
Parasram Arora
मेरे मौन शब्दों का अर्थ जानना निरर्थक सिद्ध हो सकता है यधपि उनका भावार्थ समझा जा सकता है.... क्योंकि भाव की कोई भाषा नहीं होती वहा तो केवल अनुभूति का अस्तित्व होता है वो तो वैसा ही है जैसे चन्द्रमा की मौन चांदनी की स्निग्धता का सुखद अहसास जैसे वक्ष की ऊँची शाखाओं पर हवाओं क़ि हलचल से उपजि..हुई खड़खड़ाहट और सरसराहट पत्तों की ©Parasram Arora मौन शब्दों का भावार्थ.......
आलोक कुमार
हमलोग को आजादी किन-किन चीजों से मिली थी और क्या हमलोग आज भी उन सभी चीजों से आजाद हुए हैं. अरे सबसे बड़ी और कीमती आजादी तो आपसी समान विचारधारा की आजादी होती है, जो आजतक सम्भव नहीं हो पायी है. इसके पीछे सबसे बड़ा और प्रभावी कारण है "जाति आधारित आरक्षण". इससे जिस दिन देश को मुक्ति मिल जाएगी, तब ही यह समझना उचित होगा कि अब हमलोग को आज़ादी प्राप्त हो गयी है. आजादी का सही और सटीक भावार्थ...
AB SINGH YADAV 007
krishna vani भावार्थ : इस सेना में बड़े-बड़े धनुषों वाले तथा युद्ध में भीम और अर्जुन के समान शूरवीर सात्यकि और विराट तथा महारथी राजा द्रुपद, धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान काशिराज, पुरुजित, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य, पराक्रमी युधामन्यु तथा बलवान उत्तमौजा, सुभद्रापुत्र अभिमन्यु एवं द्रौपदी के पाँचों पुत्र- ये सभी महारथी हैं॥4-6॥ ©AB SINGH 007 श्लोक - 4,5,6 भावार्थ #God
Ajnabee raja
|| कविता का भविष्य || अतीत... एक कवि कविता लिखता-लिखता मर गया, एक पीढ़ी कविता सुनते-सुनते मर गई। वर्तमान... एक कवि कविता लिखने की कोशिश कर रहा है, एक पीढ़ी कविता सुनने का प्रयास कर रही है। भविष्य... एक मरा हुआ कवि, एक मरी हुई पीढ़ी, एक अजन्मी कविता। ~सत्यमा्चार्य #NojotoQuote कविता का भविष्य
Parasram Arora
वो नहीं होती कविता जिसे सर्दी की ठिठुरन मे चाय क़े गर्म घूँट क़े साथ हलक मे उतार लिया जाय कविता तो कवि क़े संवेदित ह्रदय की वो उम्दा फ़सल है. जिसे कवि अपने ही खेत मे अपने लिए उगाता है लेकिन जिसे वो औरों मे बाँट कर ज्यादा प्रसन्नता का अनुभव करता है ©Parasram Arora # कविता का उदगम.......
shashwat ayush
रैदास से लेकर सूरदास तक... चंद्रवरदाई से तुलसीदास तक... भूषण से लेकर कबीर तक... ग़ालिब से लेकर मीर तक... मीरा से लेकर रहीम तक... रहमान से लेकर बाबा फरीद तक... रसखान से लेकर बहादुर शाह जफर तक... भारतेंदु से लेकर दिनकर तक... धरती से लेकर आसमान तक... हजारी प्रसाद से लेकर सुभद्रा कुमारी चौहान तक... जयशंकर प्रसाद से लेकर बच्चन की मधुशाला तक... महादेवी वर्मा से लेकर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला तक... श्याम नारायण पांडेय से लेकर अज्ञेय के उक्त तक.... माखन लाल चतुर्वेदी से लेकर मैथिलीशरण गुप्त तक -शाश्वत_आयुष ©unknown historical truth कविता का सफ़र