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🇮🇳always_smile11_15
🖤आरक्षण अभिशाप🖤 दलित के पास दलित होने का सरकारी प्रमाण पत्र है, OBC के पास पिछड़ने का सरकारी प्रमाण पत्र है। तो हमको भी ऊँची जाति होने का प्रमाण पत्र दो, और कारण बताओ की हम किससे ऊँचे हैं,कितने ऊँचे हैं, क्यूँ ऊँचे हैं और अगर ऊँचे हैं तो कब तक ऊँचे रहेंगें। always🌸smile ©🇮🇳always_smile11_15 #आरक्षण
आशीष सिंह शानू
#आरक्षण सरकार की नज़र में बेकार हो गया... आज मैं पच्चिस पार हो गया... 😞😞😞 * जन्मदिन की हार्दिक बधाई !!! #आरक्षण
Kunwar Vimal Singh
समाज की नज़रों में प्रेम की कोई जात नहीं तो क्यों इस नियम की नौकरी पाने में कोई औकात नहीं मैं सामान्य वो आरक्षित इसका पैमाना जात क्यों जाती व्यवस्था से हो रहा विकास तो एक करने की बात क्यों ©Kunwar Vimal Singh #आरक्षण
सुनीता प्रजापति
नालायक को कुर्सी,घर पर बैठा प्रतिभावान। योग्यता की क़दर नही,मेरा भारत है महान।। देश से कभी खत्म हो नही सकता आरक्षण- इसी के बलबूते तो चलती नेताओं की दुकान।। आरक्षण .....
R.V. Chittrangad
लेखक चित्रांगद मिश्र करता हूं अनुरोध आज मैं, भारत की सरकार से, प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से… वरना रेल पटरियों पर जो, फैला आज तमाशा है, जाट आन्दोलन से फैली, चारों ओर निराशा है… अगला कदम पंजाबी बैठेंगे, महाविकट हड़ताल पर, महाराष्ट्र में प्रबल मराठा, चढ़ जाएंगे भाल पर… राजपूत भी मचल उठेंगे, भुजबल के हथियार से, प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से… निर्धन ब्राम्हण वंश, एक दिन परशुराम बन जाएगा, अपने ही घर के दीपक से, अपना घर जल जाएगा… भड़क उठा गृह युद्ध अगर, भूकम्प भयानक आएगा, आरक्षण वादी नेताओं का, सर्वस्व मिटाके जाएगा… अभी सम्भल जाओ मित्रों, इस स्वार्थ भरे व्यापार से, प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से… जातिवाद की नहीं, समस्या मात्र गरीबी वाद है, जो सवर्ण है पर गरीब है, उनका क्या अपराध है… कुचले दबे लोग जिनके, घर मे न चूल्हा जलता है, भूखा बच्चा जिस कुटिया में, लोरी खाकर पलता है… समय आ गया है उनका, उत्थान कीजिए प्यार से, प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से… आरक्षण
राजेश कुमार बी.जी
आरक्षण इस धरा पर इस देश में तुम्हारी तरह ही जन्मे हैं सब हवा,पानी,जमीन और आसमान में बराबर के हकदार हैं सब फिर क्यों आरक्षित थी शिक्षा सिर्फ हजारों वर्ष तुम्हारे लिए रहे शासक तुम्हारे रहे आरक्षित अवसर तुम्हारे अधिकार क्या थे हमारे लिए हजारों वर्ष हमें नंगे पांव कांटो में है दौढा़या साफ समतल पर खुद दौढे़ और जीत को प्रतिभा बताते रहे किसने, कब रोकी राह प्रतिभा की क्यों एक के बाद एक विदेशी ये देश चलाते रहे फिर भी हम बराबर लडे़ उदम सिंह जान लुटाते रहे जब संविधान लिखा मैदान खाली था और मैदान आज भी खाली है बना लो वैक्सीन कोरोना की मिल जुल कर कदम बढाओ कुछ तुम बढो़,कुछ हम बढे़ तब ये देश आगे बढे़ ...राजेश बडगुज्जर आरक्षण