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Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777

हे राष्ट्रगान के नायक #RABINDRANATHTAGORE

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शीर्षक-राष्ट्रगान के नायक

हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ
मैं राष्ट्र गीत तुम्हारे गाता हूँ
दिया जो भारत को राष्ट्रगान,
याद उसे फिर मैं करता हूँ
हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |1|

दी पहचान इस भारत को
हे जन गण मन के नायक
आव्हान तुम्हारा करता हूँ
हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |2|

भारत की संस्कृति,सभ्यता से गहरा नाता है
किया दौरा विश्व का फिर भी कोई न भाता है
दिलाई एक नई पहचान भारत को विश्व मे,
हर भारतीये जन गण मन गण गीत गाता है |3 |

हे देवेंद्र के लाल,तुम हो शान-ऐ-बंगाल
बंगाल प्रान्त की तुम हो शान 
भारत देश की हो तुम पहचान 
लिखा जो राष्ट्रगान आपने वही मैं गाया करता हूँ
हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |4|

रचनाकार-अरुण चक्रवर्ती

©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 हे राष्ट्रगान के नायक
#RABINDRANATHTAGORE

Kunal Salve

जिवलग,काळीज,हृदय, श्वास,प्रिय हे शब्द सारे वाऱ्यावर सोड ! #माणूस #हृदय

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पुढं होणारा त्रास जर टाळायचा असेल तर 
तु फक्त मला "माणूस" समज ! जिवलग,काळीज,हृदय, श्वास,प्रिय हे शब्द सारे वाऱ्यावर सोड ! 
#माणूस
#हृदय

Hightech Hindi Youtube Channel

नाटक

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आधे-अधूरे 


🙉🙊🙈 नाटक

Vrishali G

नाटक

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जीवनाच्या नाटकात
 सहभाग सगळ्यांचा असतो 
पण आपली भुमिका नाही वठली तर सारा तमाशा होऊन जातो नाटक

Arora PR

नाटक #कविता

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अज़नबी किताब

नाटक..

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नाटक.. 
रंगमंच... 
कलाकार... 
कला... 
दर्शक.. 
कुछ ऐसा हुआ, 
में रंगमंच पे खड़ी थी, 
और मेरी कला मेरा हाथ थामे |
दर्शक मेरी कला से मुझे पहचानते थे.. 
क्या खूब कला थी, 
खुदा की देख हुआ करती थी |
एक बार बोली बात, 
में जमी को ख़त्म हो ने पर भी निभाती थी, 
कला थी.. 
वचन निभाने की, 
नाटक बन गयी.. 
रंगमंच पे उस खुदा के, 
में आज एक कटपुतली बन गयी...
वचन निभाती नहीं, 
ऐसा सुना है मेने, 
दर्शकों से |
क्या कहु, 
कला खो गयी, 
पर ये कला उनके लिए कायम है,
जो सही में आज भी वचन को समझते है |
कला खुदा की देन होती है, 
खुदा भी ख़ुश होते होंगे मेरे वचन ना निभाने से.. 

-अज़नबी किताब नाटक..
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