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seema komre
गिली मिट्टी के भाँति नम हूँ, तपकर पकने दे अगर है तुझमे कोई वास्विक कला तो ए कुम्भकार मेरी रूह की भी कायाकल्प कर दे। ©shital komre गिली#मिट्टी #letter
- Arun Aarya
तुम्हारे आने से थोड़ी हुई है , ग़मो में कुछ तब्दीली हुई है ! होंठ मुस्कुराने लगे तुम्हें देखकर ,, तो आँखे मेरी ख़ुशी से गिली हुई है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #Qala #गिली हुई है
Anushka Sharma
याद हैं वो मिट्टी की खुशबु वो गलियारे गाँव के जंहा बचपन बीता था हमारा क्या याद हैं वो मिट्टी के घरौंदे क्या याद हैं वो किसान वृद्ध या भूल गए वो बचपन के दिन या भूल गए वो गिली मिट्टी सा बचपन #मिट्टी गिली मिट्टी सा बचपन
Shayar Rohit
Anuradha Vishwakarma
गिली मिट्टी सा है मन मेरा तेरे रंग में रंग जाये जिया मेरा, थाम लो आकर हाथ मेरा मिट्टी में ना मिल जाए तन मेरा, एक तेरी खवाहिश हैं न जाने ये कैसी तपिस हैं गिली मिट्टी सा है मन मेरा तेरे रंग में रंग जाये जिया मेरा, थाम लो आकर हाथ मेरा मिट्टी में ना मिल जाए तन मेरा, एक तेरी खवाहिश हैं न जा
Sethi Ji
बचपन के सपने बच्चे उतने ही, समझदार और जुझारू बनते है जितना माँ बाप, उनको सिखाते और प्रोत्साहत करते है #बचपन 🌼🌼🌼 बच्चे गिली मिट्ठी होते है, माँ बाप उनको आकार देते है ।। #बच्चे #मन #सच्चे #यादें #परिवार #कहानी #nojoto #nojotohindi #poetryon
Poonam Singh
बच्चे गिली मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें जिस भी आकार में ढालेंगे वो ढल जायेंगे, अगर कोई व्यक्ति बच्चों को नफरत भरी कड़वाहट के सांचे में ढा़ल रहा है, अर्थात वो एक गोला तैयार कर रहा है। #शाहीनबाग #जयहिंद #जय भारत #Desh_ke_liye बच्चे गिली मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें जिस भी आकार में ढालेंगे वो ढल जायेंगे, अगर कोई व्यक्ति बच्चों को नफरत भरी कड़वाह
yogesh atmaram ambawale
पतझड लगी है इस दिल मे, उनके जाने से, बहारो का मौसम आया था कभी जीवन मे जिनके आने से. अब तो बेवफाई की हवा कुछ इस कदर चली, के दिल से उनकी यादो के पत्ते गिर रहे है, और आंखे हो रही है गिली. एक पतझड़ बाहर है तो एक अंदर। #पतझड़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #पतझड़ #yqdidi #collab #yqhindi पतझड
सुसि ग़ाफ़िल
मैं ले आया एक सरसों का फूल तेरे लिए 🌻 कभी तुम सरसों के फूलों की तरह बिखरेना मेरे चेहरे पर जुल्फें जब - जब इन फूलों ने स्पर्श किया छोड़ गए अपना रस मेरे चेहरे पर
Alok Agarwal
तुझसे कच्ची मीठी सारी अपनी क़समें तोड़ चला प्रीत के गीत को छोड़ अधूरा अब मैं पन्ने मोड़ चला ( गीत अनुशीर्षक में ) || गीत || तुझसे कच्ची मीठी सारी अपनी क़समें तोड़ चला प्रीत के गीत को छोड़ अधूरा अब मैं पन्ने मोड़ चला मंज़िल के इन राहो