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Ravendra

जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट के शिकायत प्रकोष्ठ का किया निरीक्षण 

बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कलेक्ट्रेट स्थित शिकायत प्रकोष्ठ का आकस्मिक

जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट के शिकायत प्रकोष्ठ का किया निरीक्षण बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कलेक्ट्रेट स्थित शिकायत प्रकोष्ठ का आकस्मिक #न्यूज़

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Vibha Katare

" सर्वनाम का अत्याधिक प्रयोग व्यर्थ भ्रम की उत्पत्ति का कारक होता है । जहाँ संज्ञा आवश्यक है वहाँ सर्वनाम को आराम ही करने दीजिये । "
                                 - सर्वनामों से त्रस्त एक संज्ञा

सर्वनाम की सम्पूर्ण व्यथा और कथा अनुशीर्षक में पढ़िए। संभवतः आदिकाल में जब प्रकृति विभिन्न स्तरों पर सृजनरत थी, तब भाव और संवादों की नवकोपल भी भाषा रूपी तरु के उद्भव की ओर अग्रसर रही होंगी और सं

संभवतः आदिकाल में जब प्रकृति विभिन्न स्तरों पर सृजनरत थी, तब भाव और संवादों की नवकोपल भी भाषा रूपी तरु के उद्भव की ओर अग्रसर रही होंगी और सं #yqdidi #hinditales #व्याकरण #Rant #संज्ञा #सर्वनाम #भाषाज्ञान

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Bhaskar Anand

दीवाली हमेशा से ही स्याह और काली रही है, इस बार भी कुछ अलग नहीं है। अमावस्या सैदव की तरह ऊर्जावान है और तटस्थ भी। मगर सदैव प्रकाश और उत्साह

दीवाली हमेशा से ही स्याह और काली रही है, इस बार भी कुछ अलग नहीं है। अमावस्या सैदव की तरह ऊर्जावान है और तटस्थ भी। मगर सदैव प्रकाश और उत्साह

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Bhaskar Anand

दीवाली,माँ और मैं दीवाली हमेशा से ही स्याह और काली रही है, इस बार भी कुछ अलग नहीं है। अमावस्या सैदव की तरह ऊर्जावान है और तटस्थ भी। मगर सदैव

दीवाली,माँ और मैं दीवाली हमेशा से ही स्याह और काली रही है, इस बार भी कुछ अलग नहीं है। अमावस्या सैदव की तरह ऊर्जावान है और तटस्थ भी। मगर सदैव

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Nidhi''नन्ही क़लम''

विभिन्न रंगोसे तस्वीर मुक़म्मल हुई,
ख्वाहिश-ए-दिलमें तबभी ख़लल हुई।
दामन था पाक़, सिलवटे भी क़ुछ नटखट-सी,
कतरा-ए-इश्क़, नीलाम-ए-तिफ्ल़ हुई ।Nidhi #विभिन्न #nanhikalam
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Shesh Bahadur Maurya

जीवन के विभिन्न पल

जीवन के विभिन्न पल

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Amit Singhal "Aseemit"

जब मस्तिष्क में विभिन्न विचारों की उपस्थिति हो जाए सघन,
शांत स्वस्थ मन से बैठकर आप कीजिए चिंतन और मंथन।
कुछ अनैच्छिक और दूषित विचारों का तुरंत कीजिए परित्याग,
मन को प्रफुल्लित करने वाले क्रिया कलापों में लीजिए भाग।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #जब #मस्तिष्क #में #विभिन्न
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Som Sangeet

कला के विभिन्न रूप

©Som Sangeet कलाकारी के विभिन्न रंग

कलाकारी के विभिन्न रंग

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Som Sangeet

गेंदे के विभिन्न रूप

©Som Sangeet प्रकृति के विभिन्न रंग

प्रकृति के विभिन्न रंग

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लव जाट महकमा

😳जिसके स्तनो को देख कर हैवानियत।😳
😡वाला तूने जो काम किया।।😡
😕उन्ही से तेरी माँ के प्यार ने ।😔
😷तुझे इतना बड़ा किया कुछ तो शर्म कर।।😷
👺ए इंसान👺 #stopacidattack स्तनों।।

#stopacidattack स्तनों।। #विचार

10 Love

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Pooja Udeshi

जैसे 5 उंगलिया बराबर नहीं होती वैसे ही इंसान
भी अलग अलग दिखते हैं, अलग अलग प्रवित्ती
के होते हैं, भगवान ने इंसान को बनाया, इंसान ने
खुद को अच्छा याँ बुरा बनाया, कई लोग अच्छे काम
कर खुश होते हैं पर कई लोग किसी का बुरा कर
चोरी कर,गलत काम कर खुश होते हैं वो अपने आप
को ऐसा ही बना लेते हैं, समाज मे ऐसे लोगो से सब परे ही रहना चाहते हैं क्यों कि गलत काम का फल
बुरा ही होता हैं ये बात इंसान तब जानता हैं जब ठोकर खाता हैं, कई बार भावनाओ मे बह कर अच्छा
इंसान भी पाप कर देता हैं उसे अपनी इन्द्रियों पर
control नहीं रह पाता, इसलिए लोग meditaion करते हैं  अपने मन आत्मा को शांत करने की खातिर
आप अच्छे हों अच्छे ही बने रहो दुनियां की मत सुनो
और आगे बड़ते जाओ, बुरे लोग टिक नहीं पाते और
अच्छे लोग जीते जी या मर कर भी जन्नत पा लेते हैं
वो चैन से मरते हैं क्यों की उन्होने कभी किसी का बुरा नहीं
किया तो उनकी आत्मा भी प्रसन्न हैं और उन्हे मरने का भी कोई खोफ नहीं होता ये fact बात हैं आजमाँ कर देखना!

©POOJA UDESHI विभिन्न प्रकार के लोग 

#ZeroDiscrimination

विभिन्न प्रकार के लोग #ZeroDiscrimination

53 Love

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Ali Shamir Ali

 हमारे देश के विभिन्न सड़क

हमारे देश के विभिन्न सड़क

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Ek villain

हमारी शिक्षा में हमें आधुनिक जगत में जीने के लिए तैयार किया परंतु हमारी अपनी परंपरा के बारे में बहुत कम ही सिखाया इन्हें हमने घर पर जाना यह कथन भले ही इस पुस्तक में लेखक दिए अमीषा और भाव राय के हो परंतु अधिकांश लोग इससे सहमत हो सकते हैं लेखक का यह मानना है कि भारत एकमात्र पूर्व कांस्य युग की सभ्यता की ओर हम अभी भी जीवित हैं परंतु का सहयोग की शेष सभी सभ्यता मृत हो चुकी है और बस अब संग्रहालय व शिक्षक संस्थाओं की दीवारों के अंदर भी जान खेलों के रूप में ही विद्यमान है हमारे लिए सबसे ज्यादा अनमोल हमारी संस्कृति ही है और हमारे पूर्वजों ने उसे बड़ी मुश्किल से से जलता हुआ जीवित रखा है ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पुस्तक उन अनेक पुस्तकों में पहली है जिनमें भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर आधुनिक परिसंघ और जीवनशैली के साथ चर्चा की गई है लेखक देने इसे कथन किताबों की आम आधुनिक शैली नहीं अपनाया है जिन्होंने एक परिकल्पना और अपने आकार दिया जाता है बल्कि इस पुस्तक में लेखक जाएं ने भारतीय उपनिषद की प्राचीन शैली को अपनाया है जो विभिन्न पक्षों को सामने रखती हैं साथ ही प्रयास भी किया है कि इन दृष्टिकोण से कोई सबक ना निकले बस संकेत रहे ताकि पाठक स्वयं अपनी सोच का निर्माण कर सकें बस दुख में 8 अध्याय हैं जिनमें से कुछ शीर्ष पर कार्यक्रम आखिरी है स्वाध्याय नाम धर्म ईश्वर का बोझ अपने मन की सुने नर्मदा की निष्ठा पर फिसलना भारी

©Ek villain # भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलू

#humantouch

# भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलू #humantouch #Society

13 Love

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poonam maurya

किसी के पैरों की झंकार 
आवाज़ देती हैं उठने को 
लेकिन किसी के पायल के मध्दिम स्वर 
मन को भीतर तक कैद कर लेते है । # स्वरों की भिन्नता #

# स्वरों की भिन्नता #

6 Love

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Upendra Dubey

श्रमिक दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन।

श्रमिक दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन। #जानकारी

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Dr.Rajeshwari Yadav

#वैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरण lDinesh Yadav

#वैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरण lDinesh Yadav #Knowledge

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USM Blogs

पूछो खामोश सितारों से ज़रा
बुलन्दियों से ये जलते क्यों है
pucho khamosh sitaro se zra
bulndiyo se ye jalte kyu ha #सितारों
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Parasram Arora

आश्चर्य  होता है मुझे
ज़ब लोगो क़ो  मै हँसता हुआ  देखता हूँ
जबकि मै  कभी हँस नहीं पाया
क्योंकि मै नहीं जानता मेरी हंसी का
स्त्रोत कहा है  लेकिन मै अपने रुदन का स्त्रोत तो
ढूंड चुका हूँ  जो कूट कूट  कर भरा है. मेरी जज़्बाती. कोशिकाओं मे
इसिलए मुझे आज तक नहीं देखा. किसी ने
भी हंसते  हुए

©Parasram Arora
  स्त्रोत

स्त्रोत #कविता

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Sharma general store Kachhawa

# स्त्रोत

# स्त्रोत #कविता

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Sharma general store Kachhawa

# स्त्रोत

# स्त्रोत #न्यूज़

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Aditya Kumar Bharti

हमने चाँद पे लिखा
हमने तारों पे लिखा
हमने एक पे लिखा
हमने हजारों पे लिखा
हमने दिल पे लिखा
हमने दिल के मारों पे लिखा
हमने वफा पे लिखा
हमने गद्दारों पे लिखा
हमने हुश्न पे लिखा
हमने अदाकारों पे लिखा
हमने आफताब पे लिखा
हमने सितारों पे लिखा
हमने कलम पे लिखा
हमने तलवारों पे लिखा
हमने निर्दोष पे लिखा
हमने गुनहगारों पे लिखा
हमने खबर पे लिखा
हमने अखबारों पे लिखा
हमने कविता पे लिखा
हमने गीतकारों पे लिखा
हमने खुदा पे लिखा
हमने हत्यारों पे लिखा
हमने खिलाड़ी पे लिखा
हमने कलमकारों पे लिखा
हमने मौसम पे लिखा
हमने बहारों पे लिखा
हमने जुल्फ पे लिखा
हमने इशारों पे लिखा 
हमने हुनर पे लिखा
हमने फनकारों पे  लिखा
हमने नेता पे लिखा
हमने कलाकारों पे लिखा
हमने मृत्यु पे लिखा
हमने त्यौहारों पे लिखा
हमने दुश्मन पे लिखा
हमने यारों पे लिखा
अब तुम ही बताओ मेरे तरफदारों
हमने किन किन किरदारों पे लिखा

आदित्य कुमार भारती #Various subjects in writing#लेखन के विभिन्न विषय

#Various subjects in writingलेखन के विभिन्न विषय

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Ek villain

परंपराओं का प्रत्येक समाज में महत्व होता है जीवन के विभिन्न पहलुओं के निर्माण पर परंपरा का अंतर्निहित योगदान रहता है सामान्यता हम परंपरा और रूढ़ियों को एक ही मानकर रूढ़ियों का विरोध करते हैं और समझते हैं कि हम परंपरा का विरोध कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं होता ऐसा इसलिए क्योंकि परंपरा तो समय के साथ परिवर्तित होती रहती है यह हमें रूढ़ियों का विरोध करने के लिए प्रेरित करती है परंपरा किसी व्यवस्था विशेष का पीढ़ियों से चला आना होता है

©Ek villain
  परंपरा भी समाज का एक विभिन्न हिस्सा है

परंपरा भी समाज का एक विभिन्न हिस्सा है #Society

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Shubham Bhardwaj

सितारों की महफिल में,यह दिल अकेला सा है।
यह चाँद मायूस है या तलाश अभी बाकी है चाँदनी की।।

©Shubham Bhardwaj
  सितारों#सितारों#महफिल#चाँद#चाँदनी#तलाश

सितारोंसितारोंमहफिलचाँदचाँदनीतलाश #शायरी

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Shubham Bhardwaj

सितारों से आगे कोई जहां तो होगा।
जन्नत सा खूबसूरत कोई समां तो होगा।।
धरती और आसमां का मिलन हो जाये अगर,
कुदरत का फिर कोई करिश्मा ही तो होगा।।

©Shubham Bhardwaj
  सितारों#सितारों#आगे#जहां#धरती#आसमां#मिलन

सितारोंसितारोंआगेजहांधरतीआसमांमिलन #लव

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Suman Zaniyan

मकां से आ रही मौत की बू
रस्तों पे लाशें बिछाई जा रही है रस्तों पे

रस्तों पे

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