ये पुरखों की हवेली आज भी राह देखती है कि मैं लौट कर जाऊँ,
कभी दुल्हन सी सजने वाली ये हवेली आज किसी बेवा सी अकेली खड़ी है....
किले के इस हिस्
read more
Somya Baranwal
चाय जिसके बिना हमारे देश में ना दिन की शुरुआत होती है ना ही शाम ढलती है तो एक poetry चाय के लिए,
माँ का सुबह की शुरुआत होते ही सबके लिए चा #Tea#chai#tealover#chailover#yourquotedidi
read more
A J
बहुत समय पहले एक मूवी देखी थी जिसमें तकिया कलाम
था ब्यूटी विद ब्रेन
लाइन सुनने में अच्छी लगी
और जैसे हादसे नही भूलते मानस पटल पर अंकित हो ग