#ग़ज़ल ( एक मतला दो शेअर)
______ #अरशद अंसारी के क़लम से
#मापनी : २१२२/११२२/११२२/२२
बाद मुद्दत के तेरे गम से मैं बाहर निकला
जबकि सरमाय ए इ #शायरी#स्वरचित
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SUNIL SAXENA SIWAN
#Utilise_Lockdown
एक ग़ज़ल - एक मशवरा
बेवजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है ,
मौत से आंख मिलाने की ज़रूरत क्या है |
सबको मालूम है बाहर की ह