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Kamlendra Singh Chouhan 04
बनना है तो ऐसा बन कि तू उस पद पर रहे या ना रहे पर लोग तुम्हें उसी नाम से याद रखें। #नेताजी_सुभाष_चन्द्र_बोस #नेताजी
ये है इतिहास
वर्ष 1938 हरिपुरा अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रीय नियोजन समिति का गठन किया जिसके अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू बने सुभाष चंद्र बोस द्वारा हिंदी भाषा के लिए रोमन लिपि लागू करने की वकालत भी की गई थी। ©ये है इतिहास नेताजी
ये है इतिहास
1939 के त्रिपुरी अधिवेशन में कार्यकारिणी के गठन के प्रश्न पर गांधी जी से नेताजी का विवाद हो जाने के कारण नेताजी ने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया उसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष बनाया। ©ये है इतिहास #नेताजी
ये है इतिहास
सुबह से पहले अँधेरी घडी अवश्य आती है। बहादुर बनो और संघर्ष जारी रखो , क्योंकि स्वतंत्रता निकट है। :-सुभाषचंद्र बोस ©ये है इतिहास #नेताजी
ये है इतिहास
परीक्षा का समय निकट देख कर हम बहुत घबराते हैं। लेकिन एक बार भी यह नहीं सोचते कि जीवन का प्रत्येक पल परीक्षा का है। यह परीक्षा ईश्वर और धर्म के प्रति है। स्कूल की परीक्षा तो दो दिन की है, परन्तु जीवन की परीक्षा तो अनंत काल के लिए देनी होगी। उसका फल हमें जन्म-जन्मान्तर तक भोगना पड़ेगा। ©ये है इतिहास #नेताजी
दीपेश
राजनीति जब नाम नीति है यहां नियति का काम नहीं हर कुनबे की अलग नियत है नीति एक आसान नहीं एक नीति में बारह बिंदू अपना अपना देखो मुस्लिम हिंदू यह एक पेड़ की लकड़ी सी कुछ लाभ हानि में जकड़ी सी कोई कहे बनाओ घर तो कोई जला मिटाए ठंडी और विधाता ने ही मौसम जब गरम और ठंड बनाए है तब नेता जो महा निपुण है सब लाभ हानि गिनवाए है नही दोष देता मैं उसको जो सहस शीश उपजाए है कितना संगम धैर्य लिए जो सबको नाच नचाए है तुझे रोशनी उसको छाया ऐसी टार्च जलाए है ©दीपेश #नेताजी
Harsh Goel
है समय नदी की बाड़ की जिसमे सब बह जाया करते हैं है समय बड़ा बलवान की पर्वत भी झुक जाया करते हैं अक्सर दुनिया के लोग समय के फेर के चक्कर खाया करते हैं पर होते है कुछ लोग जो इतिहास बनाया करते है। उस वीर की बस इतनी सी ये कहानी है रक्त कणों से लिखी जय हिन्द की ये निशानी है। खून बहे आज़ादी मिल केहनेवाला सेनानी थे अंग्रेजो को अपनी धुन पर नाच नचाए थे तोड़ पिंजरा जो तोते सा बेदाग गया जनवरी माह इकतालीस मच गया शोर वह भाग गया। कहा गए कहा रहे धूमिल रही कहानी है उनकी ये कथा हमने आजाद हिंद से जानी है #नेताजी
Prithvi Club
जागो हे भारत मां के वीरों अब वो समय नहीं रहा अब तो अपने ही दुश्मन है गौरों का जमाना गया अब आए हैं टोपी वाले दिल है जिनके काले काले जेब भरने से इनको काम राजनीति होती बदनाम असली दुश्मन तो ये है खुन गरीबों का पीते हैं तब जाकर ये जीते हैं किसी का बेटा मरे या बेटी इनको तो भरनी है पेटी चाहे कितने मरे जवान किसान इन तक ना पहुंचे फरमान मगरमच्छ के आंसू रोते , जब कहीं चुनाव है होते फिर भी मेरा देश महान 🚩🇮🇳जय जवान जय किसान🇮🇳🚩 ©Prithvi Club #नेताजी