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shayar HR
दिखने में सिंपल-सोबर, अपनी ही मस्ती में मस्त, सूक्ष्म-जीव विज्ञान पढ़ने वाली एक प्यारी सी लड़की । चलो लगे हाथ इनका भी नामकरण कर देते हैं “V” . “V” पहली बार जब “H” की क्लास में आती हैं, अपना “H” जो सूचना प्रौद्योगिकी का छात्र हैं पर ये बात अलग हैं कि उसे कोई भी सूचना एक बार में समझ आई हो । अपनी क्लास की आखरी बैंच पर दोस्तों के साथ पंचायत करता नज़र आता हैं । "V" वहाँ आती हैं अपनी बचपन की सेहली जो “H” की सहपाठी हैं उससे मिलकर, कुछ देर बात कर के वो वहाँ से चली जाती हैं दूसरे शब्दों में कहे तो ये "H" और "V" से पहली अनौपचारिक मुलाकात थी । रुकिए-रुकिए जरा अपने दिमाक के घोड़े इतने तेज़ भी न चलाइये आप जैसा सोच रहे हैं ये वो किरदार नहीं हैं जिसकी तलाश “H” को, मुझे या आप सब को हैं अभी वो वक़्त आने में कुछ वक़्त हैं । उससे पहले कॉलेज वाली लड़की "V" से रूबरू होते हैं । HR The Untold Story Page No. 4 *सूक्ष्म जीव विज्ञान = microbiology *सूचना प्रौद्योगिकी = Information Technology FB - Apni kalam se HR #HRt
Bhupendra Rawat
हर सच्ची दिखने वाली मोहब्बत हमेशा नही होती सच्ची क्योंकि उसमें भरी जाती है मनघड़ंत कहानियां, और लगाया जाता है झूठे वादों की बौछारो का तड़का, उसमे सबसे प्रथम श्रेणी में आता है आसमां से चाँद-तारे तोड़ लाना, जो आजतक संभव नही कर पाए बड़े बड़े विद्वान वैज्ञानिक। ये झूठे वादें खा जाते है रिश्ते उस सूक्ष्म जीव (दीमक) की भांति जो विशाल से दिखने वाले वृक्ष की जड़ों को कर देते है खोखला। मात्र रह जाता है तुच्छ बाहरी अस्तित्व, जिसे अपने साथ उड़ा ले जाता है हवा का एक झोंखा ©Bhupendra Rawat हर सच्ची दिखने वाली मोहब्बत हमेशा नही होती सच्ची क्योंकि उसमें भरी जाती है मनघड़ंत कहानियां, और लगाया जाता है झूठे वादों की बौछारो का तड़का
Anamika Nautiyal
सुई से लेकर तलवार सूक्ष्मजीव से बहुकोशिक जान इस धरा की हर एक वस्तु में उपस्थित विज्ञान Read in caption फरवरी 28 का यह दिन है बड़ा खास जब दुनिया ने भारतीयों की विद्वता का लोहा माना था आज का ही दिन था सर सी वी रमन ने दुनिया को जब रमन प्रभाव से
kavi manish mann
यहां हजारों शायर हैं जो तख्त बदलने निकलें हैं, कुछ मेरे जैसे पागल हैं जो वक्त बदलनें निकलें हैं। हिमखंडों की वर्षा हो या आए आंँधी तूफ़ान। नाव सी कंपित भूतल हो या आए शत्रु शैतान। हिमाद्रि की चोटी पे पहुंँचकर कर्तव्य निर्वाह करते हैं। शत्
Parasram Arora
खिल पाया तभी तो खुल पाया वो सूक्ष्म सा मै दिव्या चेतना के आलोक से जब सी लिया मैने जंग खाई हठीली वृतियो का छिद्र बंद कर पाया आँख का बाहरी आवरण औऱ खुल गया जब भीतरी आँख का आलोक वो सूक्ष्म सा मै
vishal patil
एक तुझ्यासाठी जिव माझा जळतो,नेहमीच हा फ़क्त तुझ्यामागे पळतो,तुला बघण्यासाठी नेहमीच वळतो, आणि एक तुला मिळवण्यासाठी रात्री एकट्यात रडतो... 🦋🦋🦋 -विशु... जीव...
its.vedee
मनाला ज्याची तक्रार आहे, त्याचावरचं जीव आहे; माना की, घाव पण तोच, वेदनेवर फुंकर पण तोच! ... ©its.vedee जीव