Find the Latest Status about मुद्रा रक्षक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मुद्रा रक्षक.
नशीली कलम
Zindagi quotes ये वक़्त किसी का सगा नही है नशीली कलम मेने उन नोटो को भी बाज़ार में पड़े देखा है जो एक समय पुरा बाज़ार खरीदने की औकात रखते थे Baldev pandey #NojotoQuote भरतीय मुद्रा
Phool Singh
ध्यान मुद्रा स्वयं की खोज ही आत्मज्ञान कहलाती, सत्य का कराती बोध एक बिंदु पर ध्यान लगाओ तो जानों क्या झूठ-सच में भेद।। मीन की आँख बने केंद्र बिंदु जब, माया-छाया न टिकती देर अंकुर फूटता तब ज्ञान प्रकाश का निर्माण ब्रह्माण्ड का होता देख।। ज्ञान पाने के होते दो ही रास्ते, गुरू से या खुद से सीखते देख पर सच्चा ज्ञान तुम्हे खुद ही मिलेगा तेरी जो खुद से कराता भेट।। कट जाओगे तब जग-संसार से, जब स्वयं को अंतर्ध्यान में खोते देख प्रकाशित होगा तन-मन ज्ञान से तो पाओ विभिन्नता में सत्ता एक।। धुल जायेगा मैल दिल से, हृदय में दोष न रहेगा एक निर्मल-निश्छल जीवन होगा तब कष्ट न रहेगा एक।। कोई न वस्तु अप्राप्तय होगी, हर पल प्रशंसा-प्रसिद्धि में बढ़ोत्तरी देख जग जीवन से मन ऊब जायेगा स्वयं को तब ध्यान में डूबा देख।। ©Phool Singh ध्यान मुद्रा
मुकेश कुमार व्यास
*( मेरी नई रचना "*रक्षक*" *सभी सच्चे सेवको को सादर समर्पित है, जो कि कोरोना की जंग में दिल जान से लगे हुए है।* जिंदगी की जद्दोजहद में, सेवाभाव से लगे, मैं हर उस रक्षक व सेवक को सलाम करता हूँ। आज की मेरी कविता, सभी सच्चे रक्षक व सिपहलार के नाम करता हूँ। जो रक्षक है, वो राष्ट्र की रक्षा ही करेगा। कर्तव्य पथ पर निश्चल,अटल, संग्राम वह लड़ेगा। जान की बाजी लिए हाथ, मेडिकल स्टाप हँसकर लड़ता है। चाहे पुलिस प्रशासन, चिकित्सकीय स्टाफ, या सेना का जवान हो, मौत से नही डरता है। नर्स हो, डाक्टर हो ,पुलिस,और पत्रकार, जान हथेली पर धरता है। स्वयं सेवक हो व सफाईकर्मी, डटकर मुसीबतों से लड़ता है। मैदान ए जंग कोरोना में लगे, हर सच्चे सेवक का, मैं दिल से सम्मान करता हु। आज की मेरी कविता, मेरे सभी रक्षक व सिपहलार के नाम करता हूँ। घर से निकलकर, छोड़कर, समाज व परिवार को, राष्ट्रभक्ति का जज्बा हो, और जीत का हो हौंसला, हरकदम, वो अविराम, निरंतर दौड़ता, ऐसे कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ, देशभक्त, सेवक का ऋणी होकर, मैं दिल से सलाम करता हु। आज की मेरी कविता, मेरे सभी सच्चे रक्षक व सिपहलार के नाम करता हूँ। *कवि एवम लेखक* *मुकेश कुमार व्यास* *"स्नेहिल"* अहमदाबाद, गाँधीनगर गुजरात 91+ 9374569132 9429451232 *कॉपीराइट* #रक्षक
Narendra Gupta
"रक्षक देश के" क्यों स्टूडेंट काट रहे है पत्ता ना जाने क्यों नही जाते स्कूल खाते है गुटका, पीते है दारू पर कहलाते रक्षक देश के|| थिएटर है जिनका स्कूल सिनेमा हॉल हो उनका क्लास दुश्मन हो जिनका क़िताब फिर भी कहलाते रक्षक देश के|| रहते हमेशा दूसरे मिज़ाज उनके पिता को पुरा हिसाब पर न करते उनसे सवाल फिर भी कहते बने तु नवाब|| रक्षक देश के #रक्षक#देश