बिन पतझड़ गिरने लगी हैं पत्तियाँ अब साख से ,
हिचकियों का दोष क्या जब चली कटारी आँख से,
मिलने और बिछड़ने का भी एक सिलसिला जारी था,
तिलक कर लि #nojotophoto
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Sumeer Bhati
तेरे गली कूचों की महक ,घुल के आई है।
एक ख़बर तेरे शहर से आई है।
ये गुज़रे ज़माने की बात है।
'वाट्सऐप' की दुनिया में मुझे ,चिट्ठियों की याद #Whatsapp#letters#paper#Life_experience