Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मनीष Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मनीष from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मनीष.

    PopularLatestVideo

Manish Goutham (Prem)

मजबूत आदमी अपनी ही कमजोरियों को
बार बार चुनोती देता है।

कमजोर आदमी अपनी ही कमजोरियों को
बार बार छुपाता है ।।

©Manish Goutham (Prem) #आदमी #मजबूत #कमजोर #हालात #मनीष #मनीष_गौतम

Manish Goutham (Prem)

लोग आपकी कदर तभी करेंगे 
जब आप उन्ही की तरह
अनदेखा करना सीख जाओगे

©Manish Goutham (Prem) #लोग #अनदेखा #सिख #टाइम #मनीष #मनीष_गौतम

manav raj(मानव)

मनीषपाल सिंह (मानव)

read more
जिनकी राहों में हम अक्सर जलाते थे दीये उनको है तकलीफ़ मेरे घर  की रोशनी से "मानव" मनीषपाल सिंह (मानव)

Manish Goutham (Prem)

जिसे "मैं" की हवा लगी

फिर उसे न दवा लगी, न दुआ लगी

©Manish Goutham (Prem) #मैं #घमंड #मनीषगौतम

manav raj(मानव)

मनीषपाल सिंह (मानव) #शायरी

read more
हाँ में यूं ही गुनगुनाता हूं यारों अपने नगमे खुद को ही सुनाता हु यारों अपनी हर नज्म  को दिल के दराजो में बढे क़रीने से सजाकर, फिर होल से परदे गिराता हूँ यारों हाँ में यूं ही गुनगुनाता हूँ यारों मनीषपाल सिंह (मानव)

Kamlesh Salvi

अगर इसी तरह रेप होती रही बेटीयां तो,
वो दिन दूर नहीं जब मां अपनी कोख से बेटी को जन्म देने से डरेगी...
सुधर जा ए इंसान...
वरना वरना मां कहां से लाएगा, किसके ज़रिए तू खु़द इस दुनिया में आएगा ।।

©Kamlesh Salvi #मनीषा_को_न्याय_दो #manishavalmiki #girls #Betiyan

kavi manish mann

साहब हमारे वास्ते अब कुछ न कीजिए।
हमको हमारे हाल पर बस छोड़ दीजिए। #मौर्यवंशी_मनीष_मन #मनीष_मन

manav raj(मानव)

मनीषपाल सिंह(मानव)

read more
मेरे दिल से निकलकर जो पहुचे तेरे दिल तक
बात वही है बाकी सब बक़वास हे। मनीषपाल सिंह(मानव)

manav raj(मानव)

मनीषपाल सिंह(मानव)..

read more
जिसे तलाश किया ताउम्र हमने 
"वो"
सुकूँ दर्द केमुहाने पे मिला। मनीषपाल सिंह(मानव)..

kavi manish mann

सुप्त थी  सारी धरा  बस, एक केवल  मैं जगा था।
मन में अगणित प्रश्न उठ,प्रति क्षण कोलाहल कर रहे थे।

नीर नयनों से निकल कर 
बाँह को मेरे भिगोते।
मन व्यथित था निज व्यथा पर 
फिर भला कैसे न रोते।
पूर्व से आती हवाएं,
थपकियाँ दे दे सुलातीं।
किंतु वो भी अश्रुओं को,
कब भला है रोक पातीं।

लोग बस दर्शक बने थे
पंख मेरे जल रहे थे।
सांत्वना के शब्द मुझको,बारी बारी छल रहे थे।
मन में अगणित प्रश्न उठ,प्रति क्षण कोलाहल कर रहे थे।

है निरर्थक ध्यान पूजा ,
जाप क्या मैं मान लूंँ अब।
साधना का फल मिलेगा,
श्राप क्या मैं मान लूंँ अब।
क्या अधर्मी ही करेंगे 
राज इस पावन धरा पर।
अब नहीं आयेंगे राघव,
आप क्या मैं मान लूंँ अब।

हम विचारों के नगर में,अनवरत यूंँ चल रहे थे।
मन में अगणित प्रश्न उठ,प्रति क्षण कोलाहल कर रहे थे। #मनीष_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile