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Axar pathak
Nitesh Jawa
पके पकाएं भोजन की लागत ज्यादा और उस भोजन के ताजा रहने की अवधि कम होती हैं ! राहत में भोजन बांटने से अच्छा होगा कि आप लोग एक छोटा राशन सामग्री का किट बांटे ! जो पके भोजन के मुकाबले ज्यादा अवधि तक चल सके व भोजन से कम लागत का होगा ! जिसमे करीब 10 से 15 दिन की जरूरी सामग्री आ जाएं और आपको रोज रोज बांटने की भी जरूरत नही होगी ! जनहित में जारी नितेश जावा राहत सामग्री
Ravindra Singh
'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की' न हुआ करो नाराज हमसे, चाहे भले ही दो चार बातें सुना लिया करो हमें। हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल, अगर बाहर से नहीं तो, अपने दिल से सुन लिया करो हमें। कहते हैं कि दिल की बातें दिल ही समझता है, होती हैं दफन इसकी बातें इसी में, इसी से सच्चा प्यार उपजता है। हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की होने पर नाराज उधड़वा तो मनाने पर तुम्हें , मन चाहा स्वेटर लिए अपने बुनवा लिया करो हमें। न हुआ करो नाराज हमसे, चाहे भले ही दो चार बातें, सुना लिया करो हमें। हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल, अगर बाहर से नहीं तो अपने दिल से सुन लिया करो हमें। ©Ravindra Singh 'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की...
Anamika
लाख लाओं बदलाव स्वभाव में, है पहनी हुई मैंने विश्वास की जैकेट... #स्वभाव#बदलाव #जैकेट #दोस्तीबंधननहीं #विश्वास #मित्रता #यारों_की_यारी #तूलिका
Sachin Pathak
शायरी बनाने की विधी। पतीले में थोड़ा सा ग़ालिब लें, अब उसमें मीर और गुलज़ार क पेस्ट डालें, दो -दो चम्मच आशिक़ी, और दर्द मिलाएं, अब थोड़ी देर तक शौहरत की आग पर रखें, और तब तक भूने, जब तक गुलाबी मोहब्बत भूरी न हो जाये। अब उसे तब तक ठंडा होने दे, जब तक गरीबी और लाचारी की खुशबु आने लगे। अब एक पैन में बेवफाई के तेल डालके गर्म करें, उसमे एक एक चम्मच राजा, रंक, फ़क़ीर, डालें। अब उसमें आंसुओं क छौंक दें। अब ये मिश्रण उपर की गरीबी के साथ मिलाएं, ली जिए आपकी ताजा ताजा शायरी तैयार है। शायरी की सामग्री और विधि।
Ravindra Singh
'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की' न हुआ करो नाराज हमसे, चाहे भले ही दो चार बातें सुना लिया करो हमें। हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल, अगर बाहर से नहीं तो, अपने दिल से सुन लिया करो हमें। कहते हैं कि दिल की बातें दिल ही समझता है, होती हैं दफन इसकी बातें इसी में, इसी से सच्चा प्यार उपजता है। हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की होने पर नाराज उधड़वा तो मनाने पर तुम्हें , मन चाहा स्वेटर लिए अपने बुनवा लिया करो हमें। न हुआ करो नाराज हमसे, चाहे भले ही दो चार बातें, सुना लिया करो हमें। हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल, अगर बाहर से नहीं तो अपने दिल से सुन लिया करो हमें। ©Ravindra Singh हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की...
zईशान जब्बार
नेता बनाने की पंक्ति । तुम भी देखो ज़रा , क्या हवा चल रही । है धुंआ तो कहि , आग भी जल रही । दुश्मनो से ये कह दो , की ठहरे ज़रा । इंसा मुझमे अभी ,जी रहा है कहि । हद को टुडू मरोडू , इंसान की । मुझमे राछस अभी जन ,रहा है कोई । फिर दिखाऊँगा ,धर्मो की पैरवी । फिर चलूँगा डगर , राछसो के तभी । मुझको उत्पात में , फिर मज़ा आएगा । हर ज्ञानी भी ,तलवो पे झुक जाएगा । ठोकरों पर रहेगी , अदालत सभी । तब कहि नेता , मैं कहलाऊँगा । #वर्तमान में नेता बनने की सामग्री