Find the Latest Status about फेफड़े में इन्फेक्शन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फेफड़े में इन्फेक्शन.
anil saini
Dr. Naveen Prajapati
तुम क़लम बनो ,मैं बनूँ लफ़्ज तुम्हारा हम क़ातिब बन इख्लास की जीवन्त कथा लिख जाएँगे तुम जज़्बात बनो, मैं बनूँ ज़िक्र तुम्हारा हम एहसास बन एतबार की अटूट रस्म निभा जाएँगे तुम नींद बनो , मैं बनूँ ख़्वाब तुम्हारा हम फ़रिश्ते बन इक - दूजे के कटुक कष्ट मिटा जाएँगे तुम स्वर बनो ,मैं बनूँ संगीत तुम्हारा हम मधुर ग़ज़ल बन इस जग को जीवन- राग सुना जाएँगे तुम हृदय बनो, मैं बनूँ रक्त तुम्हारा हम धड़कन बन इस मृत पड़ी रूह को अमर बना जाएँगे तुम ढाल बनो, मैं बनूँ कृपाण तुम्हारा हम पुरुषार्थी मानव बन भाग्य को कर्मों से हरा जाएँगे तुम हवा बनो, मैं बनूँ फूफुस तुम्हारा हम साँसों में साँस मिला जीवन को सफल बना जाएँगे तुम सुयोग बनो, मैं बनूँ वक़्त तुम्हारा इक- दूजे की कीमत पहचान इतिहास अमर बना जाएँगे तुम दौड़ बनो, मैं बनूँ धावक तुम्हारा हम कदमों से कदम मिलाकर दोनों कालजयी हो जाएँगे तुम नदी बनो, मैं बनूँ सागर तुम्हारा हम इक- दूजे की मंजिल बन ये मिलन सफल बना जाएँगे #dr_naveen_prajapati#शून्य_से_शून्य_तक हम उन्मुक्त पंछी हैं, "किसके लिए लिखी" यह पूछकर उपहास न उड़ाएँ🙏 #कवि_कुछ_भी_कलमबद्ध_कर_सकता_है.. #तुम
पूजा निषाद
सीढियां चढने में डर नहीं लगता महान बनने में लगता है भारत, मात्र ऐसा देश है जिसने जाना है समय के हर पड़ाव को सींचा है खून पसीने से आत्मीयता के राग को दुनिया के महानतम देश नहीं जानते आधुनिकता के शिखर पर उन्होने क्या खोया है पर भारत जानता है ये खेत खलिहान इसके फेफड़े हैं और फेफड़े जलाकर वो महान कभी नहीं बनेगा ! सीढियां चढने में डर नहीं लगता महान बनने में लगता है भारत, मात्र ऐसा देश है जिसने जाना है समय के हर पड़ाव को सींचा है खून पसीने से आत्
Pooja Nishad
सीढियां चढने में डर नहीं लगता महान बनने में लगता है भारत, मात्र ऐसा देश है जिसने जाना है समय के हर पड़ाव को सींचा है खून पसीने से आत्मीयता के राग को दुनिया के महानतम देश नहीं जानते आधुनिकता के शिखर पर उन्होने क्या खोया है पर भारत जानता है ये खेत खलिहान इसके फेफड़े हैं और फेफड़े जलाकर वो महान कभी नहीं बनेगा ! सीढियां चढने में डर नहीं लगता महान बनने में लगता है भारत, मात्र ऐसा देश है जिसने जाना है समय के हर पड़ाव को सींचा है खून पसीने से आत्
Pramod Kumar
Kaleem Ansari
और कितना लिखू तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरयाद में मेरी रूह भी छीन के ले गई मुझ से में में ना रहा तेरे बाद में में में न रह तेरे बाद में
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं के पहरों में, उथले और गहरों में, सब ओर तुम्हें खोजती, मेरी मौन तलाश। एक दिन तो तुम मिल ही जाओगे पूर्ण है विश्वास। जल सम पारदर्शी गगन सम समदर्शी मेरी भोली आस सागर के किनारे भी अतृप्त है प्यास।। ©Veena Kapoor लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare