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Madalisha Tomar SAHBA
#Pehlealfaaz बिस्तर साँझा एक करते रहे और दिल अलग, उसे इश्क़ था उस ख़ूबसूरत बला से जिस के होंटो पर था तिल। मैं हर रात निभा रही थी किरदार उसकी पत्नी का, वो ख्वाबों में जीता रहा हर पल उसके जिस के होंटो पर था तिल। हाथ थाम सड़को पर भागती थी उसके मुशायरे में वक़्त पर जाने को, वो सुनाता रहा नज़्म, गज़ल उसके लिये जिस के होंटो पर था तिल। मैं आज अकेले बैठे ताक रहीं हूँ उस आसमान की ओर, शायद लगे उसे मेरी ख़बर जैसे कहता था उसकी लगती है जिस के होंटों पर था तिल। ~मदालिषा तोमर 'सहबा' #sahba #kavita #hindi #कविता #हिंदी #सहबा
शुभी
सहबा को भी वो ज़हराब बताता है, ज़ियारत पे जो सियासत कराता है. The hypocrisy of today's world. सहबा- wine ज़हराब- poisonous water ज़ियारत- visiting a shrine #YQbaba #Dimri #yqbhaijan #shayari #hypocris
... मोलिका
इक लौ झिलमिलाती कुम्हलाती सहती रंज-ए-जुदाई रात भर..!! नग़्मा-ए-दिल-ए-सोज़ में, बहते रहे जज़्बात रात भर..!! सहबा-ए-सुख़न :- Wine of poetry OPEN FOR COLLAB✨ #ATnightcandlesspecial • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful wor
Bhupendra Ganjam
न छेड़ ऐ हम-नशीं कैफ़िय्यत-ए-सहबा के अफ़्साने शराब-ए-बे-ख़ुदी के मुझ को साग़र याद आते हैं हक़ीक़त खुल गई 'हसरत' तिरे तर्क-ए-मोहब्बत की तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं ©Bhupendra Ganjam न छेड़ ऐ हम-नशीं कैफ़िय्यत-ए-सहबा के अफ़्साने शराब-ए-बे-ख़ुदी के मुझ को साग़र याद आते हैं हक़ीक़त खुल गई 'हसरत' तिरे तर्क-ए-मोहब्बत की तुझ
Manjeet Sharma 'Meera'
दुनिया में एक शख़्स भी बे ख़ानुमां न हो। भरपेट रोटियां मिलें जां नातवां न हो। पैदा हुए ग़रीब मरे तो भी बे नवा इंसान के नसीब में ग़म जाविदां न हो। सोते हैं जो ज़मीन पे तारों की छांव में मौसम की आग का कभी उन पे धुआँ न हो। इस्मत-दरी तो आम हुई आज मुल्क़ में इन ज़ालिमों को ऐसी सज़ा दो अमां न हो। वादे किए हसीन से शाह-ओ-वज़ीर ने डरती रियाया उनमें सियासत निहां न हो। सहबा न ग़म में पीना ये ग़म की दवा नहीं इक बार जो भी पी गया फिर शादमां न हो। हम इश्क़ से हैं दूर अभी इस ख़याल से जो ग़मगुसार दिखता कहीं जां सितां न हो। 'मीरा' ने जिसको चाहा था वो गै़र का हुआ ए दिल कहीं ये दास्ताँ विरद-ए-ज़बां न हो। #ग़ज़ल 221 2121 1221 212 🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹 दुनिया में एक शख़्स भी बे ख़ानुमां न हो। भरपेट रोटियां मिलें जां नातवां न हो। पैदा हुए ग़रीब मर
Divyanshu Pathak
किसी सरकारी दफ़्तर में ग़र लगवानी हो मुहर। मियाँ यूँ शर्माना छोड़ो सरका दो नीचे से गुहर। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "गुहर" "guhar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है मोती एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है pe
Vedantika
गुहर-ए-मोहब्बत नहीं होता सहल सभी को यहाँ जिन्हें मिलता आसानी से वे ठुकरा देते है अक्सर ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "गुहर" "guhar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है मोती एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है pe